उत्तराखंड की तकदीर बदलने वाली All Weather Road, जानें देश को और आपको क्या फायदा होगा इससे
All Weather Road in Uttarakhand –12 हजार करोड़ की लागत से लगभग 900 किमी लम्बी सड़क ऑलवेदर रोड के नाम से उत्तराखंड के चार धार्मिक पर्यटक स्थलों तक बनेगी. जिसका निर्माण कार्य ऋषिकेश से आरम्भ हो चुका है. यदि यह महत्वकांक्षी योजना ठीक-ठाक रही तो आने वाले दिनों में दुनिया भर के श्रद्धालुओं की उत्तराखण्ड के पवित्र स्थल केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री तक सीधी पहुंच होगी. ऐसा भी माना जा रहा है कि यह देश की पहली पहाड़ी मोटर रोड़ होगी जिस पर 24 घंटे आवागमन के लिए यातायात जैसी सुविधा उपलब्ध होगी.
केंद्र सरकार का एक प्रोजेक्ट है-चारधाम प्रोजेक्ट या ऑल वेदर रोड. इसके तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे उत्तराखंड के चार धाम को आपस में हाइवे के जरिए जोड़ने की योजना है. उत्तराखंड में इस वक्त चारधाम ऑल वेदर रोड का काम चल रहा है. सड़कें खुदी हुई हैं, जिस वजह से पहाड़ी इलाकों में जाम लगता है, लोगों को परेशानी होती है. फिलहाल इस परेशानी से निजात नहीं मिलने वाली. पहले कहा जा रहा था कि ऑल वेदर रोड का काम साल 2020 तक पूरा हो जाएगा कोरोना के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाएगा. अब चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट साल 2020 में नहीं बल्कि साल 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है. अगले कुछ साल में प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ उत्तराखंड के चारधाम आपस में जुड़ जाएंगे. बता दें कि ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पर्यावरण नुकसान कम करने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा. पर्यावरण को कम नुकसान हो और सड़क काम भी जल्द पूरा हो.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी कमेटी के सुझाव पर प्रोजेक्ट के नए काम जल्द शुरू होंगे. किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. उन्हे खेती के साथ-साथ डेयरी, मत्स्य पालन, भेड़-बकरी पालन से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनकी आमदनी दोगुनी हो. आपको बता दें कि ऑलवेदर प्रोजेक्ट के तहत पिथौरागढ़ से टनकपुर तक 150 किलोमीटर सड़क बननी है. सड़क का काम नवंबर 2017 में शुरू हुआ था. काम दो साल में पूरा हो जाना था लेकिन सड़क पर अब भी चट्टान कटिंग, चौड़ीकरण के साथ ही डामरीकरण का काम बचा हुआ है. नालियों का निर्माण भी नहीं हो पाया है. (all weather road) इसका मतलब ये है कि पहाड़ के दूसरे हिस्सों की तरह पिथौरागढ़-टनकपुर के बीच आने-जाने वाले यात्रियों को भी अभी और दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी. यहां ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत 6 मीटर चौड़ी सड़क को दोगुना कर 12 मीटर चौड़ा किया जाना है. प्रोजेक्ट का काम टनकपुर-बेलखेत, बेलखेत-चंपावत, चंपावत-च्यूरानी और च्यूरानी-पिथौरागढ़ पैकेज के तहत किया जाएगा.
All Weather Road Project
यह करीब 889 किमी लंबी रोडों को चौड़ा किए जाने का प्रोजेक्ट है. इनकी मरम्मत की जा रही है, हाइवे में बदला जा रहा है. साल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले दिसंबर 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया था. (all weather road) पहले इस प्रोजेक्ट का नाम ‘ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट’ था. लेकिन बाद में नाम बदलकर ‘चारधाम प्रोजेक्ट’ कर दिया गया. ये चारधामों को सड़क से जोड़ने का प्रोजेक्ट है. इसमें आने और जाने, दोनों तरफ डबल लेन सड़कें बनाई जाएंगी. पुरानी सड़कों को ठीक किया जाएगा. जहां पर सड़कों की चौड़ाई कम है, वहां पर चौड़ाई बढ़ाकर 12 मीटर तक की जाएगी.
All Weather Road Project Cost
12 हजार करोड़ रुपये है लागत
4 हजार करोड़ रुपये हो चुके हैं खर्च
889 किलोमीटर की बारहमासी सड़क का निर्माण
646 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण
करीब 450 किलोमीटर चौड़ीकरण का काम पूरा
Where Will The Project go Through
प्रोजेक्ट में एक मुख्य सड़क है, जिस पर आगे बढ़ने के साथ चार अलग-अलग रास्ते निकलते हैं, जो चारों धाम को जाते हैं. यह सड़क ऋषिकेश से शुरू होकर उत्तर दिशा में माना नाम के गांव तक जाती है.
पहला रास्ता, ऋषिकेश से निकलेगा, जो धारासु नाम की जगह तक जाएगा.
दूसरा, धारासु से एक रास्ता यमुनोत्री और दूसरा गंगोत्री जाएगा.
तीसरा, यह रास्ता भी ऋषिकेश से शुरू होगा और रुद्रप्रयाग तक जाएगा. रुद्रप्रयाग से एक रास्ता केदारनाथ के लिए गौरीकुंड तक निकल जाएगा.
चौथा, रुद्रप्रयाग से एक रास्ता आगे बद्रीनाथ के लिए माना गांव तक जाएगा.