Maternity Insurance : एक नन्हीं जान को दुनिया में लाने का सौभाग्य सिर्फ एक महिला को ही प्राप्त है. बच्चे को जन्म देना उसके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल होता है. हालांकि, एक बच्चे को जन्म देना आसान नहीं है, नौ महीने गर्भ में रखते समय होने वाली तकलीफ और प्रसव पीड़ा को सिर्फ एक महिला ही समझ सकती है. बात सिर्फ दर्द पर ही खत्म नहीं होती, उस समय मां और बच्चे की जान पर भी खतरा बना रहता है. इसीलिए, उसे एक अच्छी मेडिकल सुविधा की जरूरत होती है. वैसे तो मेडिकल साइंस लगातार एडवांस होती जा रही है, जिसमें महिलाओं के प्रसव के दर्द को काफी कम किया जा सकता है और साथ ही प्रसव संबंधी किसी भी दिक्कतों से भी निपटा जा सकता है.
लेकिन बढ़ती महंगाई और अस्पतालों में आ रही नई-नई तकनीकों के कारण मेडिकल खर्च भी आसमान छूने लगा है. अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाना आम आदमी के बस से बाहर हो गया है. ठीक उसी प्रकार एक गर्भवती महिला के प्रसव के लिए अस्पताल में अनुभवी डॉक्टर व बड़ी-बड़ी मशीनें तो हैं, लेकिन उनका खर्च भी इतना ही एडवांस हो गया है. ऐसे में यदि Maternity Insurance प्लान की मदद मिल जाए, तो लगभग सारी मुश्किलें आसान हो सकती हैं.
Maternity Insurance प्लान एक विशेष बीमा पॉलिसी है, जिसे खासतौर पर मातृत्व देखभाल को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यदि आप अपनी फैमिली शुरू करने जा रहे है, तो आपको भी Maternity Insurance प्लान के बारे में एक बार विचार करना चाहिए. इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि Maternity Insurance प्लान खरीदने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, तो आइए जानते हैं –
सबसे पहले आपके लिए यह जाना जरूरी है, कि Maternity Insurance वास्तव में क्या है और यह कैसे महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है. यह एक विशेष बीमा योजना है जो गर्भावस्था, प्रसव और उसके बाद मां व शिशु के स्वास्थ्य पर होने वाले मेडिकल खर्च को कवर करता है. इसमें नॉर्मल डिलीवरी से लेकर सी सेक्शन तक सभी प्रसव प्रक्रियाओं को कवर किया जाता है. इसके अलावा यदि प्रसव के दौरान मां या शिशु को कोई भी दिक्कत होती है, तो उसका इलाज (जैसे सर्जरी आदि) भी Maternity Insurance प्लान में ही कवर किया जाता है.
यदि आपके पास Maternity Insurance है, तो आप गर्भावस्था, प्रसव या उसके बाद के किसी भी इलाज के लिए अस्पताल जा सकती हैं. इसमें मेडिकल खर्च को आपकी बीमा कंपनी उठाती है. यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो आज की महंगाई को देखते हुए Maternity Insurance प्लान खरीदना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. Maternity Insurance प्लान से आपको कई लाभ मिलते हैं, जिनमें निम्न मुख्य हैं –
Coverage on medical expenses before and after hospitalization
Treatment started in hospital without cash
Coverage on medical expenses of both mother and newborn baby
Freedom to choose the sum insured as per your choice
claim free bonus
Special exemption on income tax
प्रेग्नेंसी के लिए सबसे अच्छी मैटरनिटी योजना या प्लान को चुनते समय आपको ये ध्यान रखना है कि प्लान प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्या या इमरजेंसी को कवर करे.
प्लान चुनने से पहले इस बात पर भी ध्यान दें कि नवजात शिशु से जुड़े कौनसे खर्च बीमा योजना कवर कर रही है ताकि मां और बच्चा दोनों को कवर का फायदा मिल सके।
बीमा खरीदने से पहले योजना की कुल राशि पता कर लें, आपको ये पता होना चाहिए कि बीमा कंपनी ज्यादा से ज्यादा कितनी राशि तक का भुगतान करेगी।
बीमा खरीदने से पहले योजना की अवधि जान लें, एक सीमा तक ही बीमा को लिया जाता है, अगर मैटरनिटी प्लान शादी के समय लिया है तो आपको समय सीमा पहले से पता होना चाहिए.
यदि आपकी बीमा कंपनी आपको कैशलेस फैसिलिटी दे रही है, तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. इस सुविधा में आपको अस्पताल जाते समय कैश की व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं है, जो कई बार काफी परेशान करने देने वाली स्थिति पैदा कर देती है। उदाहरण के लिए यदि आपको अचानक से प्रसव पीड़ा शुरू हो गई है या फिर प्रसूति संबंधी कोई अन्य समस्या हो गई है तो जल्द से जल्द अस्पताल जाने से पहले कैश का अरेंजमेंट करने की आवश्यकता पड़ सकती है और ऐसे में कई बार देर भी हो सकती है.
