Pithoragarh Travel Guide: पिथौरागढ़ (pithoragarh) उत्तराखंड (Uttarakhand) का सबसे पूर्वी जिला है, जो कि पूर्व में नेपाल (Nepal) और उत्तर में तिब्बत (Tibet) से घिरा हुआ है। ये अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए लोकप्रिय है और इसे “लिटिल कश्मीर” (Little Kashmir) भी कहा जाता है। पिथौरागढ़ (pithoragarh) की समुद्र तल से 1,650 मीटर की ऊंचाई है, पिथौरागढ़ (pithoragarh) एक छोटी घाटी है जो कि लगभग 5 किलोमीटर लंबी और 2 किलोमीटर चौड़ी है। यहां पर कुमाउंनी (Kumaoni), हिंदी (Hindi) और अंग्रेजी (English) भाषाएं काफी बोली जाती हैं। पिथौरागढ़ (pithoragarh) का ऐतिहासिक महत्व काफी ज्यादा रहा है। ये कुमाऊँ (Kumaon) के चांद राजाओं के शासन के दौरान सत्ता के प्रमुख केंद्रों में से एक रहा था। इस क्षेत्र से तीर्थयात्री मानसरोवर (Mansarovar) और कैलाश (Kailash) के सबसे पवित्र मंदिरों की यात्रा शुरू करते हैं। आप चांडक हिल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नंदा देवी, पंचाचूली और नेपाल के अप्पी के बर्फ से ढके पहाड़ों के खूबसूरत नजारों के दृश्य देख सकते हैं।
पिथौरागढ़ (pithoragarh) में कई तरह की खूबसूरत देखने के लिए जगह हैं, एक शानदार पिथौरागढ़ किला (Pithoragarh Fort) जो कि इस जिले में 18वीं सदी में गोरखाओं के द्वारा बनवाया गया था। वहीं शहर में बना कपिलेश्वर महादेव मंदिर (Kapileshwar Mahadev Mandir)जो कि भगवान शिव को समर्पित है, एक शानदार मंदिर है।
ध्वज मंदिर (Dhwaj Mandir)
ध्वज मंदिर (Dhwaj Mandir) पिथौरागढ़ (pithoragarh) के पास बना एक प्रसिद्ध मंदिर है। ये मंदिर समुद्री तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला की बर्फ से ढंकी चोटियों का मनमोहक दृश्य दर्शाता है। ये हिंदू भगवान शिव और देवी जयंती को समर्पित है।
कपिलेश्वर महादेव मंदिर (Kapileshwar Mahadev Mandir)
कपिलेश्वर महादेव मंदिर (Kapileshwar Mahadev Mandir) टकौरा और टकारी गांवों के ऊपर सोर घाटी में स्थित एक मशहूर मंदिर है। 10 मीटर गहरी गुफा में स्थित ये मंदिर हिंदूओं के भगवान शिव को समर्पित है। एक पौराणिक कहावत के अनुसार, प्रसिद्ध ऋषि कपिल ने यहां पर तप किया था। ये मंदिर शहर से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर है, और शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला के लुभावने दृश्य दिखाता है।
जौलजीबी (Jauljibi)
पिथौरगढ़ नगर से 68 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जौलजीबी (Jauljibi) एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। ये स्थान गोरी और काली नाम की दो नदियों का संगम स्थल भी होने के कारण प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यहां पर हर साल एक प्रसिद्ध मेला आयोजित किया जाता है, जो कि पूरे भारत से और नेपाल के लोगों को भी अपनी तरफ आकर्षित करता है।
डीडीहाट (DidiHat)
पिथौरगढ़ जिले में स्थित डीडीहाट (DidiHat) एक शांत पर्यटन स्थल है। ये एक नगर पंचायत है और पिथौरागढ़ शहर से इसकी दूरी 54 किलोमीटर है। ये समुद्र तल से 1725 मीटर की ऊंचाई पर ‘डिग्टड़’ नामक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस जगह का नाम कुमाऊंनी शब्द ‘डंड’ से लिया गया है, जिसका मतलब एक छोटी सी पहाड़ी से है। नीचे चरमगढ़ और भदीगढ़ नदियां बहती हैं। सुंदर हाट घाटी भी पास में स्थित है। यहां भगवान शिव को समर्पित सीराकोट नाम का एक मंदिर भी है। नानपौपु गांव में स्थित एक अन्य मंदिर में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
अर्जुनेश्वर मंदिर (Arjuneshwar Mandir)
ये एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो कि समुद्र तल से 6000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। ये पिथौरगढ़ से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है और पैदल चलकर भी यहां पहुंचा जा सकता है। ये मंदिर हिंदूओं के देवता भगवान शिव को समर्पित है। लोक कहावतों के अनुसार, ये मंदिर महाभारत के चरित्र पांडवों में से एक अर्जुन के द्वारा बनाया गया था। अर्जुन अपने समय का महान योद्धा और सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे।
पिथौरागढ़ किला (Pithoragarh Fort)
पिथौरगढ़ शहर के निकट स्थित पिथौरगढ़ किला एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यहां से पर्यटक काली कुमाऊं के खूबसूरत दृश्यों को देखने का आनन्द ले सकते हैं। अभिलेखों के मुताबिक, साल 1789 में शहर पर आक्रमण के बाद गोरखों द्वारा इस किले का निर्माण किया गया था।
चंडाक (Chandak)
चंडाक (Chandak) पिथौरागढ़ शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये खूबसूरत पहाड़ी सोर घाटी के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है। यहां पर पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। यहां पर पर्यटक हैंग ग्लाइडिंग का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां पर मनु नामक मंदिर और एक मैग्नेसाइट खनन का कारखाना है।
स्कीइंग (Skiing)
पिथौरगढ़ आने वाले पर्यटकों के बीच में स्कीइंग (Skiing) काफी ज्यादा लोकप्रिय है। बैतुल धार को पिथौरगढ़ की सबसे लोकप्रिय स्की ढलान माना जाता है। पर्यटक समुद्र तल से 3090 मीटर की ऊंचाई पर बसे, चिपलकोट में भी स्कीइंग (Skiing) करने का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा सुंदर अल्पाइन घास का मैदान, खालिया टॉप भी लोकप्रिय स्कीइंग पॉइंट है।
कैसे पहुंचे पिथौरागढ़ (How to Reach Pithoragarh)
जिले के सबसे पास टनकपुर रेलवे स्टेशन (Tanakpur Railway Station) है, जो कि 150 किलोमीटर दूरी पर है। ये उत्तर भारत के सबसे प्रमुख शहरों में से एक है। इस रेलवे स्टेशन से पिथौरगढ़ के लिए आसानी से टैक्सी मिल जाएगी। वहीं अगर आप हवाई मार्ग से जाने वाले हैं, तो जिले के सबसे पास एयरपोर्ट पंतनगर है जो कि 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आसानी से आपको टैक्सी मिल जाएगी। इसके अलावा आप आसानी से सड़क मार्ग से भी पिथौरगढ़ तक पहुंच सकते हैं। राज्य की लोकल बसें भी अल्मोड़ा, काठगोदाम, हल्द्वानी, शहरों से मिल जाती है।
Kupwara Travel Blog : कुपवाड़ा जिला, जो 1979 में तत्कालीन जिला बारामुल्ला से अलग होकर… Read More
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More