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Rishikesh Travel Guide – फ्री में घूमिए ऋषिकेश, आने-जाने-खाने की यहां नो टेंशन!

Rishikesh Travel Guide: ऋषिकेश एक ऐसी जगह हैं जहां का राम झूला-लक्ष्मण झूला तो आम भारतीयों के जहन में घूमता रहता है लेकिन यहां गंगा घाट, परमार्थ निकेतन, बीटल आश्रम, नीलकंठ, कुंजापुरी देवी मंदिर और पहाड़ों की गोद में ऐसी कई जगहें हैं जहां जाकर आप अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं. घूमने का शौक किसे नहीं  होता लेकिन वक्त, धन और जिम्मेदारियों  के बोझ तले दबा होने के  कारण हसरतें दबी रहती हैं. आम भारतीय की यही कहानी ज्यादातर नजर आती है. बच्चों की  परवरिश, काम का दबाव और पैसे कमाने की जद्दोजहद में कब वक्त बीत जाता है, पता ही नहीं चलता. लेकिन अगर आप दिल में जज्बा रखते हैं  तो भरोसा रखिए  ट्रैवल जुनून पर, आप थोड़ी सी कोशिश करें तो अपने जुनून को साकर होते देखेंगे.

यूं तो भारत में घूमने के लिए जगहों की कमी नहीं है, राहुल सांकृत्यायन ने पैदल ही देश नाप लिया था. आप भी ऐसा कर सकते हैं लेकिन पहले व्यवहारिक पक्ष पर जोर दिया जाए तो ही आप सही दिशा में बढ़ पाएंगे. आपको हम ये बता दें कि अंश मिश्रा नाम के एक ट्रैवलर ने बिना एक रुपये खर्च  किए पूरा भारत घूम लिया. अंश इलाहाबाद के हैं. उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से लिफ्ट लेकर, मंदिर-मस्जिद में शरण लेकर अपनी भारत यात्रा पूरी की है.

हम आपको भारत की एक जगह बताएंगे जहां जाकर आप शांति के साथ साथ प्रकृति के नजदीक खुद को पाएंगे. कुदरत की गोद में बसे इस शहर का नाम ऋषिकेश है. अगर आप घुमक्कड़  स्वभाव को जीना चाहते हैं और दोस्तों के साथ या अकेले कम पैसे या यूं कहे फ्री में ही अपनी ट्रिप पूरी कर लेना चाहते हैं तो ये शहर आपके लिए फिट है. बस आपको कोशिश सही दिशा में  समझदारी के साथ करनी होगी. आइए हम आपको बताते हैं वो ट्रिक्स जिनकी मदद से आप लगभग फ्री में ही इस शहर की यात्रा ( Rishikesh Travel Guide ) कर सकते हैं.

कम सामान, काम का सामानः ये फॉर्मूला तो आप लंबे वक्त से सुनते आए होंगे लेकिन क्या कभी इसपर सही ढंग से अमल किया है? हमें पूरी उम्मीद है कि इसका जवाब न ही होगा. यात्रा पर आप अच्छे कैमरे वाला मोबाइल फोन, कैमरे की जगह ले जाइए. अगर ब्लॉगर हैं तो लैपटॉप की बजाय ब्लूटुथ कीबोर्ड बेहतर ऑप्शन है. कपड़ों के मामले में हम अक्सर ढिलाई बरतते हैं और सामान भारी होनी की भी यही  वजह बनती है. याद रहे, आप किसी फैशन शो में नहीं जा रहे हैं. लगेज मैनेजमेंट सीखने के लिए फॉरेन ट्रैवलर्स भी बेहतर होते हैं. इसलिए ट्रैवलिंग का आइडिया दिमाग में आने के साथ ही आप सामान का आइडिया भी फिट कर लें तो बेहतर रहेगा.

