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Amarnath Yatra Blog First Day : दिल्ली में लेट हो गई ट्रेन, Chandrakot में शिविर में बिताई रात

Amarnath Yatra Blog First Day : दोस्तों, हमने अगस्त 2024 में Amarnath Yatra का प्लान बनाया. इस ब्लॉग में आप हमारी इसी यात्रा के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे. हमारी Amarnath की यात्रा शुरू हुई थी 10 अगस्त 2024, यानि Saturday को उस दिन से जब हम Delhi से Train लेकर Jammu Tawi के लिए रवाना हुए थे. Jammu Tawi से हमें Bhagwati Nagar पहुंचना था और वहां से बस के जरिए Baltal तक जाना था. इस यात्रा में दिल्ली से हम 5 दोस्त साथ थे, जिनमें मैं, रंजीत, संजय, पवन, रितेश थे. सभी की टिकटें Delhi Cantt Railway Station से हुई थीं. इस यात्रा में हमें जिस Train से जाना था, वो Train साढ़े 3 घंटे की देरी से Station पहुंची. Train का इंतजार करते करते ही हमने Station पर डिनर कर लिया था. Dinner के बाद चाय पी.

इंटरनेट पर इस मंदिर को लेकर कई सवाल पूछे जाते हैं जैसे कि Amarnath Yatra 2024,Amarnath Yatra route,Amarnath Yatra 2024 starting date,Amarnath Yatra 2024 registration online,Amarnath Yatra distance,Amarnath Yatra registration,Amarnath Yatra video,Amarnath Yatra 2024 registration last date कई सवाल यूजर्स पूछते हैं.

Train को लेकर एक छोटी सी दिक्कत उसके आते ही दूर हो गई. दरअसल, हमारी Train की Ticket Sleeper class  में थी. उस रोज उमस भरी गर्मी के चलते Sleeper की सवारी करना हमें नामुमकिन लगा. ऐसे में Train आते ही सबसे पहले हमने आपस में चर्चा करके ट्रेन को AC क्लास में अपग्रेड कराने का फैसला किया. हम इसके बाद दिल्ली स्टेशन पर टीटीई के पास पहुंचे. टीटीई से हमने अनुरोध किया और झटपट हमें AC क्लास की 5 टिकटें मिल गईं.

इसके बाद हमने सामान AC में शिफ्ट किया. और चल दिए अपनी अपनी सीट पर. अब जो ट्रेन साढ़े तीन घंटे लेट आई थी, Jammu पहुंचते पहुंचते वो पांच घंटे लेट हो गई. Jammu Station से बाहर आकर हमने Bhagwati Nagar का पता किया. Station के बाहर Army का काफिला देखा. लाइफ में ऐसा मैंने अब तक फिल्मों में ही देखा था. रियल लाइफ में पहली बार Army की बख्तरबंद गाड़ी और काफिला देखकर एक पल के लिए तो मन भयग्रस्त हो गया था.

यहां कई ऑटो वालों से पता किया, तो सभी के अलग अलग रेट थे. एक सिपाही ने कहा कि भगवती नगर को Amarnath pilgrims के लिए बंद कर दिया गया है. हालांकि किसी दूसरे विकल्प के बारे में न सोचकर और सिपाही की बात को भी अनसुना करके हमने Bhagwati Nagar जाने का फैसला किया. एक ऑटोवाले ने हमें 200 रुपये में भगवती नगर ड्रॉप किया.

Jammu के Bhagwati Nagar जाते हुए हमने बड़े बड़े घर देखे. ये देखकर अच्छा लगा कि Jammu बेहद खुला हुआ है. यहां आबादी भी कम है. हम 20 मिनट में Bhagwati Nagar  पहुंच गए थे. लेकिन यहां एक और झटका तब लगा, जब ये देखा कि Bhagwati Nagar base campको Amarnath Pilgrimsके लिए बंद कर दिया गया है. इसे अब Buddha Amarnath जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां ये जानकर बड़ा झटका सा लगा.

बैरिकेडिंग के बाहर तैनात पुलिसवालों से लंबी बातचीत और सलाह लेकर हम जैसे ही मुड़े, यूपी के देवरिया से आए तो लड़के मिले. वो भी Amarnath Yatra  के लिए आए थे. उन्हें भी वहीं उत्तर मिला, जो हमें मिला था. अब हम 5 से 7 हो गए थे. हम सभी ने निर्णय लिया कि यहां से Jammu Bus Stand चलेंगे. वहां से Taxi लेकर बालटाल या Srinagar के कुछ साथियों का मन तो डल लेक के किनारे घूमने का था. Jammu Bus Stand तक जाने के लिए हमने कोई सवारी नहीं लेने का फैसला किया था, ऐसा इसलिए क्योंकि google map वहां तक की दूरी 2 किलोमीटर से कम बता रहा था.

