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January 2019 Events in India : इवेंट्स से भरा है पहला महीना, शेड्यूल यहां जानें

January 2019 Events in India : भारत विश्व भर में अपनी रंगीन संस्कृति और रीति रिवाज़ों के लिए जाना जाता है। भारतीय संस्कृति के साथ ही यहाँ के पर्व, उत्सव और त्यौहार भी अपनी ओर बखूबी पूरी दुनिया को खींचते हैं। यहाँ लगभग हर महीने कोई न कोई उत्सव या पर्व मनाया जाता है। इसीलिए भारत को पर्वों का देश कहना भी ग़लत नही होगा। यहाँ इतने पर्व और त्यौहार होते हैं कि आपको सबके बारे में शायद पता भी नहीं होगा। हर त्यौहार को एक अलग अंदाज में मनाया जाता है। इन्हीं त्योहारों और पर्वों का हिस्सा बनने के लिए लोग देश विदेश से बड़ी संख्या में भारत आते हैं। साल 2019 आरम्भ हो गया है और इसी के साथ आगमन ही रहा है इस साल के पर्वों और उत्सवों का जिनका आप आनंद ले सकते हैं।

रण उत्सव (1दिसंबर – 20 जनवरी) || Rann Utsav (1 December – 20 January):

कच्छ का रण उत्सव दुनिया भर में मशहूर है। दुनिया भर से लोग इस उत्सव में शामिल होने आते हैं। रण उत्सव 3 महीने तक चलता है। इस बार यह उत्सव 1 दिसंबर से शुरू हुआ था जो 20 फ़रवरी तक चलेगा। रण उत्सव में आर्ट, कल्चर, म्यूजिक के साथ आपको और बहुत कुछ देखने को मिलेगा। गुजरात की संस्कृति, वहां के लोक संगीत और नृत्य को आप करीब से देख सकते हैं। इस दौरान आप ऊंट की सवारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं साथ ही नामक के रेगिस्तान की सफ़ारी पर जा सकते हैं । इन सबके अलावा आप इस उत्सव में गुजराती पारंपरिक पकवानों का ज़ायका भी चख सकते हैं। इस दौरान आप कैम्प साईट पर भी ठहर सकते हैं जो कि उत्सव के स्थान पर ही होते हैं लेकिन इनका खर्चा थोड़ा ज़्यादा होता है। अगर आपकी पॉकेट इसकी इजाज़त नहीं देती है तो आप भुज में भी किसी होटेल या मोटेल में रुक सकते हैं। भुज उत्सव स्थल से थोड़ी ही दूरी पर है और यहाँ आपको कम दाम में अच्छे होटल या मोटेल में रूम्स मिल जाएंगे। रण उत्सव के अलावा भी आप आसपास की कई जगह घूमने जा सकते हैं। भुज में स्थित प्राग, आईना महल, कच्छ म्यूजियम, मांडवी और धौलावीरा कच्छ के नजदीक स्थित कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। इस उत्सव में शामिल होने के लिए अपना ID ले जाना न भूलें क्यूंकि इसके बिना आपकी एंट्री नही होगी इस मेले में। विदेशी पर्यटकों के लिए पासपोर्ट और ID प्रूफ़ ज़रूरी है। अपने ID की फोटोकॉपी भी साथ रखें ज़रूरत कभी भी पड़ सकती है।  

कैसे पहुंचे || How Reach

कछ के रण तक पहुचने के लिए भुज जाना बेहतर है। भुज का एयरपोर्ट कछ के काफ़ी नज़दीक है। यह हवाई अड्डा लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। कछ से आपको कैब और बस मिल जाएगी जो आपको रण तक पहुँचा देगी।

दिल्ली से कछ तक सीधी ट्रैन है जिसका सफ़र लगभग 19 घण्टे का रहता है।  

2. इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल (6 जनवरी से 14 जनवरी) ||  International Kite Festival (January 6 to January 14):

