कानाताल (Kanatal) एक छोटा सा गांव है जो कि उत्तराखंड के टेहरी गढवाल जिले में चंबा – मसूरी हाइवे पर स्थित है। ये सुंदर गांव समुद्र तल से 8500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। आसपास रहने वाले लोगों के लिए ये एक प्रसिद्द सैरगाह है। हरा भरा वातावरण, बर्फ से ढंके पहाड़, नदियां और जंगल इस स्थान की सुंदरता को बढ़ाते हैं। कानाताल के आस पास की जगह इस स्थान का नाम कानाताल झील के नाम पर पड़ा जो कई साल पहले अस्तित्व में थी, लेकिन अब इस झील का नामो निशान नहीं है।
कानातल में घूमने के लिए मशहूर जगह (Places to Visit in Kanatal)
सुरकंडा देवी मंदिर (Surkanda Devi Temple)
कानाताल के अनेकों आकर्षणों में से एक सुरखंडा देवी मंदिर है जो कि पर्यटकों के बीच में काफी लोकप्रिय है। एक लोककथा के अनुसार जब भगवान शिव हिंदू देवी सती के शरीर को कैलाश पर्वत लेकर जा रहे थे तो इसी स्थान पर देवी का सिर गिरा था। वो स्थान जहाँ देवी के शरीर के हिस्से गिरे वो शक्ति पीठ के नाम से जाने जाते हैं और सुरखंडा देवी मंदिर उनमें से एक है। इस मंदिर में हर साल मई और जून के महीने में गंगा दशहरा उत्सव काफी उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
टिहरी बांध (Tehri Dam)
ये विश्व के उच्चतम बांधों में गिना जाता है, इसके साथ ही टेहरी बांध कानाताल का एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है। ये बहुउद्देशीय बांध भागीरथी नदी पर बनाया गया है और आसपास के क्षेत्रों को पानी की आपूर्ति करता है। साथ ही ये पर्यटकों के घूमने के लिए भी बहुत दिलचस्प है।
कोडिया जंगल (Kodia Forest)
ये ऐसा जंगल है जहां पर पैदल भी जाया जा सकता है, इसकी सैर के लिए भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ट्रेकिंग के समय यात्री पानी के प्राकृतिक झरनों का आनंद ले सकते हैं। कोडिया जंगल शांत वन क्षेत्र है जो कि पानी के कई झरनों का घर है। इस जंगल में कई जानवर जैसे बार्किंग हिरण, जंगली सूअर, गोरल और मस्क हिरण रहते हैं। ये स्थान पक्षी देखने, प्रकृति फोटोग्राफी और पिकनिक के लिए आदर्श स्थान है। पर्यटक जंगल में 6 किलोमीटर तक पैदल भ्रमण कर सकते हैं और लहरदार पहाड़ियों और घाटियों का आनंद उठा सकते हैं। इसके अलावा वो जंगल में घूमने के लिए जीप सफारी का विकल्प चुन सकते हैं। इसके साथ ही पर्यटकों को ये सलाह भी देंगे कि वो अपना दोपहर का खाना साथ ले जाएं।
शिवपुरी में राफ्टिंग (Rafting in Shivpuri)
कानाताल में आने वाले पर्यटक शिवपुरी में राफ्टिंग का आनंद भी ले सकते हैं जो कि कानाताल से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिवपुरी एक छोटा सा गांव हैं जो कि शिव मंदिरों के लिए प्रसिद्द है। पर्यटक यहां पर समुद्र तट पर स्थित कैम्प में रात बिता सकते हैं और अगले दिन रिवर राफ्टिंग के लिए जा सकते हैं। इस स्थान का शांत वातावरण विश्व भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
कैसे जाएं कानाताल (How to Go Kanatal)
हवाई मार्ग, रेल और सड़क मार्ग से कानाताल आसानी से पहुंचा जा सकता है। ये देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। कानाताल के सबसे पास हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो कि इस जगह से 92 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं अगर ट्रेन की बात करें तो देहरादून और ऋषिकेश कानाताल के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देहरादून से 85 और ऋषिकेश से 75 किलोमीटर की दूरी पर कानाताल है। जहां से आपको आसानी से बसें और टैक्सी मिल जाएंगी। इसके अलावा यहां पर पर्यटक मसूरी, ऋषिकेश, चंबा, देहरादून, हरिद्वार और टेहरी से बसों के द्वारा पहुंच सकते हैं। जो कि बड़े शहरों से आसानी से जुड़े हुए हैं।
कब जाएं कनातल ( When to Visit Kanatal )
कानाताल जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मियों का होता है, उस वक्त यहां पर मौसम काफी अनुकूल रहता है। जबकि सर्दियों में यहां पर बर्फ की चादर चढ़ी रहती है।
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