How to do Meditation : क्या आप जानते हैं कि मेडिटेशन क्या है, क्या मैडिटेशन के फायदे के बारे जानते हैं? मैडिटेशन कैसे करते है मतलब सही तरीका क्या है मैडिटेशन करने की? आपको ध्यान करते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए? ध्यान से उठने के बाद क्या नहीं करना चाहिए? इन सब के बारे में आप इस आर्टिकल में जान पाएंगे. मॉर्निंग के इम्पोर्टेन्ट ऐक्टिविटीज में से एक है मैडिटेशन यानी ध्यान, जो सभी को रोज करनी चाहिए. ये एक ऐसी स्टेज होती हैं जहां आपका माइंड एकदम क्लियर होता है और इमोशंस एकदम शांत होता है.
मैडिटेशन करके आप अपनी कॉन्शियसनेस और अवेयरनेस भी बढ़ा सकते हैं और फिर आप अपने माइंड को और भी अच्छी से यूज़ कर सकते हैं, क्योंकि हम सबको दिन भर में बहुत कुछ काम करना होता है, मेंटली और फिजिकली वर्क और हम कुछ 3-4 घंटे काम करने के बाद ही थक जातें है, और आलस हमे घेर लेती है, तो अगर आपको इन सभी को overcome करना है, और आपको मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग बनना है, और अपने लाइफ को बेहतर तरीके से जीना है तो आपको मैडिटेशन करना ही पड़ेगा.
मैडिटेशन एक आध्यात्मिक सच्चाई है और यह हमें अनोखे सफर पर ले जाते है, ये एक ऐसा सफर है जो आपका जीवन ही बदल देगा, यह सफर आपको ज्ञान और सुख की सीमा तक ले जायेगा. एक अद्भुत सा अनुभव कराएगा और आप जिंदगी में बड़ी ऊंचाई तक पहुंच पाओगे. यह आर्टिकल ध्यान और ध्यान के अनुभवों पर लिखा गया है, अगर आपको पता नहीं असल में मेडिटेशन होता क्या है? मैडिटेशन करने से हमको क्या-क्या फायदा मिलता है? मैडिटेशन क्यों करना चाहिए हमको? यानी मैडिटेशन की पूरी जानकारी के लिए यह आर्टिकल पढ़े.
अगर आप Meditation को और आसान भाषा में समझना चाहते हैं, तो इसका मतलब होता है. मनुष्य के दिमाग को शांत रखने की एक आसान प्रक्रिया है और इससे मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है. इसके साथ ही यह आपके मन में नई ऊर्जा का संचार करता है और मानसिक एकाग्रता को बढ़ा देता है.
आमतौर पर Meditation को हिंदी में लोग ध्यान लगाना भी कहते हैं, ध्यान लगाते समय आप अपने मन को अपनी सांसो पर केंद्रित करना सीख रहे होते हैं, कि सांस किस प्रकार से अंदर और बाहर आती जाती है और इस दौरान आपको यह भी ज्ञात होगा कि आपका दिमाग कैसे विचलित होता है?
इस बात पर ध्यान दें, कि जब हम ध्यान का अभ्यास कर रहे होते हैं, तो हम अपने दिमाग को अपनी सांसो पर केंद्रित करते हैं, जो हमारे दिमाग को बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए प्रशिक्षित करता है.
अक्सर जब कोई शुरुआती Meditation का अभ्यास करने को सोचता है तो वह इस बात को लेकर परेशान रहता है, कि Meditation कैसे करते हैंं
Meditation के लाभ को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है, कि आप इसे सही तरीके से करें?
वैसे तो ध्यान के बहुत से प्रकार होते हैं, लेकिन आमतौर पर लगभग सभी प्रकार के ध्यान का मकसद सिर्फ एक ही होता है, जो कि अपने मन को किसी एक चीज पर स्थिर करना है.
हालांकि मुख्य रूप से 7 प्रकार के ध्यान जो कि नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं, वे बहुत ही फायदेमंद होते हैं.
आमतौर पर Meditation बौद्ध धर्म तथा हिंदू धर्म से ली गई एक परंपरा है, जिसका मुख्य उद्देश्य अपने मन के विचारों को नियंत्रित करना और अपने मन को समझना है, और शांति प्राप्त करने के साथ जागरूकता के उच्च स्तर तक पहुंचना होता है.
