Ayodhya Budget Tour Guide : दोस्तों, इस आर्टिकल में आपको गाजियाबाद से अयोध्या तक की यात्रा की पूरी जानकारी मिलेगी…… अपनी अयोध्या यात्रा मैंने 6 हजार रुपये से भी कम खर्च रुपये में पूरी की… इसमें गाजियाबाद से अयोध्या तक का ट्रेन टिकट, होटल में स्टे, 2 दिन का भोजन, अयोध्या से बाहर कुछ ऐसी जगहों की यात्रा जहां लोग कम जाते हैं, और अयोध्या से वापस लखनऊ एयरपोर्ट का खर्च शामिल है…
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भारत के अयोध्या से, थाईलैंड के अयुत्थाया तक की यात्रा शुरू हुई उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से… गाजियाबाद से अयोध्या जाने के लिए जिस ट्रेन से टिकट ली थी, वह थी KAIFIAT EXP… टिकट की कीमत थी 1000 रुपये…थर्ड एसी… ट्रेन का नंबर था- 12226… ये ट्रेन रात 8 बजकर 25 मिनट पर दिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन से चलती है… गाजियाबाद पहुंचती है रात 9 बजे….
दोस्तों, बात करें इस गाजियाबाद रेलवे स्टेशन की तो… ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी ने हावड़ा-दिल्ली रूट को 1866 में शुरू किया था… लेकिन दिल्ली मेरठ रूट पर ट्रेनें इससे भी 2 साल पहले यानी 1864 में ही दौड़ने लगी थीं… मेरठ तब एक बड़ा केंद्र था… और 1857 की क्रांति ने अंग्रेजों की चिंताएं बढ़ा दी थी इसलिए झटपट काम शुरू हुआ था दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ रूट पर… 1870 में सिंध, पंजाब और दिल्ली रेलवे ने 483 किलोमीटर लंबे अमृतसर-अंबाला-सहारनपुर-गाजियाबाद रूट को 1870 में तैयार किया था… ये लाइन पाकिस्तान के मुल्तान रेलवे से कनेक्ट होती थी…
इसके बाद गाजियाबाद-मुरादाबाद रेल लिंक को अवध और रुहेलखंड रेलवे साल 1900 में तैयार किया था…
ये तो हो गई अपने जिला गाजियाबाद रेलवे स्टेशन और उसके रेल रूट की… इंतजार करके करते समय बीता और फिर आ गई छुक छुक करती अपनी रेलगाड़ी…
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अब बात सफर की… ट्रेन अपर सीट की बुकिंग तो जानबूझकर की थी लेकिन पता होता कि सिर उठाने की भी जगह नहीं मिलेगी, तो ऐसा कतई न करता… यहां 150 रुपये में एक वेज थाली ली…
दिल्ली से अयोध्या तक कैफियत एक्सप्रेस 650 किलोमीटर की दूरी को कवर करती है… सुबह आंख खुली तो बाहर ग्रामीण नजारे दिखाई दे रहे थे… ट्रेन में कुछ लोगों से बातचीत हुई।..
कैफियत एक्सप्रेस के अयोध्या पहुंचने का समय तो है सुबह 7 बजकर 9 मिनट पर लेकिन ट्रेन लेट हो गई और पहुंची साढ़े 7 बजे के बाद…
अयोध्या रेलवे स्टेशन उतरकर सबसे पहले उस बोर्ड के पास पहुंचा जिसपर स्टेशन का नाम लिखा होता है…
ऐसा इसलिए ताकि अयुत्थाया से इस यात्रा को कनेक्ट करने के लिए तस्वीर कैमरे में उतार सकूं…
अयोध्या स्टेशन के नजदीक ही महाराष्ट्र धर्मशाला, गुजराती धर्मशाला जैसे कई ठहरने के स्थान है… यहां गेस्ट हाउस और होटल्स भी हैं… ये सभी पैदल दूरी पर हैं… गुजराती धर्मशाला में सिंगल एंट्री नहीं है… वैसे यहां एक रात के लिए एक कमरे का शुल्क 600 रुपये है… मुझे यहां ठिकाना नहीं मिला…तो मैंने शक्ति गेस्ट हाउस में कमरा बुक किया…एक एसी रूम 800 रुपये में.. यानी दो रात के 1600 रुपये… यहां खाने-पीने के लिए भी अच्छे ऑप्शंस हैं… कुछ अच्छे खासे रेट वाले रेस्टोरेंट हैं, तो कुछ किफायती…
