Mukteshwar Travel Guide: मुक्तेश्वर (Mukteshwar) उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित एक ग्राम पंचायत है। ये समुन्द्र तल से 2286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अंग्रेजी दौर में बने खूबसूरत हिल स्टेशन मुक्तेश्वर (Mukteshwar) को “मुक्ति के ईश्वर”, संसार की बुरी शक्तियों के संहारक “भगवान शिव का घर” भी कहा जाता है। मुक्तेश्वर (Mukteshwar) में भगवान शिव का 10वीं सदी पूर्व कत्युरी राजाओं द्वारा अविश्वसनीय-सा केवल एक रात में बनाया गया भव्य मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (Mukteshwar Mahadev Mandir) स्थित है। मुक्तेश्वर (Mukteshwar) के बारे में कहा जाता है कि मुक्तेश्वर मंदिर (Mukteshwar Temple) के नीचे स्थित लाल गुफा आज के वक्त में भी मौजूद है। सर्दियों में बर्फ से ढके मुक्तेश्वर धाम (Mukteshwar Dham) में बिलकुल कैलाश पर्वत की तरह अनुभव होता है।
आपको बता दें कि मुक्तेश्वर (Mukteshwar) का नाम 350 साल पुराने शिव मंदिर के द्वारा मिला है। मुक्तेश्वर (Mukteshwar) का नाम दो संस्कृत शब्दों से मिल कर बना है। ये शब्द मुक्ति और ईश्वर है। मुक्तेश्वर (Mukteshwar) के बारे में एक प्राचीन कथा में जिक्र है, जिसमें शिव के साथ एक राक्षस का युद्ध होता है, हालांकि दानव पराजित हो जाता है, वो अमरता प्राप्त करता है।
नैनीताल (Nainital) से लगभग 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुक्तेश्वर (Mukteshwar) में ऊंची, हरीभरी पहाड़ियों और हजारों फुट गहरी खाइयों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। मुक्तेश्वर (Mukteshwar) की खूबसूरती बेहद शानदार है।
भगवान शिव का ये मंदिर मुक्तेश्वर मंदिर (Mukteshwar Mandir) के नाम से प्रसिद्ध है। एक छोटी पहाड़ी पर बने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां भगवान शिव के साथ ब्रह्मा, विष्णु, पार्वती, हनुमान और नंदी जी भी विराजमान हैं। मंदिर के बाहर लंगूरों का जमावड़ा लगा रहता है।
ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए मुक्तेश्वर (Mukteshwar) से 5 किलोमीटर सीतला गांव के परफेक्ट जगह है, जहां पर ट्रैकिंग के साथ साथ बर्डवाचिंग का मजा भी लिया जा सकता है।
इसे चौथी की जाली भी कहते हैं। ये जगह मुक्तेश्वर मंदिर (Mukteshwar Mandir) के साथ ही है। यहां पर भी पहाड़ की थोड़ी-सी चढ़ाई करके पहुंचा जा सकता है। पहाड़ की चोटी से घाटी का सुंदर नजारा दिखता है।
एडवैंचर के शौकीन लोग मुक्तेश्वर के पास सरगाखेत इत्यादि गांव में कैंपिंग, हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग का आनंद उठा सकते हैं। कैंपिंग और हिल स्पोर्ट्स का असली मजा मार्च से जून के दौरान आता है।
अगर आप नैनीताल से मुक्तेश्वर (Mukteshwar) जा रहें हैं तो नैनीताल से लगभग 20 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ही आप को सड़़क के किनारे फलों के बाग दिखने लगेंगे। बाग की देखरेख करने वाले सड़क किनारे ताजे आड़ू, खुबानी और सेब इत्यादि बेचते रहते हैं। कुछ पैसे ले कर ये लोग आप को बाग में घूमने और यहां बिताए यादगार पलों को कैमरे में कैद करने की इजाजत भी दे देते हैं। यकीन मानिए, रसभरी खुबानी और आड़ू के ये बाग घूमने के बाद आगे के सफर के लिए आप का उत्साह दोगुना हो जाएगा।