ध्यान करना बहुत ही आसान है, हालांकि आपको शुरुआती समय में कुछ कठिनाइयां महसूस हो सकती है. इसलिए आप ध्यान करते समय इन टिप्स को अपना सकते हैं.
Meditation करने के लिए सबसे पहले आपको कोई एक शांतिपूर्ण वातावरण का चयन करना चाहिए, क्योंकि एक शांत वातावरण, आपका ध्यान Meditation पर केंद्रित करने में मदद करेगा और बाहरी चीजों से विचलित होने से बचने में सक्षम बनाएगा.
इसलिए सर्वप्रथम ऐसी जगह चुने, जहां पर आप ध्यान की अवधि तक किसी चीज से विचलित ना हो. शांतिपूर्ण वातावरण का चुनाव करने के कारण नीचे लिस्टिड किए गए हैं.
Meditation का अभ्यास करते वक्त आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप बाहरी विकर्षणों से विचलित ना हो और अपने मन को शांत रखना है.
इसलिए यदि आप ध्यान लगाते वक्त बेहद तंग कपड़े पहने रहते हैं, तो यह आपके अभ्यास में विघ्न डाल सकता है.इसलिए Meditation का अभ्यास करते वक्त सुनिश्चित करें कि आप ढीले वस्त्र पढ़ने और जूतों को पैरों से उतार कर रखें.
हालांकि कुछ परिस्थितियों में जैसे जब आप किसी ठंडी जगह पर Meditation का अभ्यास करने की योजना बना रहे होते हैं, तो वहां पर आपके पास ठंड से बचने का कोई ना कोई तरीका तो होना ही चाहिए। इस परिस्थिति में आप अपने साथ कोई कंबल ले जा सकते हैं, या स्वेटर आदि पहन सकते हैं.
मेडिटेशन के लिए आप सुबह का समय चुन सकते हैं. हालांकि Meditation का अभ्यास करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए; कि आप कितने समय के लिए Meditation का अभ्यास करने जा रहे हैं?
Meditation के अनुभवी लोगों के अनुसार इसका अभ्यास दिन में दो बार 20 मिनट के सत्र तक करना चाहिए.
लेकिन अगर आप ध्यान में बिल्कुल नए हैं. या पहली बार मेडिटेशन करने जा रहे हैं, तो वह आप दिन में एक बार के लिए 5 मिनट से कम का समय भी चुन सकते हैं.
जब आप एक बार Meditation करने की समय सीमा निर्धारित कर लेते हैं, तो आपको उसी समय सीमा पर टिके रहने का प्रयास करना चाहिए.
कभी-कभी आपको लगेगा कि आप Meditation का अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं, या आपने जितने समय तक Meditation करने का निश्चय किया था, उतने समय तक आप नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको हार नहीं मानना चाहिए.
आमतौर पर आपको Meditation का अभ्यास करने से पहले एक निर्धारित समय के लिए सहज मुद्रा में बैठना होता है. इसलिए ध्यान अभ्यास शुरू करने से पहले यह आवश्यक होता है, कि आप अपने शरीर में उपस्थित तनाव अथवा जकड़न को बाहर निकाल दें.
इसके अलावा आप ध्यान करने से पहले योगाभ्यास कर सकते हैं.इसकी मदद से आप अपने शरीर के किसी हिस्से में होने वाले, किसी दर्द के कारण ध्यान से विचलित होने से भी बचेंगे.
इतना सब कुछ कर लेने के बाद आपको यह सुनिश्चित करना है, कि आप एक आरामदायक मुद्रा में बैठे हैं, क्योंकि Meditation का अभ्यास करते वक्त किसी भी प्रकार से विचलन से बचने के लिए यह आवश्यक है, कि आप सहज हों. परंपरागत रूप से Meditation जमीन पर बिछी हुई चटाई या कुशा पर कमल की स्थिति में बैठकर किया जाता है.
कृपया ध्यान दें: अगर आपको रीढ़ अथवा पीठ से संबंधित किसी प्रकार की समस्या है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए और इस बात की जांच करनी चाहिए कि आपके लिए कौन सी ध्यान मुद्रा अधिक सुरक्षित और आसान है.