यदि आपके पासMaternity Insurance पॉलिसी है और अचानक से मैटरनिटी इमर्जेंसी हो जाती है, तो आप बिना कैश की चिंता किए बीमा कंपनी के नेटवर्क में मौजूद किसी भी अस्पताल में जाकर अपना भर्ती हो सकती हैं। आपकी बीमा कंपनी सीधे अस्पताल से संपर्क करके आपके मेडिकल खर्च का भुगतान करती है। सरल शब्दों में कहें तो कैशलेस फैसिलिटी मां व शिशु के जीवन की रक्षा करने में भी मदद करती है।
इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले 30 दिन तक के और बच्चे के जन्म के 60 दिन बाद तक के खर्चे शामिल होते हैं. इसके तहत सामान्य तरीके से बच्चे को जन्म देने पर Maternity Insurance और नवजात बच्चे के दावे की सीमा 15000 से 30000 रुपये तक ही होती है. जबकि सर्जरी के जरिए बच्चा होने पर दावा 25000 रुपये से 50000 रुपये के बीच कवर सीमित होता है. इसमें अस्पताल या नर्सिंग होम के कमरे का किराया, नर्स और सर्जन का खर्च, डॉक्टर की फीस, इमर्जेंसी एंबुलेंस का खर्च शामिल माना जाता है.
Maternity Insurance का दावा करने के लिए पॉलिसी की खरीद के बाद 2 से लेकर 4 साल तक इंतज़ार की समय सीमा होती है. कुछ योजना में इसकी समय सीमा 6 साल तक भी होती है तो किसी में नौ महीने की भी होती है. Maternity Insurance का फायदा लेने के लिए पॉलिसी खरीदने वाले की उम्र 45 साल तक ही सीमित होती है.
अगर गर्भ ठहरने के 12 हफ्ते में ही गर्भ गिर जाए तो इससे जुड़ा कोई इलाज का खर्च कवर में शामिल नहीं किया जाता. असामान्य तरीके के गर्भधारण जैसे टेस्ट ट्यूब बेबी या सरोगेसी के ज़रिए बच्चे को जन्म देने पर आने वाले खर्च का कवर इसमें शामिल नहीं होता. प्रीमियम इस बीमा योजना का प्रीमियम काफी ज़्यादा होता है, हालांकि मातृत्व बीमा आपके वित्तीय बोझ को कम करता है। ये एक ऐसा कवर है जो एक तरह की निश्चित घटना को कवर करता है।
बेहतर होगा कि मातृत्व पर आने वाले खर्चों की भरपाई के लिए खुद का फंड बनाएं जिसे किसी मियादी जमा योजना में या म्यूचुअल फंड की तरल योजना में रख सकते हैं। बीमा कंपनी उस स्थिति में कवर नहीं देगी अगर पहले से ही गर्भधारण किया हो। उस पर इंतज़ार की मियाद भी लागू होगी। इसलिए गर्भधारण को बेहतर ढंग से प्लान करना अहम होगा,
Maternity Insurance प्लान को खरीदने से पहले उसकी अवधि के बारे में भी जान लें। यदि आप पहली बार मैटरनिटी इन्शुरन्स प्लान खरीद रहे हैं, तो आपको लंबी अवधि वाले प्लान का चयन करना चाहिए. ऐसे में आपके प्रीमियम की राशि भी कम होगी और आपको लंबे समय तक प्लान को रिन्यू कराने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है.
Maternity Insurance खरीदते समय डिस्काउंट का भी ध्यान रखें, यह प्रीमियम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है.,प्लान को खरीदने से पहले आप ऑनलाइन या बीमा कंपनियों से संपर्क करके डिस्काउंट आदि का पता कर सकते हैं। जिस कंपनी से आपको अधिक डिस्काउंट मिलता है, उससे प्लान खरीदकर आप कुछ पैसे बचा सकते हैं.
बीमा कंपनियां स्वास्थ्य बीमा कवर में मातृत्व कवर से जुड़े फायदों को विशिष्ट रूप से दर्शाती हैं। ऐसे दंपत्ति जो इस कवर को खरीदना चाहते हैं उन्हें पॉलिसी के दायरे को ठीक से समझ लेना चाहिए। ये समझ लेना चाहिए कि क्या-क्या चीज़ें कवर के बाहर होंगी.पॉलिसी की कीमत कितनी होगी? ये सब जान लेना चाहिए. साथ ही इन सभी ज़रूरतों को ध्यान में रखकर अलग मेडिकल फंड बनाना चाहिए. ताकि वो ऐसे हालात में ज़रूरतें पूरी कर सकें.
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