अगर आप पतंगबाज़ी का शौक रखते हैं और रंग बिरंगी नए आकार की पतंगें अगर आपको अपनी ओर आकर्षित करती हैं तो यह उत्सव आपके लिए ही है। पूरे भारत में मकर संक्रांति का पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। लेकिन गुजरात के अहमदाबाद में यह पर्व कुछ ज़्यादा ही ज़ोरो शोरो से मनाया जाता है। गुजरात राज्य हर साल मकर संक्रांति के आसपास अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन करता है। इस महोत्सव के दौरान गुजरात एक नए उत्साह से भर जाता है। यह महोत्सव साबरमती रिवर फ्रंट पर मनाया जाता है। यहाँ की लोकप्रियता इतनी है कि विदेशी पर्यटक भी खास तौर से इन्ही दिनों इस महोत्सव में भाग लेने यहाँ आते हैं। यह उत्सव 6 जनवरी से मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी तक चलेगा। इस उत्सव में पतंगबाज़ी के अलावा आप रंग बिरंगी अतरंगी पतंगें बनते हुए भी देख सकते हैं साथ ही मनोरंजन की कुछ और चीज़े भी देख सकते हैं।

कैसे पहुंचे || How to reach

यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन अहमदाबाद में ही स्थित है जहाँ लगभग हर बड़े शहर से फ्लाइट और ट्रेन आती हैं। हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से रिवर फ्रंट तक बसों और टैक्सी की अच्छी सेवा है।

3. चेन्नई म्यूज़िक फेस्टिवल (दिसंबर मध्य – जनवरी मध्य) || Chennai Music Festival (Mid December – Mid January)

म्यूजिक और डांस के शौकीन लोगों के लिए चेन्नई में चेन्नई म्यूजिक फेस्टिवल चल रहा है। यह फेस्टिवल दिसंबर के मिड से शुरू हुआ था और जनवरी के मध्य तक चलेगा। इस फेस्टिवल में 600 से भी ज़्यादा आर्टिस्ट भाग लेंगे। यह प्रस्तुति चेन्नई के अलग अलग म्यूजिक हॉल में अलग अलग दिन पर होनी है। इस फेस्टिवल के लिए हर दिन के लिए अलग ऑनलाइन टिकट बुक करनी होगी। तो अगर इस जनवरी आप चेन्नई या उसके आसपास हो तो चेन्नई म्यूजिक फेस्टिवल का लुत्फ़ उठाया जा सकता है।

कैसे पहुंचे || How Reach

चेन्नई में शहर में ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन है जहाँ से लगभग देश भर के बड़े शहर कनेक्टेड हैं।

4. नेशनल स्ट्रीट फ़ूड फ़ेस्टिवल (12 जनवरी से 15 जनवरी) || National Street Food Festival (12 January to 15 January)

खाने पीने के शैकीन लोगों के लिए यह एक अच्छी डेस्टिनेशन है। हर साल राजधानी दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में इस फ़ेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। नेशनल स्ट्रीट फ़ूड फ़ेस्टिवल की ख़ास बात यह है कि पूरे देश का चटपटा स्ट्रीट फ़ूड यहाँ एक छत के नीचे आ जाता है। चटोरे लोगों के लिए यह फ़ेस्टिवल बिल्कुल जन्नत जैसा होता है। देश भर के विभिन्न पकवानों के ज़ायके का लुत्फ़ उठाने के लिए भारी संख्या में लोग यहाँ आते हैं। पकवानों के स्वाद के अलावा यहाँ आप कुछ डिशेज़ बनाना भी सीख सकते हैं साथ ही आप कुक बुक्स, मसाले आदि भी खरीद सकते हैं। आगर आप 12 जनवरी से 15 जनवरी के बीच दिल्ली में हैं तो यहां जा कर इंडियन स्ट्रीट फ़ूड का मज़ा लिया जा सकता है।

कैसे पहुंचे || How to Reach

दिल्ली भारत की राजधानी है तो यह हवाई, रेल और बस मार्ग के द्वारा हर शहर से जुड़ी है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम तक दिल्ली मेट्रो से भी कनेक्टेड है।

5.  ममलल्लापुरम डांस फ़ेस्टिवल || Mamallapuram Dance Festival

यह अनोखा ओपन एयर डांस फेस्टिवल हर साल तमिलनाडु के मामल्लपुरम में दिसंबर-जनवरी में मनाया जाता है। तमिलनाडु टूरिज़म इसका आयोजन करता है। इस बार यह 25 दिसंबर को शुरू हुआ था और 15 जनवरी तक चलेगा। यहाँ आपको कथक, कुच्चीपुड़ी, भारत नाट्यम और कथककली जैसी भारत की कई उच्चतम नृत्य शैली देखने को मिलेगी। यहाँ सभी नित्य कार्यक्रम सुबह 6 बजे से शुरू होकर रात 8 बजे तक चलते हैं जो दर्शकों को खूब मोहित करते हैं। तमिलनाडु में स्थित एक मशहूर बीच है। यहाँ कई पुरातन काल के स्कल्प्चर और ऐतिहासिक इमारतें हैं जिनको देखने भारी संख्या में टूरिस्ट यहाँ आते हैं। यह संख्या ममल्लापुरम डांस फेस्टिवल के दौरान और बड़ जाती है।

