समुद्रतट से 1319 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के पवित्र धाम केदारनाथ (Kedarnath) से गुप्तकाशी (Guptkashi) सिर्फ 47 किलोमीटर नीचे स्थित है। ये शहर काफी ज्यादा धार्मिक महत्व रखता है और यहां पर 2 शानदार मंदिर जैसे कि अर्धनारीश्वर मंदिर (ArdhNarishwar Mandir) और भगवान शिव का प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Mandir) स्थापित है। गुप्तकाशी (Guptkashi) का धार्मिक महत्व काशी से कम नहीं है। यहां पर भी हर छोटी से छोटी गली में एक मंदिर है। केदारनाथ (Kedarnath) आने वाले लोग यात्रा के दौरान गुप्तकाशी में ही रूकते हैं। ये शहर बर्फीली पहाडियों, हरियाली, सांस्कृतिक विरासत और चौखंभा पहाडियों के सुहावने मौसम से घिरा है। इस वजह से पर्यटकों के लिए ये जगह एक दम परफैक्ट हॉलीडे डेस्टिनेशन बन जाती है।
साथ ही गुप्तकाशी (Guptkashi) के लिए ये माना जाता है कि महाभारत की लड़ाई के बाद, पांडव भगवान शिव से मिलना चाहते थे और अपने आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते थे। लेकिन भगवान शिव गुप्काशी (Guptkashi) से केदारनाथ (Kedarnath) में जाकर छिप गए थे, क्योंकि वो पांडवों से नहीं मिलना चाहते थे। इसका कारण ये कि वो सही कारणों के लिए लड़े तो थे, लेकिन वे अपने वंश को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार थे।
गुप्तकाशी (Guptkashi) आने का सबसे सही मौसम
गर्मियों का मौसम यानी कि मार्च से जून तक और सितंबर से नवंबर तक का मौसम गुप्तकाशी (Guptkashi) घूमने के लिए बिलकुल सही है। गर्मी के दौरान इस शहर का मौसम बेहद सुहावना होता है जबकि सर्दी के दौरान गुप्तकाशी (Guptkashi) का तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। सर्दी के दौरान यहां पर भारी बर्फबारी के कारण ट्रैकिंग और हाइकिंग सब बंद कर दिया जाता है। दीवाली के अगले दिन यहां के सभी मंदिरों के द्वार भी बंद हो जाते हैं और फिर मई में जाकर खुलते हैं। इसके अलावा घनी धुंध और भारी बर्फबारी के चलते सर्दी के मौसम में फ्लाइट और ट्रेनें भी देरी से पहुंचती हैं। जून से सितंबर के दौरान गुप्तकाशी में मॉनसून की शुरुआत होती है। इस दौरान यहां पर भूस्खलन का खतरा बहुत बढ़ जाता है इसलिए इस मौसम में पर्यटकों को गुप्तकाशी (Guptkashi) जाने से बचना चाहिए।
कैसे पहुंचे गुप्तकाशी (How to Reach Guptkashi)
गुप्तकाशी (Guptkashi) वायु, रेल और सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। वायु मार्ग के द्वारा गुप्तकाशी से 190 किलोमीटर की दूरी पर जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (Jolly Grant Airport) सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। वहां से आपको बाकी की दूरी कैब या बस से तय करनी होगी। इसके अलावा रेल मार्ग द्वारा गुप्तकाशी (Guptkashi) से 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऋषिकेष सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। गुप्तकाशी (Guptkashi) तक पहुंचने के लिए आपको बाहरी टर्मिनल से बस या टैक्सी मिल जाएगी और अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा यहां पर आना चाहते हैं तो एनएच 109 से होकर कई बसें और टैक्सी की सुविधा गुप्तकाशी (Guptkashi) के लिए उपलब्ध है।
गुप्तकाशी में और इसके आसपास क्या देखें (What to visit in Guptkashi and nearby areas)
गुप्तकाशी (Guptkashi) में भगवान शिव के दो मशहूर मंदिर है। विश्वनाथ मंदिर और अर्धनारीश्वर मंदिर काफी ज्यादा मशहूर है। ये गुप्तकाशी (Guptkashi) के आकर्षण स्थल हैं। पत्थर और लकड़ी से बनी इन मंदिरों की संरचना को देखकर आप हैरान हो जाएंगें।
वहीं केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Mandir) और मध्यमहेश्वर मंदिर तक आप ट्रैकिंग और हाइकिंग भी कर सकते हैं जो कि गुप्तकाशी (Guptkashi) से 13 किलोमीटर और 25 किलोमीटर दूर हैं। अपने इस सफर को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाने के लिए आप गुप्तकाशी (Guptkashi) से हेलिकॉप्टर राइड भी ले सकते हैं। इससे पूरे शहर का मनोरम नजारा दिखाई देगा।
यहां पर कई और मंदिर है जो कि भगवान शिव को समर्पित है और ये केदारनाथ (Kedarnath) के काफी नजदीक है। वहीं गुप्तकाशी रुद्रप्रयाग जिले का सबसे बड़ा इलाका है, इस कारण यहां पर काफी सारी दुकानें हैं, जो कि यहां के लोकल के साथ-साथ पर्यटकों को काफी ज्यादा पसंद आती है। यहां से लोग धार्मिक सामान, पेंटिंग, आर्ट और क्राफ्ट की चीजें ले सकते हैं।
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