Godda-झारखंड में गोड्डा जिला एक शहर और नगरपालिका है. यह गोड्डा जिले का मुख्यालय है. गोड्डा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक पर्यटन स्थल हैं. यदि इन्हें विकसित कर दिया जाए तो हर बरस आने वाली सैलानियों की संख्या में इजाफा हो सकता है. परन्तु आज तक जिला प्रशासन से लेकर पर्यटन विभाग का इन एतिहासिक स्थलों पर ध्यान नहीं किया गया. रखर-खाव के अभाव में इनका अस्तित्व खत्म होता जा रहा है.मनोहारी स्थल को विकसित व बेहतर पहुंच पथ बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है.
गोड्डा जिले को 17 मई, 1983 को पुराने संथाल परगना जिले से बाहर बनाया गया था जिसे विभाजन के स्तर पर अपग्रेड किया गया था. वर्तमान संथाल परगना डिवीजन में 6 जिले शामिल हैं.गोड्डा, दुमका, देवघर, साहेबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा. गोड्डा (एम), जिले का एकमात्र शहर, गोड्डा जिले और गोड्डा उपखंड का मुख्यालय है.
गोड्डा 1981 की जनगणना तक अविभाजित संथाल परगना जिले का एक हिस्सा था. बाद में, संथाल परगना के पुराने गोड्डा उपमंडल को अलग कर एक नया जिला बनाया गया. 1845-55 के संथाल विद्रोह के परिणामस्वरूप भागलपुर और बीरभूम के भागों से संथाल परगना का जिला बनाया गया था. वर्तमान में गोड्डा जिले में आठ ब्लॉक शामिल हैं: मेहरमा, महागामा, बोरीजोर, पथरगामा, गोड्डा, सुंदरपहाड़ी, पोरैयाहाट, बसंतराय और ठाकुर गंगटी. गोड्डा जिले का एकमात्र कस्बा है. जिले के भीतर 2311 गांव हैं.
गोड्डा जिला किसी भी रेलवे ट्रैक से रहित है. कई गांव अभी भी बिजली से वंचित हैं और लोग खेती के लिए पानी की कमी से पीड़ित हैं. अधिकांश निवासी किसान हैं.
जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर पहाड़ी श्रृंखला के बीच स्थित है मां योगिनी शक्ति पीठ. जहां पहाड़ी पर स्थित योगिनी गुफा, योगिनी मंदिर व ठीक बगल की धनसुख पहाड़ की चोटी पर विराजमान मनोकामना नाथ महादेव मंदिर की प्राकृतिक छटा पर्यटकों को सहज ही आकर्षित करती है. यहां पर सरकार द्वारा सीढ़ी सहित भक्त गृह व भव्य तोरण द्वारा का निर्माण कराया गया.
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यहां से थोड़ी दूर पर ही अवस्थित बारकोप स्टेट की खंडहर इमारत व भव्य कचहरी का जीर्णोद्धार नहीं कराया गया. यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. सांसद निशिकांत दूबे ने धनसुख पहाड़ पर स्थित मनोकामना नाथ मंदिर से योगिनी गुफा तक रोप वे बनाने की घोषणा भी की.
पथरगामा प्रखंड मुख्यालय से तीन किमी दूरी पर स्थित शिव शाक्त और वैष्णव साधकों की लीलास्थली चिहारी लोगों के आकर्षण का केन्द्र है. पंचमुण्डासन पर मां चिहारी का विग्रह आदि काल में कामाख्या के साधक ने स्थापित किया था. बताया जाता है कि महाभारत काल में अज्ञातवास के समय पाण्डवों ने इसी स्थान पर कुछ क्षण विश्राम किया था.
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गोड्डा-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर मुख्यालय से सात किमी दूर कझिया एवं जाताजोर के संगम स्थल पर स्थित सिंहवाहिनी में भी पर्यटन की अपार संभावनाएं है.
सुन्दरपहाड़ी प्रखंड के दमकोल का प्रसिद्ध जलप्रपात देखने के लिए हर वर्ष बाहर से लोग आते है. लेकिन इसके उत्थान के बारे में आज तक जिला प्रशासन ने कुछ नहीं किया. संथाल परगना गजेटियर में इस जल प्रपात का स्पष्ट उल्लेख है. मनोरम घाटी एवं छोटी-बड़ी दो झरनों के कारण इस प्रपात का नजारा देखते ही बनता है. नव वर्ष पर हजारों की संख्या में लोग पिकनिक मनाने आते है.
बोआरीजोर प्रखंड स्थित घोघा-अगैया नाला प्रकृति का अनुपम उपहार है. प्राकृतिक पत्थरों से बना यह नाला हर किसी को मोह लेता है.
इसके अलावा मेहरमा प्रखंड के पद्मपुर, मानगढ़ स्थित मानंसिह का किला,बसंतराय का प्रसिद्ध दैविक शक्ति तालाब, निमझर स्थान का गर्म जलकुंड, सुन्दर डैम सुंदरपहाड़ी का पर्वतीय श्रृंखला आदि सहित कई सांस्कृतिक व अध्यात्मिक स्थल भी है जो अति प्राचीन काल से ही ख्यातिप्राप्त हैं लेकिन उचित संरक्षण एवं विकास के अभाव में आज उपेक्षित है. इसे दुर्भाग्य ही कहा जाय कि जिले का कोई भी पर्यटक स्थल आज तक प्रदेश के नक्शा पर अपना स्थान नहीं बना पाया है.
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गोड्डा 24.83 डिग्री उत्तर एवं 87.22 डिग्री पूर्व पर स्थित है. इसकी औसत ऊंचाई 77 मीटर (252 फीट) है. गोड्डा जिला पूर्वी भारत में झारखंड राज्य के चौबीस जिलों में से एक है. यह राज्य के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित है। भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार अभी जो गोड्डा जिला है, पूर्ववर्ती संथाल परगना जिले का हिस्सा था. गोड्डा शहर गोड्डा जिले का मुख्यालय है.
By Air
गोड्डा से नजदीकी हवाई अड्डे विरसा मुंडा हवाईअड्डा , रांची, जय प्रकाश नारायण हवाईअड्डा ,पटना, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हवाईअड्डा, कोलकाता हैं.
By Rail
नजदीकी रेलवे स्टेशन हंसडीहा है. हालांकि, गोड्डा में रेल ठहराव निर्माणाधीन है. संभावना है कि इस साल के अंत तक पूर्ण हो जायेगा.
By Road
जिला हर दिशा से राजमार्ग से जुड़ा हुआ है. मुख्य चौक (कारगिल चौक) में गोड्डा के आस-पास के हर जिलों के लिए एक रोड लिंक है। यह पूर्व में पाकुड, पश्चिम में बांका, भागलपुर, उत्तर में साहेबगंज और दक्षिण मे दुमका जिले से जुड़ा हुआ है.
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