वैसे तो आप Meditation का अभ्यास खुली अथवा बंद दोनों ही आंखों से कर सकते हैं, लेकिन नए लोगों को बाहरी चीजों से विचलित होने से बचने के लिए आंख बंद करके ही ध्यान का अभ्यास करना सहज होता है. यदि आप अपनी आंखें खुली रख कर Meditation का अभ्यास करते हैं तो आपको किसी एक वस्तु पर अपनी नजर केंद्रित ना करके, उसे Soft रखनी चाहिए.
सभी प्रकार के Meditation का सबसे बुनियादी अभ्यास सांस पर ध्यान देना होता है, इसलिए अब आपको अपनी सांसो पर ध्यान केंद्रित करना है और बिना किसी दबाव के सामान्य रूप से सांस अंदर लेना और बाहर करना है. उदाहरण के लिए आपको अपना ध्यान इस बात पर केंद्रित करना है, कि आप किस प्रकार से अंदर को ओर सांस ले रहे हैं; या किस प्रकार से बाहर की ओर सांस छोड़ रहे हैं, ना की इसके बारे में सोचना है, कि पिछली बार की सांस ज्यादा बड़ी थी या छोटी थी.
इस प्रकार अपनी सांसो पर ध्यान केंद्रित करना ही Meditation कहलाता है. अब हम आपको कुछ बेहतरीन टिप्स बताएंगे, जो आपके बेहतर ध्यान अभ्यास में आपकी मदद करेंगे और आप अपने घर पर मेडिटेशन करना सीख पाएंगे.
माइंडफूलनेस मेडिटेशन कैसे किया जाता है? इसके बारे में जानने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि Mindfulness Meditation क्या होता है?
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि माइंडफूलनेस मेडिटेशन भी ध्यान करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें आप कहीं पर भी अपने मन के विचारों को शांत करके ध्यान करने का अभ्यास कर सकते हैं. माइंडफूलनेस मेडिटेशन का अभ्यास करने के लिए आपको कोई निश्चित समय निर्धारित करने की आवश्यकता नहीं होती है, आप कहीं पर भी और कभी भी माइंडफूलनेस मेडिटेशन अभ्यास कर सकते हैं.
आपमें से बहुत सारे लोग मेडिटेशन का अभ्यास करने की सही जानकारी ना होने के कारण गलत तरीके से मेडिटेशन करते हैं। इस वजह से गलत तरीके से ध्यान का अभ्यास करने के कारण आपको बहुत सारे नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं.
अगर आप मेडिटेशन का संपूर्ण लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तब आपको आगे बताई गई मेडिटेशन के दौरान की जाने वाली गलतियों से बचना चाहिए.
जब आप ध्यान का अभ्यास करने लगते हैं, तो आपका मन इधर-उधर विचलित होने लगता है. Meditation करते वक्त मन के इस विचलन से बचने के लिए हमेशा शांत जगह का चुनाव करें। अगर आप तनाव में हैं, तो अपने सामने किसी वस्तु को रख लें और उसे ध्यानपूर्वक देखें.
इसके अलावा सही ध्यान मुद्रा का चुनाव करें और फिर उसके बाद आंख बंद करके अपने मन के विचारों को अपनी सांस पर केंद्रित करें, इस प्रकार आप अपने मन को ध्यान पर केंद्रित कर सकते हैं.
जब आप ध्यान लगाने का अभ्यास करते हैं और धीरे-धीरे अपने मस्तिष्क के विचारों को नियंत्रित करना सीख जाते हैं, तब एक समय के पश्चात आपको ध्यान के कुछ चमत्कारिक अनुभवों का एहसास होता है.
नियमित ध्यान के फायदे जानकर आपको मेडिटेशन का अभ्यास करने की प्रेरणा मिलेगी. चूंकि Meditation आपके मन में विचारों को नियंत्रित करने की एक प्रक्रिया है, जिसके बहुत सारे लाभ होते हैं, जिनका वर्णन मैंने नीचे किया है.
Meditation का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह तनाव को कम कर सकता है; जिससे चिंता करने की समस्या में कमी आती है. लगभग 1300 वयस्क व्यक्तियों, जो अत्यधिक चिंता से ग्रसित थे, उनके साथ एक अध्ययन किया गया, जिसमें यह पता चला कि Meditation चिंता को कम कर सकता है.