अकेले हैं तो दम, दोस्त हैं तो दामः ट्रैवलिंग ( Rishikesh Travel Guide ) अकेले करने के लिए दम की जरूरत होती है. यहां हम मसल्स मैन वाले दम की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि मानसिक बल की बात कर रहे हैं. यूं तो ऋषिकेश ( Rishikesh Travel Guide ) दिल्ली के पास ही है लेकिन ट्रैवलिंग एक जुनून है जिसे जीने के लिए खास सोच चाहिए होती है. मेरे एक दोस्त ने दिल्ली से रोडवेज बस में बैठकर केदारनाथ धाम तक का सफर अकेले तय किया. वह उससे भी 9 किलोमीटर आगे वासु की ताल गया, वो भी अकेले. इस जज्बे का होना बेहद जरूरी है. हां, अगर दोस्तों की मंडली साथ है तो पहले बजट बना लें. लेकिन यह भी ध्यान रहे कि उनके विचार और व्यवहार आपके समान ही हों. विचारों में एकरूपता अतिआवश्यक है. मैं शूटिंग के सिलसिले में एक बार ऋषिकेश गया. हमारा सफर पहाड़ों पर कई जगहों से होकर यहां पहुंचा. इनोवा गाड़ी में हम कुल 6 लोग थे. हम 4 दोस्त थे और एक हमारा कैमरामैन लेकिन 6ठी सदस्य जिसे हमने उसके अनुरोध पर अपने साथ लिया था, वह पूरे रास्ते हमारे लिए मुसीबत बनी रही. उसकी अनसिस्टमैटिक लाइफ ने हमारी ट्रिप की धज्जियां उड़ा दी थीं.

ऐसे करें यात्राः दिल्ली से हर रोज कई ट्रक और मालवाहक गाड़ियां हरिद्वार, ऋषिकेश या उत्तराखंड के अन्य शहरों तक जाती हैं. आप इनमें आसानी से लिफ्ट ले सकते हैं. एक अखबार में काम करने के दौरान मेरे एक सहकर्मी ने अनुभवों को मुझसे साझा किया था. उस सहकर्मी ने बताया कि उसे एक बार शिफ्ट पूरी करने के बाद अपने घर दिल्ली से देहरादून जाना पड़ा था. उसने रास्ते में एक अखबार के वाहन से लिफ्ट ली जो समाचार पत्रों को लेकर देहरादून जा रहा था. लेकिन यहां भी ध्यान रहे कि आप अकेले हैं तो कोई बात नहीं लेकिन मंडली में सभी की सहमति जरूर हो. वर्ना आप टिकट लेकर बस की यात्रा भी कर सकते हैं.

ठहराव कहां करें: ऋषिकेश ( Rishikesh Travel Guide ) जैसी जगह पर ठहरने की कोई कमी नहीं. मंदिरों की नगरी में आप किसी भी आश्रम या धार्मिक स्थल पर ठिकाना ढूंढ सकते हैं. यहां भी एक मित्र का अनुभव साझा करना चाहूंगा. इस मित्र ने मुझसे बताया था कि एक बार वो और उसके 9 दोस्त आधी रात को ऋषिकेश पहुंचे. चूंकि उन्हें कम खर्च में ही रहना था इसलिए यहां पर काफी तलाश के बाद उन्हें एक आश्रम मिला जहां वो 100 रुपये में एक कमरा लेकर ठहरे. इस एक कमरे में सभी दोस्त 3 दिन तक रहे. रातों को गपशप और मौज मस्ती का लंबा दौर चलता और दिन में चलती उनकी घुमक्कड़ी.

शॉपिंग जबर्दस्ती का शौक है, बचें: दुनिया के बाजारीकरण ने हमें बदल डाला है. टीवी है तो एचडी हो, खाना है तो फला ब्रैंड का ही हो… ऐसी तमाम चीजें हैं जो न जाने कब और कैसे हमारी जिंदगी में शामिल हो चुकी हैं. इन्हीं आदतों में से एक है शॉपिंग. आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये जान लीजिए कि ऋषिकेश ( Rishikesh Travel Guide ) में बिकने वाला हर सामान आपको दिल्ली में उससे भी कम कीमत में मिल जाएगा. दिल्ली ही क्यों, देश के किसी भी अन्य शहर में भी. आप शॉपिंग में वक्त जाया करके नुकसान अपनी ट्रिप का ही करेंगे. इसलिए जितना हो सके इससे बचें.

