Nainital Travel Guide : नैनीताल उत्तराखंड के कुमाऊ क्षेत्र में बसा हुआ है. ये खूबसूरत सा टाउन राज्य का एक प्रमुख पर्यटक शहर है. यह शहर का मुख्यालय भी है और उत्तराखंड में सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला स्थल भी है. नैनीताल पहुंचना चूंकि आसान है और यहां वीकेंड में आप आसानी से घूम सकते हैं, इसीलिए दिल्ली और गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव के लोगों का यह फेवरिट डेस्टिनेशन बपन गया है. यहां लोग ज्यादातर प्राकृतिक सौंदर्य और झीलों का आनंद लेने आते हैं. नैनी का अर्थ है आंखें और ताल का अर्थ होता है झील. आपको मंत्रमुग्ध कर देने वाले इस शहर का संबंध इसी शब्द से है. इसी वजह से इसका नाम नैनीताल पड़ा.
अगर आप दिल्ली से नैनीताल जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको सफर में कुल 10 घंटे और 52 मिनट का वक्त लगेगा. दिल्ली से नैनीताल जाने के लिए आपको ISBT कश्मीरी गेट से सीधा बस मिल जाती है. वहीं अगर आप उत्तराखंड आकर यहां देहरादून से नैनीताल जाना चाहते हैं तो आपको नैनीताल पहुंचने में 7 घंटे 56 मिनट लगते हैं. नैनीताल की देहरादून से कुल दूरी 278.8 किलोमीटर की है.
कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व माना गया है. देश के प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों में नैनीताल की भी विशेष भूमिका है. यह क्षेत्र ‘छखाता’ परगने में आता है. छखाता नाम को ‘षष्टिखात’ नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब साठ तालों यानि की झीलों से है. इस जगह पर पहले साठ मनोरम ताल थे ऐसा कहा जाता है इसीलिए इस क्षेत्र को ‘षष्टिखात’ भी कहा जाता था. आज इस जगह को ‘छखाता’ नाम से अधिक जाना जाता है. आज भी नैनीताल जिले में सबसे अधिक ताल हैं. जो कि यहां की खूबसूरती को और भी ज्यादा शानदार बनाते हैं. इसे भारत का लेक डिस्ट्रिक्ट भी कहा जाता है और यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष यहां लाखों की तादात में देश और विदेश से पर्यटक अपनी छुट्टियां बिताने आते हैं.
कुछ पौराणिक बातें
झील में पर्यटक आपको वोटिंग यानी की नाव चलते हुए नज़र आ जाएंगे. इस झील को नैनी झील के नाम से भी जाना जाता है. इस झील की एक पौराणिक कथा भी हमारे शास्त्रों से जुड़ी हुई है. कहा जाता है की एक बार जब राजा दक्ष भव्य यज्ञ करवा रहे थे तो वहां पर सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया था लेकिन पुत्री सती और दामाद शिव को निमंत्रण नहीं दिया गया था. क्योंकि दक्ष को शिव पसंद नहीं थे.
ऐसा देख सती नाराज़गी जताते हुए अपने पिता के भव्य यज्ञ में पहुंच गई परन्तु वहां जाने के बाद अपने और अपने पती का अनादर होते देख अपने पिता के हवन कुंड में अपने देह को त्याग कर अपने पिता का यज्ञ भंग करते हुए और यज्ञ सफल न होने की मनसा लिए हवन कुंड में सती हो गई. जब यह घटना क्रम शिव को पता चला तो वो काफी क्रोधित हुए और यज्ञ को भस्म कर दिया.
ऐसा होते देख दक्ष प्रजापति ने माफ़ी मागि जिसके उपरांत शिव सती की जलती हुई काया को लेकर आकाश भ्रमण पर निकल पड़े. इसके बाद कुमाऊं के इस क्षेत्र में देवी सती के नैनों का अंश गिरा जिसकी वजह से इस जगह का नाम “नैनी” पड़ा और नैनो से निकलते आँसुओं से यहां यह “ताल” बना जिसके कारण इस जगह के नाम को नैनीताल कहा गया और यहां “नैनादेवी” का शक्तिपीठ भव्य मंदिर यही स्थित है. जिसका ज़िक्र आपको पौराणिक कथाओं और किस्सों में मिल जायेगा.
खान-पान
रहने और खान-पान की व्यवस्था में ये शहर बेहद मज़ेदार है यहां खाने में आपको स्थानिय स्वादिष्ट भोजन और अन्य ज़ायकों का स्वाद चखने को मिल जायेगा. यहां पर आपको रहने के लिए कमरे 500 रुपये से आसानी से मिल जायेंगे. ज्यादातर लोग यहां गर्मियों में अपनी छुट्टियां मनाने आते हैं जिसकी वजह से इस समय में आपको ये रूम्स थोड़े महंगे भी मिल सकते हैं परन्तु नवंबर के समय में यहां आपको ज्यादा मज़ा आएगा. ट्रैवल जूनून आपसे ये ज़रूर शेयर करना चाहेगा की आप एक बार नैनीताल घूमने ज़रूर जाये. फिर चाहे दोस्तों के साथ हो या फिर अपनी फैमली के साथ।
नैनीताल के आस-पास क्या है
काठगोदामः नैनीताल से काठगोदाम जाने के लिए मात्र 1 घंटे का समय लगता है. काठगोदाम नैनीताल से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप नैनीताल से बस लेकर काठगोदाम निकल सकते हैं. आपको नैनीताल से काठगोदाम के लिए जीप भी मिल जाएगी. काठगोदाम में आप प्राकृतिक सौंदर्यता का लुत्फ उटा सकते हैं. यहां की ऊंचाई से आप पर्वती श्रृंखलाओं को अपनी आंखों से निहार सकते हैं. इसको डे-आउटिंग के लिए सबसे शानदार माना जा सकता है.
भवालीः वहीं नैनीताल से भवाली जाने के लिए मात्र आधा घंटे का समय लगता है जो कि नैनीताल से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये जगह घूमने, रहने, और खाने के लिए शानदार हो सकती है. उत्तराखंड के इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा और स्वादिष्ट सेब यहीं उगाये जाते हैं. यहां के सेब “भवाली के मीठे सेब”
सात ताल, नैनीताल यह जगह नैनीताल में ही मौजूद है.
भीमतालः नैनीताल से भीमताल पहुंचने के लिए आपको मात्र 50 मिनट का समय लगता है. भीमताल और नैनीताल की कुल दूरी 25 किलोमीटर की है. भीमताल भी यहां के सबसे खूबसूरत तालों में से एक ताल है. यहां भी हर साल हज़ारों लोग देश-विदेश से घूमने के लिए आते हैं.
मुक्तेश्वरः यहां से मुक्तेश्वर पहुंचने में मात्र 1 घंटा और 50 मिनट का समय लगता है. मुक्तेश्वर बहुत ही खूबसूरत टाउन है जो कि नैनीताल डिस्ट्रिक में आता है. यह आपकी काफी अच्छी टूरिस्ट डेस्टनी हो सकती है.
Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More
Christmas : इस लेख में हम बात करेंगे कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और इससे… Read More
Christmas Shopping 2024 : क्रिसमस आने वाला है. ऐसे में कई लोग किसी पार्टी में… Read More
Kumbh Mela 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More
Hot water : सर्दियां न केवल आराम लेकर आती हैं, बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं… Read More
Jaunpur Tour : उत्तर प्रदेश के जौनपुर शहर की यात्रा करना हमेशा एक सुखद अनुभव… Read More