Home Stay in India : कहते हैं जीवन एक तलाश है जहां पर इंसान अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने जीवन में फेरबदल करता रहता है. जीवन की ये तलाश उन जगहों पर नए रूप में दिखाई देती है जहां रोजगार के साधन न के बराबर हैं. इन जगहों में अपनी पहाड़ यानी उत्तराखंड-हिमाचल भी है. उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों में रोजगार की तलाश में लोग गांव छोड़कर शहर की तरफ चले आते हैं. गांव में छूट चुके घरों में रह जाती है तो सिर्फ बुजुर्गों की पीड़ा और सुनसान पड़े घर.
उत्तराखंड को देव-भूमि के नाम से भी जाना जाता है जिसके अंदर पौड़ी-गढ़वाल, टिहरी-गढ़वाल, कुमाऊ, चमोली-गढ़वाल, इत्यादि इलाके आते हैं. इसी के साथ देखा जाये तो इन जगहों पर उत्तराखंड के विशेष चार धाम भी बसे हुए हैं. जहां प्रति-वर्ष लाखों की तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस 4 धाम यात्रा का उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है. इसी की वजह से यहां के लोगो को रोजगार मिलता हैं. लेकिन फिर भी रोजगार की भारी कमी को ये पूरा नहीं कर पाता है और इस वजह से राज्य के गांव के गांव खाली हो चुके हैं.
कहावत भी है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी कभी पहाड़ के काम नहीं आती है. ये वाक्य यहां कहना एकदम सही होगा क्योंकि जो जीवन पहाड़ अपनी गोद में पालता है. ममता के साथ दुलारता है. वो जीवन रोज़गार की तलाश में पथरीली ज़मीन और समतल मैदानों का हो जाता है और दोबारा कभी लौट कर पहाड़ में नहीं आता. अगर पहाड़ से पूछा जाये कि इसका सबसे बड़ा दुख आज के समय में क्या है तो ये कहना उचित होगा कि रोज़गार न होने की वजह से युवाओं का पहाड़ छोड़कर शहरों की ओर चले जाना, जिसकी वजह से या तो लोगों के पुश्तैनी घर खंडहर में बदल रहे है या फिर टूट कर मिट्टी हो रहे हैं, और लोगो के चले जाने से यहां की खेती भी बंजर ज़मीन में तब्दील होती जा रही है.
लेकिन अब जिंदगी बदल रही है और जीने का तरीका भी. और पहाड़ पर इस जिंदगी को बदलने में बड़ी भूमिका निभा रहा है होम स्टे का कॉन्सेप्ट. यदि आप अपना पुराना पड़ा घर होम-स्टे के साथ जोड़ते हैं तो आप भी अपने पुश्तैनी पहाड़ी मकान को ज़िंदा रख सकतें है और घर बैठे-बैठे रोज़गार भी प्राप्त कर सकते हैं जिसकी वजह से पहाड़ों से पलायन भी कम होगा और युवाओं को घर बैठे रोजगार भी मिलेगा.
होम-स्टे एक ऐसी सुविधा है जिसके जरिए कोई भी शख्स अपने घर को टूरिस्ट वेबसाइट से जोड़कर कमाई कर सकता है. इन घरों में वहां आने वाले टूरिस्ट ठहरेंगे और इसके बदले में मकान मालिक को अच्छा पैसा मिलेगा. देश हो या विदेश, यहां से आने वाले सैलानी बड़े-बड़े होटलों की जगह यहां की धरोहर के साथ जुड़कर स्थानीय तरीकों में घुलना मिलना पसंद करते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका घर भी सुरक्षित रहेगा और पहाड़ों से पलायन भी रुकेगा और रोज़गार को भी बढ़ावा मिलेगा.
इस परियोजना से जुड़े उत्तरकाशी रैथल निवासी अरविंद रतूड़ी जी ‘संचालक’ उनका कहना है की होम-स्टे में देश और विदेश के लोगों को जोड़कर पहाड़ी संस्कृति और यहां की सभ्यता से तो जोड़ा जा ही रहा है वहीं, प्रदेश में इससे रोजगार भी बढ़ेगा. ऐसा करने से उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार भी बढ़ेगा. इसके अंतर्गत विजय सिंह राणा, अनिल रावत, सोबत राणा, सुमित रतूड़ी आदि लोगो ने अपने पुस्तैनी बेकार पड़े घरों को होम-स्टे के साथ जोड़ा है और होम-स्टे द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर एक सम्मान जनक रोजगार अपने क्षेत्र में ही इन लोगों ने प्राप्त किया है.
पहाड़ पर गांव में लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद सुदृढ़ नहीं होती है और इसी की वजह से उन्हें घर छोड़कर शहरों की तरफ पलायन करना पड़ता है. लेकिन Home Stay ने यहां बदलाव की बयार शुरू की है. पहाड़ों पर अपने मकानों को Home Stay से जोड़कर स्थानीय युवा प्रति माह 16 से 30 हज़ार रुपए तक की कमाई कर रहे हैं. जिसकी वजह से ये लोग अब अपने गांव अपनी भूमि में ही रहकर एक स्वस्थ जीवन यापन कर पा रहे हैं.
जहां पहले युवा बेरोजगार हुआ करता था वहीं होमस्टे के साथ जुड़कर इनको रोजगार मिला. अपने घरों से दूर जाकर मात्र 8 से 12 हज़ार रुपये कमाने वाले ये युवा अपने ही घर में रह कर 15 से 30 हज़ार रुपये तक प्रति-माह कमा रहे हैं.
यात्रा डॉट कॉम और मेक माय ट्रिप जैसी बड़ी ट्रैवल वेबसाइट्स अपने प्लेटफॉर्म पर आपको अपना Home Stay रजिस्टर करने का अवसर देती हैं. यात्रा डॉट कॉम पर इस लिंक से आप अपने घर को इसके तहत रजिस्टर करा सकते हैं. यदि आपके पास आपका एंड्राइड फ़ोन है तो आप Google App से HomeStay का App डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद आप अपना एक अकाउंट बना लीजिये. अकाउंट बनाने के बाद या तो आप एक टूरिस्ट के तौर पर अपनी पसंद का घर चुन सकते हैं और चाहें तो अपना घर रजिस्टर भी करा सकते हैं.
आप सिर्फ Home Stay रजिस्टर कराकर घर से होने वाली कमाई तक ही सीमित नहीं रहिए. आप अपने घर पर आने वाले टूरिस्ट्स के लिए स्पॉट्स या साइट सीइंग के लिए कैब की व्यवस्था कर सकते हैं. टूरिस्ट स्थानीय भोजन खाना पसंद करते हैं, आप उन्हें स्थानीय भोजन से रूबरू करा सकते हैं. स्थानीय परिधान, शॉपिंग, आदि चीजों में टूरिस्ट्स की मदद कर आप अपनी आमदनी को और भी बढ़ा सकते हैं. वो कहते हैं न अतिथि देवो भवः तो यकीन मानिए, ये Home Stay का कॉन्सेप्ट इसी भाव को साकार करता दिखाई दे रहा है.
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