Deeg Palace-भरतपुर जिले के डीग शहर में स्थित है डीग पैलेस, डीग शहर का प्राचीन नाम दीर्घापुर था. यह महल जाट शासक महाराजा सूरजमल और जवाहर सिंह द्वारा बनवाया गया था. किले का मुख्य आकर्षण है यहां का निगरानी बुर्ज, जहां से न केवल पूरे महल को देखा जा सकता है, बल्कि शहर का नजारा भी लिया जा सकता है. आगरा किले से लूटकर यहां लाई गई तोप के अलावा गहरी खाई, ऊंची दीवारों और मजबूत द्वारों के घिरे अब इस किले के अवशेष मात्र ही देखे जा सकते हैं.
भरतपुर के डीग पैलेस भरतपुर किंग्स की गर्मियों के रिज़ॉर्ट थे. 1772 में राजा सूरज माल द्वारा निर्मित, डीग पैलेस राजपूत और मुगल वास्तुकला के मिश्रण के साथ बनाया गया है. बागानों का डिजाइन मुगल चरबाग से प्रेरित है. सजावटी फूलों, झाड़ियां, पेड़ और फव्वारे गर्मियों के दौरान महल को ठंडा रखते हैं. यह भरतपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में से एक है.
दीग पैलेस की वास्तुकला का मुख्य रूप से भव्य मंदिर, जिसे गोपाल भवन, सूरज भवन, किशन भवन, नंद भवन, केशव भवन, हरदेव भवन, के नाम से जाना जाता है. इन महलों की विशेषताएं संतुलित रूपरेखाएं, ठीक अनुपात, विशाल हॉल, आकर्षक और तार्किक रूप से निपटारे वाले आर्केड, झरने के साथ आकर्षक हरियाली, आकर्षक टैंकों और नेहरे हैं. डीग गार्डन का लेआउट मुगल चार बाग पैटर्न की औपचारिकता पर आधारित है और दो जलाशयों से घिरा हुआ है जिसे रूपा सागर और गोपाल सागर कहते हैं.
दुबई का रईस शहर होने के पीछे ये है कहानी, जानकर आप रह जाएंगे दंग
डीग पैलेस की वास्तुकला मुख्य रूप से ट्रेबेट ऑर्डर का है, लेकिन कुछ उदाहरणों में आर्कटेट सिस्टम का उपयोग भी किया गया है. आर्केड सजावटी गुणवत्ता के हैं क्योंकि प्रत्येक मेहराब खम्भों से पेश करने वाले स्पैन्ड्रल आकार की स्लैब कैंटिवलर्स में शामिल होने से होता है. इस शैली की सामान्य विशेषताएं उत्कीर्ण मेहराब हैं जो ऊपरी खम्भों, सपाट छतों, बालकनियों और मंडप पर आराम कर रहे हैं.
शुक्रवार को छोड़कर डीग पैलेस 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है. डीग पैलेस भरतपुर शहर से लगभग 37 किमी की दूरी पर स्थित है. आगरा हवाई अड्डे निकटतम हवाई अड्डा है, जबकि महल में निकटतम रेलवे स्टेशन भरतपुर जंक्शन है. डीग दिल्ली से लगभग चार घंटे दूर है, आगरा से दो घंटे और मथुरा से एक घंटा. डीग के महलों में चतुष्कोण बनाते हुए बीच में एक बगीचा है जोकि चारबाग शैली में बना हुआ. इसमें फव्वारे लगे हुए हैं और यह महल अपने फव्वारे के लिए प्रसिद्ध है. इन फव्वारों को आज भी वर्ष में दो बार संचालित किया जाता है. पूर्व व पश्चिम में दो सरोवर है जिनको गोपाल व रूप सागर कहा जाता है.