इसके अलावा एक अध्ययन में पाया गया कि लगभग 8 सप्ताह तक Mindfulness Meditation करने वाले व्यक्तियों में चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद मिली.
Meditation करने से आप अपने बारे में एक अच्छी समझ के साथ आत्म जागरूकता विकसित कर सकते हैं. साथ ही साथ यह जान पाएंगे कि आप अन्य लोगों के साथ कैसे संबंधित रहते हैं?
इससे आप अपने मन में आने वाले उन नकारात्मक विचारों को दूर कर सकते हैं; जिन विचारों से आपको लगता है कि आप स्वयं से हार जायेंगे. इसके अलावा यह आपके Problem Solving Skills को भी बढ़ाता है.
लोगों के द्वारा Meditation करने का सबसे मुख्य कारण यह होता है; क्योंकि Meditation आपके मन से तनाव को दूर रखने में मदद करता है.
आमतौर पर शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण Cortisol नामक तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव पैदा करता है।
यह अवसाद और चिंता को बढ़ाता है, आपकी नींद को बाधित करता है, इसके अलावा तनाव आपके BP को बढ़ा सकते हैं और थकान को बढ़ाकर सोचने की शक्ति को कम कर सकते हैं.
रिसर्च के अनुसार Meditation तनाव के लक्षणों को दूर करके तनाव से मुक्ति पाने में मदद करता है. इसके साथ ही ध्यान अनिद्रा से छुटकारा प्राप्त करने में मदद करता है.
मैडिटेशन के कोई भी नुकसान नहीं है, लेकिन अगर आप गलत तरीके से मेडिटेशन करेंगे तो यह नुकसानदायक होता है. इसलिए अगर आप मैडिटेशन का अभ्यास गलत तरीके से करते हैं, तो आपको नीचे दिए गए नुकसान झेलने पड़ सकते हैं.
मैडिटेशन के इतने सारे फायदे होने के बावजूद बहुत सारे लोगों को यह जानने में उत्सुकता रहती है कि ध्यान में कितनी शक्ति है?
अगर योगी और ऋषियों जैसे महापुरुषों की बात मानी जाए तो उनके अनुसार मेडिटेशन में इतनी शक्ति है कि आप अपनी अंतरात्मा को परमात्मा के साथ जोड़ सकते हैं. इसके साथ ही आप मेडिटेशन का अभ्यास करके किसी भी असाध्य रोग से छुटकारा दिलाने वाली दिव्य शक्तियां हासिल कर सकते हैं. क्योंकि ध्यान का अभ्यास करने से आपके मस्तिष्क में डोपामाइन हार्मोन का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे आपका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है.
यहां पर हमने आपके लिए Meditation Kaise Kare से संबंधित कुछ सवाल और उनके जवाब से संबंधित जानकारी दी है, जो आप लोगों के द्वारा काफी पूछे जाते हैं। इसलिए इन सवालों के जवाब आपको पता होने चाहिए, इसलिए Article को पढ़ते रहें!
Meditation का हिंदी ध्यान होता है।
ध्यान यानी कि मेडिटेशन एक मानसिक अभ्यास है; जिसके कई लाभ है, यह मन और मानसिक विचारों को प्रशिक्षित करने का एक तरीका है। Meditation के विशेषज्ञों का कहना है; कि जिस प्रकार शारीरिक व्यायाम के माध्यम से शरीर को प्रशिक्षित किया जाता है; ठीक उसी प्रकार Meditation के माध्यम से मन को प्रशिक्षण दिया जाता है।
जब आप Meditation का अभ्यास करते हैं, तो आपको कुछ विशेष अनुभव होते हैं, जिसमें आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाते हैं और आपको असीम तथा दिव्य शक्तियों का अनुभव होता है।
वैसे तो ध्यान का अभ्यास बहुत सारे कारणों से किया जाता है, लेकिन ज्यादातर लोग ध्यान का अभ्यास अपने मन के विचारों को नियंत्रित करने के लिए तथा तनाव से मुक्त होने और शांति प्राप्त करने के लिए करते हैं.
