स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और अखंड भारत की नींव रखने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ( Statue of Unity ) का नाम है. यह पटेल को समर्पित एक स्मारक है, जो गुजरात में है. 31 अक्टूबर 2013 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति ( Statue of Unity ) के निर्माण का शिलान्यास किया था. यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किलोमीटर की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है. यह स्थान गुजरात के भरुच के निकट नर्मदा जिले में स्थित है. 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने इसका अनावरण किया.
यह विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति ( Statue of Unity ) है. इसकी लंबाई 182 मीटर (597 फीट) है. वर्तमान में विश्व की सबसे ऊंची स्टैच्यू या मूर्ति 152 मीटर की चीन में स्प्रिंग टैंपल बुद्धा है. उससे कम दूसरी ऊंची मूर्ति भी भगवान बुद्ध की ही है जिसकी ऊंचाई 120 मीटर है. बुद्ध की यह मूर्ति सन 2008 में म्यांमार सरकार ने बनवायी थी और विश्व की तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति भी जापान में भगवान बुद्ध की हैं, इस बुद्ध मुर्ति की ऊंचाई 116 मीटर हैं.
गुजरात सरकार द्वारा 7 अक्टूबर 2010 को इस परियोजना की घोषणा की गई थी. इस मूर्ति को बनाने के लिये लोहा भारत के गांवों में रहने वाले किसानों से खेती के काम में आने वाले पुराने और बेकार हो चुके औजारों का संग्रह करके जुटाया गया. सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट ने इस कार्य हेतु पूरे भारतवर्ष में 36 कार्यालय खोले, जिससे लगभग 5 लाख किसानों से लोहा जुटाने का लक्ष्य रखा गया. इस अभियान का नाम “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अभियान” दिया गया.
3 माह लम्बे इस अभियान में लगभग 6 लाख ग्रामीणों ने मूर्ति स्थापना हेतु लोहा दान किया. इस दौरान लगभग 5,000 मीट्रिक टन लोहे का संग्रह किया गया. हालांकि शुरुआत में यह घोषणा की गई थी कि संग्रहित किया गया लोहे का उपयोग मुख्य प्रतिमा में किया जायेगा, मगर बाद में यह लोहा प्रतिमा में उपयोग नहीं हो सका और इसे परियोजना से जुड़े अन्य निर्माणों में प्रयोग किया गया.
स्टेच्यू को नर्मदा बांध की दिशा में, उससे 3.2 किमी दूर साधू बेट नामक नदी द्वीप पर बनाया गया है. आधार सहित इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 240 मीटर है जिसमे 58 मीटर का आधार व 182 मीटर की मूर्ति है. यह मूर्ति इस्पात साँचे, प्रबलित कंक्रीट तथा कांस्य लेपन से युक्त है. इस स्मारक की खासियत है-
स्मारक तक पहुंचने के लिये लिफ्ट
मूर्ति का त्रि-स्तरीय आधार, जिसमे प्रदर्शनी फ्लोर, छज्जा और छत शामिल हैं. छत पर स्मारक उपवन, विशाल संग्रहालय तथा प्रदर्शनी हॉल है जिसमे सरदार पटेल की जीवन तथा योगदानों को दर्शाया गया है.
एक नदी से 500 फिट ऊंचा आब्जर्वर डेक का भी निर्माण किया गया है जिसमे एक ही समय में दो सौ लोग मूर्ति का निरिक्षण कर सकते हैं.
नाव के द्वारा केवल 5 मिनट में मूर्ति तक पहुंचा जा सकेगा.
एक आधुनिक पब्लिक प्लाज़ा भी बनाया गया है, जिससे नर्मदा नदी व मूर्ति देखी जा सकती है। इसमें खान-पान स्टॉल, उपहार की दुकानें, रिटेल और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं, जिससे पर्यटकों को अच्छा अनुभव होगा.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने जाने के लिए टिकट को ऑनलाइन बुक कराना बेहद आसान है. इसकी टिकट के लिए आपको https://www.soutickets.in पर जाना होगा. इसके बाद यहां आपको टिकट की दो कैटेगरी दिखार्इ देंगी. इसमें डेक व्यू टिकट और एंट्री टिकट है. इन दोनों ही टिकटों की कीमत अलग-अलग है.
डेक व्यू टिकट 3 से 15 साल तक के बच्चों और बड़ों दोनों के लिए एक ही कीमत में है. यह टिकट 350 रुपये प्रति व्यक्ति है. इसमें बस चार्ज शामिल है. इस टिकट से डेक व्यू, वैली ऑफ फ्लॉवर मेमोरियल, म्यूजियम, ऑडियो, विजुअल गैलरी विजिट करने के साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी साइट और सरदार सरोवर बांध को आराम से घूमा जा सकता है.
यहां एंट्री टिकट 3 से 15 साल के बच्चों के लिए 60 रुपये में है। वहीं बड़ों के लिए इस टिकट की कीमत 120 रुपये है। इसमें भी बस चार्ज शामिल है। इस टिकट से भी आप वैली ऑफ फ्लॉवर, मेमोरियल, म्यूजियम, ऑडियो विजुअल गैलरी विजिट करने के साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी साइट और सरदार सरोवर बांध घूमकर अच्छे से मस्ती कर सकेंगे।
यदि आपने एंट्री टिकट या डेक टिकट बुक किया है तो बस टिकट अलग से बुक करने की आवश्यकता नहीं है। बस टिकट एंट्री और डेक टिकट में ही काउंट होगी। बस सर्विस का चार्ज अलग है। इसमें 3 से 15 साल के बच्चों और बड़ों के लिए ही 30 रुपये का टिकट है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी घूमने के लिए सुबह 9 से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा.
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