हालांकि, आगे मैं आपको अयोध्या में एक ऐसी जगह बताउंगा जहां आप और आपके साथ आए सभी लोग मुफ्त में भोजन कर सकते हैं…
वैसे मैंने सुबह ब्रेकफास्ट में छोले भटूरे खाए और चाय पी…कुल खर्चा आया 40 रुपये…
इसके बाद राम जन्मभूमि के दर्शन किए… यहां किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक सामान अलाउ नहीं है… बाहर लॉकर की सुविधा है और ये आपसे 10 या 20 रुपये एक लॉकर के बदले चार्ज लेते हैं… अयोध्या रेलवे स्टेशन से राम मंदिर 450 मीटर दूर है… रास्ते में अगर आपका होटल है, तो आप होटल में ही अपना सामान रखकर आएं… यही सही रहता है.. हालांकि मैं क्योंकि सारा सामान साथ लेकर चल रहा था, मोबाइल, पासपोर्ट, कैमरा… तो मैंने ये लॉकर लिया 20 रुपये में…
राम मंदिर में आपको राम दाने का दो पुड़िया मिलती हैं…. आप इस प्रसाद को घर पर ले जा सकते हैं…
राम मंदिर के बाद सुग्रीव किला, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, भरत महल भी जाएं… ये सभी जगहें नजदीक ही हैं…
इन यात्राओं को करने के बाद दोपहर के भोजन का वक्त हो चला था… और मैं चल दिया अमावा राम मंदिर की ओर..
शानदार भोजन और वो भी हजारों के साथ… कमाल का प्रयास है ये… भोजन में आपको पूड़ी, सब्जी, दाल, चिप्स, चावल, अचार आदि मिलता है…
अमावा राम मंदिर में भोजन के बाद सफर बढ़ चला राम की पैड़ी या नया घाट की ओर… इस वक्त तक अयोध्या के सभी मंदिर बंद हो चुके होते हैं…
राम की पैड़ी पर कुछ देर पानी में पैर डालकर बैठा रहा… फिर सरयू घाट की ओर बढ़ा… इसी सरयू से एक धारा निकालकर राम की पैड़ी में डाली गई है… राम की पैड़ी पर ही अयोध्या के बड़े इवेंट्स और दीपोत्सव होता है..
राम की पैड़ी से लौटते वक्त लता मंगेशकर चौक भी गया… लता मंगेशकर चौक पर लता जी के गाये गीत बजते रहते हैं… यहां रखी विशाल वीणा एक सेल्फी पॉइंट बन चुकी है… इसके बाद गया श्रवण कुंज और मणिराम दास छावनी… रास्ते में पान भी खाया…
अब होटल में लौट आया… वो भी पैदल ही… होटल में आकर डेटा ट्रांसफर किया… और थोड़ा आराम करके रात को निकल गया अयोध्या घूमने… एक जगह 20 रुपये की लिट्टी खाई और पी चाय… खर्च आया कुल 30 रुपये…
थोड़ी देर बाद बिड़ला मंदिर की कैंटीन पहुंचा… पिछली बार इसी बिड़ला धर्मशाला में ही ठहरा था… सो जानकारी होने से यहां आ सका… यहां की कैंटीन में 100 रुपये में मिलता है डिनर… सो वहां डिनर किया… कैंटीन को चलाते हैं दिल्ली के ही एक शख्स,… सो उनसे भी ढेर सारी बात हुई…
इस पहले दिन की यात्रा में ट्रेन टिकट 1000 रुपये, रात को ट्रेन में डिनर 150 रुपये, पानी की बोतल 15 रुपये, सुबह नाश्ते का खर्च 40, राम मंदिर के नजदीक दालें खाई उसका खर्च 20 रुपये, चाय पी उसके 10 रुपये, लॉकर के 20 रुपये, राम की पैड़ी तक एक ई-रिक्शा किया उसका खर्च 10 रुपये आया… पान का खर्च 10 रुपये, रात को लिट्टी और चाय 30 रुपये में, बिड़ला मंदिर की कैंटीन में डिनर 100 रुपये में… और रास्ते में दो जगह पानी की बॉटल का खर्च 40 रुपये…
और होटल में स्टे के पहले दिन का कॉस्ट जोड़ा जाए तो 800 रुपये… ऐसे में, पहले दिन तक खर्च हुए 2205 रुपये …
