Kumbh 2019 : प्रयागराज में 14 जनवरी यानी की मकर संक्रांति के दिन से कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है। इस मेले में जाने के लिए लोगों ने अभी से अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। कुंभ के शाही स्नान के लिए लोग देश के अलग अलग हिस्सों से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जाना शुरु हो गए हैं। मकर संक्रांति से लेकर महा शिवरात्रि तक ये मेला चलेगा और 50 दिन के इस मेले में भक्ति आस्था का एक तड़का लगेगा। लेकिन जो लोग कुंभ मेले के साथ-साथ प्रयागराज घूमने का भी विचार बना रहे हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको प्रयागराज में घूमने लायक जगहों के बारे में भी बताने जा रहे हैं।
वैसे तो कहते हैं कि प्रयागराज में तीन करोड़ से ज्यादा तीर्थ स्थल है। लेकिन कुछ का अलग महत्व है जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
अकबर का किला
संगम तट पर बने इस लाल रंग के किले की नींव सन् 1583 में बादशाह अकबर ने रखी थी। ये किला 983 बीघा जमीन में बना है। उस वक्त इसे बनाने में 6,23,20,224 रुपये लगे थे। वहीं इसे बनने में भी लगभग 45 साल लग गए थे। ये किला 4 हिस्सों में बंटा है जिसमें पहले हिस्से में खुद राजा, दूसरे में रानियां और शहजादें, तीसरे में शाही कुटुंब के लोग और चौथे में सेवक और सिपाही रहते थे।
अक्षय वट
अकबर किले में ही अक्षय वट भी है। कहते हैं कि गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम की वजह से ही ये बना है। ये कभी भी किसी भी काल में खत्म नहीं होता है। रामचंद्र, लक्ष्मण और सीता वनवास के वक्त भारद्वाज मुनि के आश्रम से अक्षय वट के दर्शन करने के लिए आए थे। साथ ही ये भी कहते हैं कि इसके दर्शन के बाद ही संगम पर स्नान करने वालों के सभी संकल्प पूरे हो जाते हैं।
शंकर विमान मण्डपम
शिव भगवान का ये मंदिर त्रिवेणी संगम पर बना है। दक्षिण भारतीय शैली के रूप में बना ये मंदिर 4 स्तंभों पर बना है। इसमें कुमारिल भट्ट, जगतगुरु आदि शंकराचार्य, कामाक्षी देवी, तिरूपति बाला जी और योगशास्त्र सहस्त्रयोग लिंग है।
अशोक स्तंभ
इस किले में अशोक का प्रसिद्ध स्तंभ है जिस पर सम्राट अशोक के वक्त की राजाज्ञाएं लिखी है। यह 35 फुट लंबा एक खंभा है। इसकी गोलाई नीचे 3 फुट है जो कि ऊपर की तरफ जाते हुए घट जाती है। इस पर अशोक के 6 लेख लिखें हैं जो उन्होंने प्रजा के लिए लिखवाए थे।
श्री वेणी माधव
प्रयागराज में 12 माधव मंदिर हैं जिनमें सबसे ज्यादा मशहूर श्री वेणी माधव जी का मंदिर ही है, जो कि दारागंज के निराला मार्ग पर बना हुआ है।
हनुमान मंदिर
दारागंज मोहल्ले में गंगा किनारे भगवान हनुमान का मंदिर बना है इसमें शिव-पार्वती समेत, गणेश, दुर्गा, काली की मूर्तियां भी है।
भारद्वाज मुनि का आश्रम
इलाहाबाद के कर्नलगंज में ऋषि भारद्वाज का एक बड़ा आश्रम है। ये आश्रम आनंद भवन के पास है और कहा जाता है कि भगवान राम जिस वक्त वनवास पर थे उस दौर में ये ऋषि भारद्वाज का आश्रम हुआ करता था। वनवास के दौरान भगवान राम ने यहीं पर आराम किया था। भरत भी उनसे मिलने के लिए यहीं पर आए थे। यहां पर मुख्य मंदिर के अलावा कई और देवी देवताओं के मंदिर भी हैं।
मिंटो पार्क
यमुना किनारे पर बने मिंटो पार्क का भारत के उपनिवेशकालीन इतिहास में अपना अलग ही स्थान रहा है। यहां पर 1 नवंबर 1858 को वायसराय लॉर्ड कैनिंग ने विक्टोरिया का प्रसिद्ध घोषणापत्र पढ़कर सुनाया था। इसके बाद इसी जगह पर एक पत्थर की शिला पर इसके कुछ अंश लिखवाए गए थे। यहां पर एक पार्क भी बना है जिसे गवर्नर जनरल लॉर्ड मिंटो ने बनवाया था। उन्हीं की याद में इसका नाम मिंटो पार्क रखा गया था। वहीं आजादी के बाद इस ऐतिहासिक पार्क का नाम बदलकर महामना मदन मोहन मालवीय रखा था।
इलाहाबाद म्यूजियम
ये म्यूजियम मोती लाल नेहरू पार्क में है। इसे 1931 में बनाया गया था। इसमें कौशांबी और पुराने इलाहाबाद से जुटाई गई सामग्रियों को खास स्थान दिया गया है। कौशांबी में प्रागैतिहासिक कालीन की चीजें भी हैं साथ ही कुछ हथियार और हड़प्पा सभ्यता से मिली दुर्लभ वस्तुएं भी यहां पर संभाल कर रखी गई है। इस म्यूजियम में चंद्रशेखर आजाद की वो मूर्ति भी है जो शहादत के समय उनके साथ थी।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
ये यूनिवर्सिटी 23 सितम्बर, 1887 को स्थापित की गई थी और भारत में चौथी सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी गै। इसका नंबर कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास यूनिवर्सिटी के बाद आता है। इसे लेफ्टिनेंट गवर्नर सर विलियम म्योर ने बनवाया था।
Health Tips : दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण जानलेवा साबित हो रहा है. हवा में फैला… Read More
Bandipore Travel Blog : बांदीपुर जिला (जिसे बांदीपुरा या बांदीपुर भी कहा जाता है) कश्मीर… Read More
Anantnag Travel Blog : अनंतनाग जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के सबसे खूबसूरत… Read More
Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More
High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More
Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More