यहां पर इस बात का ध्यान देना चाहिए, कि दोनों ही प्रकार के ध्यान अभ्यास समान हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है; कि आपको किसमें ज्यादा अच्छा अनुभव मिलता है। जब आप समूह के साथ Meditation का अभ्यास करते हैं, तो यह Meditation में सहायक होता है.जब आप अकेले Meditation अभ्यास करते हैं तो यह आपको अनुशासित बनाता है.
अक्सर जब कोई नया व्यक्ति Meditation का अभ्यास करता है तो उसके सामने सबसे बड़ी समस्या हो यह होती है, कि उसका मन ध्यान के दौरान इधर-उधर विचलित होने लगता है। इसके लिए आप अपने मन को अपने नाक के पास लाकर अपनी सांसो को महसूस करें और अगर मन भटक जाए, तो पुनः उसी पर लाएं। अब आप यह प्रक्रिया बार-बार करेंगे तो एक समय आएगा जब आपका ध्यान स्वतः ही आपकी सांसो पर केंद्रित हो जाएगा।
भगवान का ध्यान लगाने के लिए आप Meditation के दौरान किसी प्रकार का मंत्र जैसे ॐ (ओम) का जाप कर सकते हैं। इस दौरान आप अपने मन में भगवान का स्मरण कर सकते हैं।
ध्यान का अभ्यास आप स्ट्रेचिंग के साथ कर सकते हैं। स्ट्रेचिंग करने के बाद आप एक आरामदायक स्थिति में बैठकर और अपनी आंखों को बंद करके किसी भी चीज पर अपने मन को फोकस करें। इससे आपके मन की ध्यान करने की शक्ति बढ़ेगी।
ध्यान का हमारे जीवन पर बहुत ही लाभदायक तथा परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ता है। जो व्यक्ति प्रतिदिन ध्यान का अभ्यास करता है; उसे तनाव से मुक्ति पाने, नकारात्मक विचारों को अपने मन से दूर रखने, समाज में उच्च व्यक्तित्व के साथ रहने, अन्य लोगों के साथ अच्छा भावनात्मक संबंध बनाने आदि में आसानी होती है।
ध्यान करते वक्त उसी गति से सांस लें, जिस प्रकार से आप को सहज महसूस हो, न तो सांस पर बहुत अधिक तेजी से लेना चाहिए और न ही बहुत ही धीमी गति से। मेरा मतलब है कि ध्यान करते वक्त नॉर्मल रूप से ही सांस लेना चाहिए।
अक्सर यह देखा जाता है कि जब आप शुरुआती तौर पर ध्यान करने का अभ्यास करना प्रारंभ करते हैं तब ध्यान में आपका मन नहीं लगता है। इसका कारण यह है कि ध्यान का अभ्यास शुरू करने से पहले आप अपने मन को नियंत्रित करना नहीं जानते हैं।
Meditation करने से तनाव में मुक्ति प्राप्त करने में, याददाश्त बढ़ाने में, चिंता को कम करने में, आत्म जागरूकता बढ़ाने में और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ाने में, किसी प्रकार की लत से छुटकारा प्राप्त करने में तथा अच्छी नींद के लिए, रक्तचाप को कम करने के लिए और दर्द से छुटकारा प्राप्त करने में मदद मिलती है.
आपको Meditation करने के लिए सुबह 4:00 से 6:00 बजे के बीच अथवा शाम को 6:00 से 7:00 के बीच समय चुनना चाहिए. हालांकि Meditation करने का कोई निश्चित समय नहीं होता है, लेकिन अगर आप Meditation का संपूर्ण लाभ प्राप्त करना चाहते हैं; तो इसे करने का सही समय तभी होता है, जब आपके चारों तरफ शांति रहती है। इसलिए सुबह का समय सही है.
Meditation हमेशा ऐसी जगह पर किया जाता है, जहां का वातावरण शांत हो और वहां पर किसी प्रकार का शोर नही होता हो. क्योंकि अगर आप शांत वातावरण में ध्यान नहीं लगाते हैं; तो इसका लाभ नहीं प्राप्त कर पाएंगे और आपको ध्यान मुद्रा में जाने में समस्या होगी.
Meditation शांत वातावरण में शांत मुद्रा में बैठकर और आंख बंद करके किया जाता है.इसके बारे में हमने इस आर्टिकल में पूरी जानकारी दे दी है।
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