Shankar Dolls Museum : गुड़ियों का संग्रहालय है. यह दिल्ली में बहादुरशाह जफर मार्ग पर चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट की बिल्डिंग में स्थित है. इसकी स्थापना पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट के शंकर पिल्लई ने की थी. आप यहां दिल्ली मेट्रो के आईटीओ स्टेशन के गेट नंबर 4 से पहुंच सकते हैं. इस म्यूजियम का कुल क्षेत्रफल 5,184.5 स्क्वेयर फीट का है और यह बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर है.
के शंकर पिल्लई (1902–1989), एक मशहूर कार्टूनिस्ट थे. उन्होंने बाल साहित्य को लेकर 1957 में काफी कार्य किए थे. बाद में हंगरी के डिप्लोमेट द्वारा गिफ्ट में मिली एक गुड़िया से उन्हें डॉल्स म्यूजियम ( Shankar Dolls Museum ) को सेटअप करने का आइडिया मिला. वह अक्सर गरीब बच्चों के लिए प्रदर्शनी लगाया करते थे. ऐसी ही एक प्रदर्शनी में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू अपनी बेटी इंदिरा गांधी के साथ पहुंचे थे.
इंदिरा इस विचार से बेहद प्रेरित हुईं और उनके और शंकर पिल्लई के साझा प्रयासों की बदौलत अंततः 30 नवंबर 1965 को ये कल्पना ( Shankar Dolls Museum ) साकार हो गई. शुरुआती कलेक्शन में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के गिफ्ट थे जिसमें बाद में इंदिरा, राजीव और संजय के तोहफों ने भी जगह ली. कई दूतावासों और डिप्लोमेटिक मिशंस से भी इस म्यूजियम ( Shankar Dolls Museum ) को डॉल मिलीं.
मैडेम टीटो, ग्रीस की महारानी फ्रेडरिका, थाईलैंड की महारानी, ईरान के शाह की बहन, मेक्सिको और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की पत्नी ने अपने देश की संस्कृतियों को दर्शाती हुईं डॉल्स म्यूजियम ( Shankar’s Dolls Museum ) को भेंट स्वरूप प्रदान की. Dolls Museum दिल्ली के अग्रणी म्यूजियम्स ( Shankar’s Dolls Museum ) में से एक है, जिसमें पूरी दुनिया की गुड़िया आपको देखने को मिलती है.
K. Shankar Pillai (1902–1989) ने जब इस म्यूजियम ( Shankar Dolls Museum ) को शुरू किया था, तब इसमें कुछ ही गुड़िया थी. देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने इसका उद्घाटन किया था, उस वक्त इसमें 500 गुड़िया थी, लेकिन 1965 से 1987 के बीच ये संख्या बढ़कर 5,000 तक पहुंच गई. इसमें बड़ी संख्या तोहफों की ही थी.
भारत सरकार ने शंकर पिल्लई को 1976 में देश के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया. आज म्यूजियम ( Shankar’s Dolls Museum ) में गुड़ियों की संख्या 6,500 को भी पार कर चुकी है. यहां आप 85 देशों की गुड़िया देखते हैं जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना देते हैं.
म्यूजियम बहादुरशाह जफर मार्ग पर चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट की बिल्डिंग में स्थित है, जो राम चरण अग्रवाल चौक के पास ही है. एक अलग एंट्रेंस के बाद आप टिकट लेते हैं जिसके बाद सीढ़ियां आपको फर्स्ट फ्लोर तक लेकर जाती है. अंदर, म्यूजियम को आधे आधे दो हिस्सों में बांटा गया है. इन दो सेक्शंस में 160 ग्लास केस हैं. एक सेक्शन में यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कॉमनवेल्थ देशों और बाकी एशियाई देश, मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और भारत के एग्जिबिट हैं.
डॉल्स म्यूजियम का मुख्य कलेक्शन 150 तरह की भारतीय कॉस्ट्यूम वाली डॉल्स हैं, जो इस म्यूजियम ( Shankar’s Dolls Museum ) की वर्कशॉप में ही तैयार की गई हैं. इसमें भारत की सांस्कृतिक, नृत्य शैली और परिधान के रंग दिखाई देते हैं.
अन्य डॉल्स में, जापान का बॉय एंड गर्ल फेस्टिवल, हंगरी का मायपोल डांस, जापान की समुरई डॉल्स, स्पेन के खास डांसर्स, थाईलैंड के वुमन आर्किस्ट्रा हैं.
ये म्यूजियम ( Shankar’s Dolls Museum ) सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक खुलता है. टिकट की बिक्री शाम साढ़े 5 बजे तक ही होती है. टिकट की कीमत के साथ साथ अन्य जानकारी के लिए वीडियो देखिए…
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More
Kishtwar Tourist Places : किश्तवाड़ एक फेमस हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध… Read More