कैसे पहुंचे || How to reach

यहाँ हवाई, रेल और सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंच जाए सकता है। यहाँ का सबसे नजदीक हवाई अड्डा चेन्नई में है। रेल मार्ग से आने के लिए चेन्नई (58किलोमीटर) या चेंगलपट्टू (29 किलोमीटर) उतरना होगा। वहाँ से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।

6. पोंगल उत्सव (15 जनवरी-18 जनवरी) || Pongal Festival (January 15-January 18)

यह उत्सव तमिलनाडु में बड़े ज़ोरोशोरो से मनाया जाता है। तीन दिन तक चलने वाले इस फ़ेस्टिवल लोगों का एक अलग ही उत्साह होता है। इस उत्सव में आप विशिष्ट पकवानों का स्वाद चख सकते हैं, बुल फाइट का मज़ा ले सकते हैं, मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं, यहाँ की यादगार चीज़ों की शॉप्पिंग कर सकते हैं और तमिलनाडु की संस्कृति से रूबरू हो सकते हैं।

कैसे पहुंचे || How to reacप

आप यहाँ देश के किसी भी कोने से प्लेन, ट्रैन, बस, कैब आदि से पहुँच सकते हैं। चेन्नई और मदुरई में स्थित हवाईअड्डे, रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल से लग भाग सारे शहर जुड़े हुए हैं।

7. बीकानेर ऊंट मेला || Bikaner Camel Fair

राजस्थान के बीकानेर में हर साल दो दिवसीय वविश्व प्रसिद्ध कैमल फेस्टिवल मनाया जाता है। इस फेस्टिवल की शान होते हैं रंग बिरंगे कपड़ो से सजे धजे ऊँट जिनको दुनिया भर से पर्यटक देखने आते हैं। इस उत्सव के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जो पर्यटकों के लिए काफ़ी रोचक होता है। 12 से 13 जनवरी तक चलने वाले इस उत्सव में ऊँटो का ब्यूटी कॉन्टेस्ट होगा, राजस्थानी सांस्कृतिक नृत्य और गायन होगा, राजस्थानी पकवान होंगे और खरीददारी करने के लिए भी बहुत कुछ होगा।  

कैसे पहुंचे || how to reach

बीकानेर के सबसे नजदीक हवाई अड्डा जोधपुर में स्थित है जहाँ से बीकानेर आने के लिए आपकक आराम से बस और टैक्सी मिल जाएगी। इसके अलावा यहां बहुत से शहरों से ट्रेन के ज़रिए आया जा सकता है। कोटा, अजमेर, आगरा, दिल्ली और अन्य कई शहरों से यहाँ सीधा बस मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।

8.  जैसलमेर डेज़र्ट फ़ेस्टिवल || Jaisalmer Desert Festival

राजस्थान पर्यटन बोर्ड द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय उत्सव जैसलमेर का एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है, जो कि फ़रवरी के महीने में शहर से करीब 42 किमी दूर स्थित सैम रेत टिब्बा में आयोजित होता है। इस उत्सव में भी पर्यटकों के मनोरंजन के लिए काफ़ी कुछ रहता है। यहाँ पर्यटक विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों, ऊंट दौड़, पगड़ी बांधने, और सबसे अच्छी मूँछ की प्रतियोगिता जैसे रोचक कार्यक्रमों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। इस बार यह फेस्टिवल 17 फ़रवरी से 19 फ़रवरी तक चलेगा।

कैसे पहुंचे || How to reach

यहां का निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में स्थित है। यह जगह हवाई, रेल और सड़क मार्ग से जुड़ी है। लगभग हर बड़े शहर से जोधपुर तक ट्रेन, बस या फ्लाइट के ज़रिए पहुंचा जा सकता है। जोधपुर से यहाँ तक के लिए आप कैब, बस या टैक्सी कर सकते हैं।

तो 2019 में भी घुमक्कड़ी के शौक को बनाये रखते हुए इन उत्सवों का लुत्फ़ उठाया जा सकता है।

 

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