इसके अलावा ये पहाड़ों से सजी जगह अपने विभिन्न एडवेंचर के बल पर देश-दुनिया के ट्रैवलर्स को यहां पर आने का आमंत्रण भी देता है।
मुक्तेश्वर में पैराग्लिडिंग सबसे उत्साहजनक एडवेंचर गतिविधियों में से एक है। ये एडवेंचर आमतौर पर कैंपिंग पैकेज में ही शामिल कर दिया जाता है, जिसमें रिवर क्रासिंग, नाइट ट्रेकिंग, वाइल्ड लाइफ ट्रेकिंग आदि अन्य गतिविधियां शामिल होती हैं। इस पूरे पैकेज में आपको भोजन और टेंट आवास की भी सुविधा दी जाती है। ये पूरा पैकेज आपको प्रति व्यक्ति 5000-7000 के बीच आ जाएगा। पिछले कुछ सालों में मुक्तेश्वर (Mukteshwar) पैराग्लाइडिंग के लिए एक खास जगह के रूप में उभर कर सामने आया है। यहां की हसीन वादियों में एडवेंचर का आनंद किसी सपने से कम नहीं। आप यहां का प्लान अपने दोस्तों या पार्टनर के साथ बना सकते हैं।
यहां की असामान्य स्थलाकृति, अज्ञात ट्रेल्स, हरे-भरे जंगलों और संकीर्ण गलियां मुक्तेश्वर को ट्रेकिंग के लिए सबसे खास गंतव्य बनाने का काम करती हैं। अपने अनुभव और सहनशक्ति के आधार पर आप यहां के विभिन्न ट्रेकिंग ट्रेल्स का चुनाव कर सकते हैं। यहां पर ज्यादातर ट्रेल्स कठीन नहीं हैं, इसलिए पेशेवर मार्गदर्शन की यहां जरूरत नहीं। ताजा हवा और पहाड़ी वनस्पतियों के बीच यह एडवेंचर किसी को भी रोमांचित कर सकता है। यहां कुछ लोकप्रिय ट्रेल्स हैं- पेओरा से अल्मोड़ा, पेओरा से मुक्तेश्वर, बिंसर से आर्टोला ट्रेक और नदियों के किनारे वाले ट्रेक रूट। यहां पर रात में की जाने वाली ट्रेकिंग और कैंम्पिंग काफी ज्यादा लोकप्रिय है। आप यहां परिवार या दोस्तों के साथ एक शानदार ट्रिप का आनंद ले सकते हैं।
मुक्तेश्वर में ट्रेकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाइडिंग के अलावा रॉक क्लाइंबिंग और रैपलिंग का भी रोमांचक आनंद लिया जा सकता है। क्योंकि ये एक पर्वतीय स्थल इसलिए यहां पर सख्त पहाड़ियों की भरमार हैं। यहां पर आने वाले विदेशी ट्रैवलर्स इन साहसिक गतिविधियों का अनुभव लेना जरूर पसंद करते हैं। मुक्तेश्वर की पहाड़ी चट्टाने काफी मजबूत हैं, जिनमें फिसलन कम है इसलिए यहां रॉक क्लाइंबिंग की जा सकती है। हालांकि बरसात के दिनों में ये एडवेंचर जरा जोखिम भरा हो सकता है। यहां की पहाड़ियों में नौसिखिए भी चढ़ाई कर सकते हैं। अगर आप यहां आएं तो रैपलिंग और रॉक क्लाइंबिग का आनंद जरूर उठाएं।
मुक्तेश्वर तक पहुंचने के लिए आप सड़क, ट्रेन और हवाई रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुक्तेश्वर हर बड़े शहर से जुड़ा हुआ है। यहां तक सड़क के रास्ते पहुंचने के लिए आपको आराम से लग्जरी और साधारण बसें मिल जाएंगी। वहीं मुक्तेश्वर से सबसे पास काठगोदाम रेलवे स्टेशन पड़ता है, जो कि 73 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं पास में पंतनगर हवाईअड्डा है जो कि 100 किलोमीटर दूर है।
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