यहां जानें लड़के और लड़कियों की शादी की सही उम्र क्या होनी चाहिए जिसे विज्ञान भी करता है Agree
उत्तर की और नन्द भवन है, पश्चिम में मुख्य इमारत गोपाल भवन है, जो सभी महलों में सर्वाधिक विशाल है. यह तीनों और से दुमंजिला है और बीच में विशाल सभा भवन है. गोपाल भवन से थोडी दूर दो छोटी इमारतें हैं जो सावन-भादों भवन के नाम से जानी जाती हैं. यहां आकर पर्यटकों को प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिलता है.
मोरक्को का अल हनाउत है टेस्ट का बादशाह, 20 से ज्यादा मसालों से किया जाता है तैयार
दो अलग अलग सरोवरों के नाम गोपाल सागर और रूप सागर दिए गए हैं. जल महल पैलेस की ख्याति इसके रंग बिरंगे फव्वारों के लिए है. इसमें पानी आने का इंतजाम गोपाल सागर से किया गया है. अभी भी साल में दो बार इन फव्वारों को चलाया जाता है. हर साल अक्तूबर में डीग में प्रशासन की ओर मेला लगता है. तब ये फव्वारे चालू किए जाते हैं. सम्पूर्ण उत्तर भारत में हिन्दू शैली के एकमात्र महल डीग के जल महल हैं. इन भवनों में काम लाई गई तकनीक आज भी आधुनिकतम बनी हुई है.
डीग पैलेस पैलेस एक बहुत ही शानदार संरचना है जहां की यात्रा करने के लिए आपको एक बार अवश्य जाना चाहिए. अगर आप डीग पैलेस घूमने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि आपको इस महल को देखने के लिए अक्टूबर से मार्च के महीनों में ही जाना चाहिए.
अप्रैल से जून तक राजस्थान में गर्मी का मौसम होता है जिसकी वजह से यहां का तापमान 50 डिग्री से अधिक हो जाता है. इसके अलावा आप डीग पैलेस की यात्रा सितंबर में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मेले के दौरान भी कर सकते हैं. यह समय इस आकर्षक संरचना के लिए जाने का सबसे उचित समय है.
डीग पैलेस निकटवर्ती शहरों दिल्ली, आगरा और जयपुर से रेल और सड़क दोनों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. कोई भी पर्यटक इन शहरों से आप 3-4 घंटे में डीग पैलेस पहुंच सकता है. पर्यटक रेल, सड़क और वायु मार्ग से डीग पैलेस की यात्रा बड़ी आसानी से कर सकते है जिसकी जानकारी हमने नीचे विस्तार से दी है.
By Air
डीग पैलेस के लिए सीधी उड़ान कनेक्टिविटी नहीं है. इसका निजदीकी हवाई अड्डा आगरा में स्थित है जो करीब 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. डीग पैलेस जाने के लिए विकल्प के रूप में निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली हवाई अड्डा है जो 180 किमी दूर है. जयपुर हवाई अड्डा राजस्थान में स्थित एक प्रमुख हवाई अड्डा है जो डीग पैलेस से 219 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इन सभी हवाई अड्डे से आप अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराये पर ले सकते हैं.
By Train
अगर आप ट्रेन द्वारा डीग पैलेस के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि दिल्ली, आगरा और भरतपुर जैसे शहरों से आप यहां के लिए ट्रेन ले सकते हैं. डीग रेलवे स्टेशन मथुरा-अलवर रेलवे लाइन पर स्थित है.
By Road
अगर आप डीग पैलेस की यात्रा सड़क मार्ग द्वारा करना चाहते हैं तो बात अदेन कि आप दिल्ली, आगरा, भरतपुर, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों से यहां सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं. सड़क मार्ग द्वारा डीग पैलेस की यात्रा करना एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इस यात्रा में आप रास्ते में पड़ने वाले कई आकर्षक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं.
Kupwara Travel Blog : कुपवाड़ा जिला, जो 1979 में तत्कालीन जिला बारामुल्ला से अलग होकर… Read More
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More