Nainital Tour Guide – जब हम हिल-स्टेशन और हॉलिडे के बारे में बात करते हैं, तो एक नाम जो सबसे पहले जुबां पर आता है वह है- नैनीताल. कुमाऊं की तलहटी में बसा यह खूबसूरत हिल-स्टेशन दिल्ली/एनसीआर और देश के अन्य हिस्सों के लोगों के लिए एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है. यह अपनी भव्य नैनी झील (जहां से इसका नाम पड़ा है) के लिए जाना जाता है.
उत्तराखंड की न्यायिक राजधानी नैनीताल की स्थापना 1841 में शाहजहांपुर के एक चीनी व्यापारी पी. बैरोन ने की थी. नैनीताल शहर नैनी झील के आसपास की घाटी में बना है. शहर पहाड़ों से घिरा हुआ है, उत्तर में नैना, पश्चिम में देवपथ और दक्षिण में अयारपथ है.
इस हिल-स्टेशन के सभी हिस्सों से खूबसूरत व्यू दिखाई देता है. नैनीताल शब्द का शाब्दिक अर्थ है “नैनी” जिसका अर्थ है आंख और “ताल” का अर्थ है झील- आंख की झील. Nainital Tour Guide के इस आर्टिकल में आइए जानते हैं कि नैनीताल में वे कौन सी जगहें हैं जहां आप घूम सकते हैं…
नैनीताल ( Nainital Tour Guide ) में परिवार और दोस्तों के साथ घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहें हैं जो आपके दिमाग में हमेशा के लिए बस जाएंगे.
चिड़ियाघर, नैनीताल में मध्य हिमालय और शिवालिक पहाड़ियों के बीच में लगभग 2100-2150 मीटर (6890-7050 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह नैनीताल के मॉल रोड से करीब 3 किमी. की दूरी पर है.
इस चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, तिब्बती भेड़िया, हिमालयन भालू, बार्किंग हिरण, तेंदुए बिल्ली, रेड पांडा, जापानी मकाक और सांभर जैसे कई लुप्तप्राय जानवरों के साथ-साथ कई अन्य जंगली जानवरों को भी देखा जा सकता है.
चिड़ियाघर 1984 में स्थापित किया गया था और 1995 से इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया था.
प्रवेश शुल्क- वयस्क- रु. 50, 12 से कम उम्र के बच्चे- रु. 20
कैमरा शुल्क- रु. 25
चिड़ियाघर का समय- सोमवार, दिवाली और होली को छोड़कर हर दिन सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक.
नैनी झील यानि नैनीताल झील ( Nainital Lake ) भी बेहद फेमस जगह है. यह झील नैनीताल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नैनी यानि नैनीताल झील 7 पहाड़ियों से घिरी हुई हैं. उत्तर पश्चिम में नैनी पीक, दक्षिण पश्चिम में टिफिन प्वाइंट और उत्तर में बर्फ से ढकी चोटियां हैं.
हर साल नैनी झील में बोटिंग कंपटीशन आयोजित किया जाता है. इसके अलावा अक्टूबर और नवंबर के महीनों के दौरान कुमाऊं फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाता है. इस जगह को माता सती के स्थापित 52 शक्तिपीठों में एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है. यह झील रोजाना सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है.
नैनीताल का एक प्रमुख प्रार्थना स्थल, नैना देवी मंदिर भगवान शिव की पत्नी देवी सती को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि मंदिर के अंदर की मूर्ति 1842 में मोती राम शाह द्वारा स्थापित की गई थी.
मंदिर में भगवान हनुमान, काली माता और भगवान गणेश के मंदिर या आकृतियां भी हैं. नैनीताल जाते समय देवी का आशीर्वाद जरूर लें.