लेकिन कहते हैं न कि google map पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए. यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ. Canal Roadसे चलकर आने में हमें लगभग 4 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ी. Bus Stand तक आने के लिए हम जिस कैनाल रोड से चलकर आए थे, वहीं एक कोने में पकौड़े भी खाए. भरपेट पकौड़े खाने के बाद हम Canal Road से आगे बढ़ने लगे. इस रोड पर हमें एक से बढ़कर एक बेहतरीन दुकानें दिखाई दीं. जिस जगह कैनाल रोड खत्म होती है, वहीं एक फ्लाईओवर है, वहां से लेफ्ट होकर कुछ दूरी पर Jammu Bus Stand है.

Jammu Bus Stand से पहले ही बाईं ओर हमें टैक्सियां मिलीं. हालांकि इनके रेट अलग अलग थ. किसी ने 8 हजार कहा, तो किसी ने 7 हजार. आखिरकार हम भी अड़े. और एक जगह बात आकर खत्म हुई 4200 रुपये पर. इस टैक्सी के चालक थे मोहम्मद नबी. नबी रहने वाले थे Awantipora के. नबी ने झटपट गाड़ी चलानी शुरू की. गाड़ी चलने के बाद बहुत राहत मिली. ऐसा लगा जैसे अब हमारा प्लान सही दिशा में आ चुका था.

Jammu के बाद आया Udhampur और फिर Samrauli. समरौली में हमने चाय पी. चूंकि हम Jammu से निकलने में लेट हो गए थे, इसलिए Samrauli पहुंचते पहुंचते 5 बजे से ज्यादा का वक्त हो गया था. समरौली के बाद हम जैसे ही Chandrakot पहुंचे यहां सड़क पर मुस्तैद CRPF के जवानों ने हमें रोक लिया. हमसे कहा गया कि चंद्रकोट में ही नीचे बने यात्री शिविर में रुक जाएं. यहां से आगे कल सुबह ही जा पाएंगे.

CRPF के जवानों से हमने अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि सामने टेंट में तैनात ऑफिसर से बात करनी होगी. अगर वो कह देंगे तो हम आगे जा सकते हैं. हम टेंट तक गए. ऑफिसर को समझाया तो उन्होंने पहले तो हां कह दिया, लेकिन फिर बाहर आकर सड़क पर तैनात जवानों से बात की. वो हमें रुकने का इशारा कर चुके थे. इसके बाद हमें नीचे जाकर ऑफिसर्स से बात करने को कहा. हम नीचे पहुंचे तो देखा कि एक एंट्री गेट के अंदर Amarnath जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए कमाल का शिविर बनाया गया है.

यहां एक गेट से अंदर एंट्री की और फिर रास्ते को फॉलो करते हुए पहाड़ी से नीचे जाने लगे. यहां पर एक बैरिकेडिंग पर जम्मू-कश्मीर पुलिस फोर्स के जवान और एक ASI तैनात थे. साथ में CRPF के भी जवान थे. यहां ASI ने हमें यहीं पर रुककर आराम करने को कहा और साथ में जोड़ा कि सभी सुविधाएं मुफ्त हैं, चिंता की कोई बात नहीं. अब कोई दूसरा रास्ता न देख, हमने नबी से भी अंदर ही रुकने को कहा. हम सभी अंदर गए. एंट्री करवाई. रजिस्टर में हर एक बात को लिखा गया.

इसके बाद हम चल दिए अपने कमरों की ओर. Chandrakot में बना ये शिविर कमाल का था. कमरों के अंदर डोर्मेटरी बैड थे. वॉशरूम की सुविधा थी. लंगर की सुविधा Firozpur के एक मंदिर ने की हुई थी. सबकुछ बेहतर था. रात में लंगर चख और फिर पी चाय. चाय भी कमाल की थी. नहाकर और खाकर मानों आधी थकान मिट चुकी थी. इसके बाद नबी बाहर गाड़ी में ही सोने चले गए, और हम भी सो गए.

अब आई अगली सुबह… सुबह की परेशानी अलग तरह की थी. वॉशरूम में पानी नहीं आ रहा था. किसी दूसरे ब्लॉक के वॉशरूम में जाकर फ्रैश हुए. साढ़े चार बजे हम गाड़ी के पास पहुंच चुके थे. दूर दूर से आई गाड़ियों का काफिला एक के पीछे एक तैयार खड़ा था. और सबसे आगे व पीछे CRPF की गाड़ियां थीं. यहां से काफिला चल पड़ा था बालटाल की ओर… अगले ब्लॉग में आप जानेंगे कि हमारी यात्रा का दूसरा दिन कैसा रहा.

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