पिंडारी ( Pindari ) उत्तराखंड (Uttarakhand) के बागेश्वर (Bageshwar) जिले में स्थित है और कुमाउं हिमालय (Kumaun Himalaya) का एक हिस्सा है. ये ग्लेशियर नंदादेवी और नंदकोट चोटियों के बीच में स्थित है. ग्लेशियर पिंडार घाटी में स्थित है. पिंडारी ग्लेशियर पिंडार नदी का स्रोत है जो कि कर्णप्रयाग के संगम पर अलकनंदा नदी से मिलती है. यहां से अलकनंदा के रूप में नदी का प्रवाह होता है. पिंडारी नदी की लंबाई 105 किलोमीटर है. जो नदी के किनारे छोटे मकान और मन्मट्टी, देवेलो, नंदकेसरी, थारली, कल्सरि, भगॉली, नारायणबागर, नौलीगांव और नौटि जैसे कस्बों को पार करती हैं.
पिंडारी ग्लेशियर की ऊंचाई ( Height of Pindari Glacier )
इस ग्लेशियर की अधिकतम ऊंचाई 4200 मीटर है। पिंडारी ग्लेशियर लगभग 5 किलोमीटर लम्बी, 6 मीटर ऊंची और 2.5 मीटर चौड़ी है। ग्लेशियर 3 किलोमीटर लम्बाई और 300-400 मीटर की चौड़ाई तक फैला हुआ है और ये कर्णप्रयाग पर अलकनंदा नदी से मिलने के लिए एक राह भी बनाता है। यह जगह पिंडारी आइस फॉल, लम्चिर पूर्व शिखर और चंगुच माउंटेन का दृश्य भी दिखाता है। पूरा ग्लेशियर नंदा देवी से बड़ी हिमपात की वर्षा और ग्रेटर हिमालयन रेंज के आसपास की शिखर की वजह से बारिश का परिणाम है। पिंडारी ग्लेशियर वास्तव में साहसिक अमीगो और फोटोग्राफर के लिए एक स्वर्ग है।
पिंडारी ग्लेशियर का मौसम ( Weather of Pindari Glacier )
अगर आप पिंडारी ग्लेशियरों की यात्रा के लिए योजना बना रहे हैं, तो पिंडारी ग्लेशियर में मौसम और तापमान के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। पिंडारी ग्लेशियर का मौसम काफी ठंडा रहता है आम तौर पर यहां का तापमान 5 डिग्री से कम ही रहता है।
पिंडारी ग्लेशियर बाबा ( Pindari Glacier BaBa )
पिंडारी ग्लेशियर में पहुचने के बाद आपको पिंडारी बाबा के दर्शन होंगे। जिन्हें पिंडारी बाबा के अलावा स्वामी धर्मनंदा के नाम से भी जाना जाता है जो कि अकेले पिंडारी ग्लेशियर में जीरो पॉइंट नामक स्थान पर रह रहे है जो की खाती गांव से लगभग 27 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। खाती और जीरो पॉइंट के बीच ना कोई व्यक्ति रहते है और ना कोई गांव है उस स्थान पर दो कुमाउं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस है।
भारत में ट्रेकिंग अधुरी है अगर आप पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक नहीं करते हैं। ट्रेक करने के लिए आपको नीचे दिया रास्ता तय करना होगा। अगर आप दिल्ली से पिंडारी ग्लेशियर के यात्रा तय करना चाहते है तो आपको सबसे पहले काठगोदाम पहुंचना होगा और उसके बाद आपको अल्मोड़ा, बागेश्वर और अंत में सौंग तक पहुंचना होगा। सौंग के बाद आपके ट्रेक की शुरूवात होती है।
ट्रेक (Trek)
बेस कैंप – सौंग
सौंग से लौहरखेत 3 किलोमीटर ट्रेक
लौहरखेत से धाकुरी 11 किलोमीटर
धाकुरी से खाती 8 किलोमीटर
खाती से द्वाली 11 किलोमीटर
द्वाली से फुरकिया 7 किलोमीटर
फुरकिया से पिंडारी ग्लेशियर 5 किलोमीटर
पिंडारी ग्लेशियर में आप सिर्फ KMVN (कुमाउं मंडल विकास निगम) में आराम या निवास कर सकते है। ये स्थान बहुत ही आराम दायक है जो कि सरकार के द्वारा पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा करने वाले लोगों के लिए रुकने के लिए है।
पिंडारी ग्लेशियर के पास और क्या है घूमने के लिए ( Where to visit near Pindari Glacier )
महाराणा प्रताप संग्रहालय ( Maharana Pratap Museum )
हल्दीघाटी उदयपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप सिंह और दिल्ली के अकबर की मुगल सेना के बीच हुई लड़ाई के लिए प्रसिद्ध है। ये एक संग्रहालय है जिसमें प्रसिद्ध युद्ध के कई हथियार और पेंटिंग हैं। लाइट एंड साउंड आपको संग्रहालय के अंदर की घटनाओं की एक झलक देता है। यहां की एंट्री फीस 30 रुपये है और कैमरा टिकट 10 रुपये की है।
इस ट्रेक पर जाते वक्त ध्यान रखें कि अपने साथ गर्म कपड़ें जरूर रखें क्योंकि यहां पर सर्दी काफी रहती है। वहीं साथ में मेडिकल किट और अपनी साधारण दवाईयां रखें, साथ ही अच्छे ट्रेकिंग जूते रखना ना भूलें। इस बात को जरूर ध्यान में रखें कि ट्रेकिंग के लिए आपको पहले ही एडवांस में पर्मिट लेना होता है। ट्रेकिंग में आपको बिजली की समस्या का सामना करना पड़ सकता है तो अपने मोबाइल और कैमरा को उस हिसाब से चार्ज कर के रखें। एक अनुभवी गाइड को अगर साथ रखेंगे तो वो आपको फायदा ही देगी।
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