घूमें कहां: ऋषिकेश ( Rishikesh Travel Guide ) यूं तो पहाड़ में बसा शहर माना जाता है लेकिन असली पहाड़ इसके बाद ही शुरू होता है. घुमक्कड़ी का मजा पैदल घूमने में है. अगर आप दिल्ली की चिल्ल पौं से दूर आए हैं तो राम लक्ष्मण झूले से आगे बढ़िए. आप नीलकंठ पैदल निकल सकते हैं. लेकिन रात होने से पहले लौटने के इरादे के साथ. आप ऋषिकेश से 25 किलोमीटर आगे कुंजापुरी देवी के मंदिर जा सकते हैं. यह पहाड़ क चोटी पर बना शक्तिपीठ हैं. यहां से आप हिमालय को घंटो निहार सकते हैं. यही नहीं, पहाड़ों में कहीं भी यूं ही घूमने निकल जाइए. रास्तों पर आगे बढे़ंगे तो कुछ अनोखा ही पाएंगे.

भोजन कहां करें: ऋषिकेश ( Rishikesh Travel Guide ) में चोटीवाला या टोपीवाला जैसे कुछ होटल हैं जो बेहद मशहूर हैं लेकिन मेरा भरोसा करिए  इन सभी जगहों पर आपको टोपी ही पहनाई जाएगी. आप किसी और जगह साफ सुथरा व्यंजन खा सकते हैं. अन्यथा आश्रमों की कैंटीन भी अच्छा विकल्प है. बार बार थोड़ा थोड़ा खाने की आदत से परहेज करें ये हाजमे के साथ साथ जेब की तबीयत भी बिगाड़ती है और समय का नुकसान होता है सो अलग.

योग का बेहतरीन विकल्प: ऋषिकेश ( Rishikesh Travel Guide ) में शिवानंद आश्रम जैसी जगहों पर आप फ्री में योग सीख सकते हैं. हमारे एक दोस्त ने 6 महीने की छुट्टी लेकर सिर्फ भारत ही घूमा है. उसने मुझे बताया कि वह बस के ऊपर बैठकर  पहाड़ से वापसी में ऋषिकेश आया था. यहां वह 1 महीने शिवानंद आश्रम में ही रहा था. यहां न सिर्फ उसने योग सीखा बल्कि आहार पर भी खास ध्यान दिया. आप भी ऐसा ही कुछ कर सकते हैं. ऋषिकेश में अपने अंतर्मन को तलाश नहीं  पाए तो सब बेकार है. यहां पहाड़ों पर धार्मिक स्थलों के अतिरिक्त परमार्थ निकेतन पर शाम के वक्त की आरती को जरूर अटेंड करें. यह यहां एक दिव्य शक्ति को स्वतः महसूस करेंगे.

कब जाएं: ऋषिकेश जाने वाले अधिकतर लोग यहां राफ्टिंग के लिए जाते हैं. राफ्टिंग बरसात के मौसम में यहां  बंद रहती है. लेकिन मैं कहता हूं कि आप यहां बरसात के मौसम में ही आएं. जब मौसम रूमानी हो, बादल काली घटाओं में आपका स्वागत कर रहा हो और फुहारें कभी गंगा को मटमैला कर रही हों कभी आपको नहला रही हों. पहाड़ों की धूप आपकी सारी एनर्जी सोख लेती है इसलिए मौसम सुहावना हो तभी आप ऋषिकेश आएं. इस मौसम में आप गंगा के घाट से लेकर पहाड़ों तक में आनंद ले पाएंगे.

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