पर्यटन नगरी नैनीताल यहां की झील के लिए काफी फेमस है. इसके अलावा यहां के अलग-अलग व्यू पॉइंट्स यहां की सुंदरता को और निखारते हैं. तल्लीताल और मल्लीताल क्षेत्र को जोड़ने वाला माल रोड भी नैनीताल नगर का एक मशहूर स्थल है.
झील के किनारे चलने वाली इस रोड में चिनार के पेड़ यहां मैन अट्रैक्शन का केंद्र हैं. दुकानें हर दिन सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहती हैं.
नैनीताल के चोटियों में से स्नो व्यू की चोटी पर पहुंचना सबसे आसान है. यह शहर का एक मात्र चोटी है जहां पर आप सड़क मार्ग और रोप वे से भी जा सकते हैं. स्नो व्यू की दूरी नैनीताल शहर से मात्र 2.5 किलोमीटर है. इस चोटी से पर्यटक हिमालय के दर्शन कर सकते हैं.
इस पहाड़ी पर एक मंदिर भी बनाया गया है इसके साथ ही बच्चों के लिए एक छोटा सा पार्क भी उपलब्ध है. आप स्नो व्यू पॉइंट पर स्थित छोटे मंदिर में भी जा सकते हैं जिसमें राम, सीता, लक्ष्मण, भगवान हनुमान, शिव और दुर्गा के फोटो हैं.
नैनीताल में ब्रिटिश शासन की विरासत के रूप में मौजूद गौथिक आर्किटेक्चर पर आधारित बेहद खूबसूरत नेचर में बसा राजभवन देश के सर्वश्रेष्ठ राजभवनों में से एक है. समुद्र सतह से 6,785 फीट ऊंचाई पर स्थित इस राजभवन की नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी गई थी और मार्च 1900 में यह बनकर तैयार हुआ था.
नैनीताल में राजभवन एक दो मंजिला इमारत है जिसमें 113 कमरे हैं और इसका इस्तेमाल अंग्रेजों ने अपने गर्मियों के निवास के रूप में किया था.
राजभवन के लिए प्रवेश टिकट – लगभग. रु. प्रति व्यक्ति 50.
गोल्फ कोर्स के साथ राजभवन में प्रवेश टिकट – लगभग. रु. 450 प्रति व्यक्ति.
राजभवन जाने का समय है –
मार्च से अप्रैल- सुबह 8 से शाम 5 बजे तक
मई से अगस्त- सुबह 8 से शाम 6 बजे तक
सितंबर से अक्टूबर- सुबह 8 से शाम 5 बजे तक
नवंबर और दिसंबर- सुबह 8 से शाम 4 बजे तक
नैनीताल तिब्बत मार्केट के लिए काफी प्रसिद्ध है. टूरिस्ट नैनीताल आकर इस बाजार से कुछ न कुछ खरीद कर ले ही जाते हैं. नैनीताल की यह बाजार देश-विदेश में मशहूर है. यहां दो तरह की बाजार एक तिब्बती और दूसरी भोटिया बाजार देखने को मिलती है.
यह मार्केट कपड़ों के लिए काफी फेमस है. नंदा देवी मंदिर के पास वांगदी आर्ट्स के नाम से एक मशहूर तिब्बती दुकान है. इस दुकान में नेपाल, तिब्बत, भूटान और म्यांमार से लाई गईं अनेकों खास चीजें बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. इस दुकान में ‘सिंगिंग बाउल’ भी मिलता है.
यह रोजाना सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है.
नैनीताल शहर से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित भीमताल है. भीमताल झील शहर के केंद्र में स्थित है और बीच में एक द्वीप भी है. इस ताल की लम्बाई 4674 m , चौड़ाई 447 m , और गहराई 50 m तक है.
भीमताल झील के दो कोने है , जिसे मल्लीताल व तल्लीताल कहते हैं और दोनों कोने आपस में सड़क से जुड़े हुए है. कहा जाता है कि भीमताल का नाम महाभारत काल के भीम के नाम पर रखा गया है.
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