अब बारी थी अगले दिन की… इस दिन मुझे ऐसी जगहों पर जाना था जो अयोध्या से दूर थीं… ये जगहें थी मखौड़ा धाम जहां राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था… श्रवण क्षेत्र जहां राजा दशरथ ने श्रवण कुमार पर शब्दभेदी बाण चलाए थे और भरतकुंड जहां रहकर भरत ने तप किया था, उन्हीं 14 वर्षों के दौरान जब श्रीराम वन में थे…
इसके लिए मैंने अयोध्या के ही एक दोस्त से मदद ली थी… उसने मेरे लिए कार का इंतजाम कर दिया था… जो उन्हीं के पड़ोसी की थी और वह टैक्सी प्रोवाइड करने का काम करते हैं…
ये गाड़ी मैंने सुबह सुबह बुला ली थी… जब दिन ठीक से निकला भी नहीं था तब मैं निकल चुका था श्रवण क्षेत्र के लिए… अयोध्या रोड का काम चलने और उस रोज मंगलवार होने की वजह से भीड़ की गुंजाइश ज्यादा थी…
श्रवण क्षेत्र, मखौड़ा धाम और भरतकुंड पर हमने विस्तार से वीडियो बनाया है, आप अयोध्या से अयुत्थाया की यात्रा वाली प्लेलिस्ट में जाकर उसे देख सकते हैं… अयोध्या से हाईवे 135ए आपको श्रवण क्षेत्र लेकर जाता है… अयोध्या में बूथ नंबर 4 से मुड़ते ही सीधा रास्ता है… हाइवे सीधा आपको चिउंटीपारा गांव लेकर आता है… यहां रास्ते में एक जगह समोसे खाए और चाय पी… 4 समोसे, 2 चाय का खर्च आया 52 रुपये…
चिउंटीपारा गांव से आए भरतकुंड… और भरतकुंड से मखौड़ा धाम… रास्ते में एक जगह छोले भटूरे और छोले चावल खाए… इसका खर्च आया 50 रुपये… आगे चलकर ये ऑप्शन मुझे बिड़ला मंदिर की कैंटीन और रात को जिस होटल में डिनर किया उससे बेहतर लगा…
सुबह जल्दी निकलने का फायदा ये हुआ कि मैं 2 बजे तक वापस अयोध्या आ चुका था… टैक्सी का पूरा किराया दिया 2200 रुपये… वापस अयोध्या आकर सुग्रीव किला गया… यहां सुग्रीव किला गया और वहां के पीठाधीश्वर से बात की… फिर गया मणि पर्वत… मणि पर्वत थोड़ा दूर है तो वहां जाने और आने में 100 रुपये खर्च हो गए… 50 रुपये जाते वक्त ई-रिक्शा से और 50 रुपये आते वक्त थ्री व्हीलर में…
मणि पर्वत से आकर होटल में थोड़ा आराम किया और फिर स्टेशन रोड पर ही एक होटल में डिनर करने गया… ये थाली 150 की थी लेकिन स्वाद बिल्कुल नहीं था… मजा नहीं आया…
अगली सुबह निकलना था लखनऊ एयरपोर्ट के लिए… तो रात को ही पैकिंग करके सोया… सुबह 5 बजे उठकर सबसे पहले राम मंदिर में दर्शन किए… नाश्ता किया..50. रुपये में.. 800 रुपये होटल में दिए और 9 बजे निकल गया था लखनऊ एयरपोर्ट के लिए…
अयोध्या से बस स्टैंड तक थ्री व्हीलर में बैठा 20 रुपये खर्च आया. फैजाबाद बस स्टेशन से लखनऊ तक बस का किराया 275 रुपये के लगभग है… लखनऊ पहुंचने में 3 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया… आलमबाग बस के मेट्रो स्टेशन से चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे तक 6 स्टेशन पड़ते हैं, आलमबाग, सिंगार नगर, कृष्णा नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, अमौसी और चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डा… टोकन आया 20 रुपये का… कुछ ही देर में पहुंच चुका था एयरपोर्ट…
दूसरे दिन और तीसरे दिन लखनऊ एयरपोर्ट तक के खर्च को जोड़ा जाए तो टोटल हो जाता है, 5900 रुपये…
दोस्तों, ये वीडियो आपको कैसा लगा, हमें जरूर बताएं… अयोध्या से अयुत्थाया सीरीज के कई वीडियोज अभी आने बाकी हैं.. जो आ चुके हैं, उन्हें भी देखें… चैनल को सब्सक्राइब भी करें… मिलता हूं अगले वीडियो में, अपना ध्यान रखिएगा…
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