उत्तराखंड (Uttarakhand) के गढ़वाल (Garhwal) क्षेत्र में गौमुख-तपोवन-नंदनवन सबसे मशहूर और पसंद किए जाने वाला ट्रेक है। ये इस पूरे सर्किट में सबसे लोकप्रिय ट्रेक हैं इतना ही नहीं यहां पर ट्रेकिंग के अलावा आपको मौका मिलता है कि आप बड़े से हिमालय की चोटी में ना सिर्फ कैंपिंग करें बल्कि हिमालय घूमने का अवसर भी मिलता है और इसके साथ ही ये जगह गंगा नदी के उद्गम स्थल विशाल गौमुख ग्लेशियर (Gaumukh Gleciar) के लिए भी मशहूर है। और आपको इस ट्रेक से मौका मिलता है कि आप इस ग्लेशियर को भी पार कर सके है।
गौमुख (Gaumukh) भारत का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है जिसकी लंबाई 30 किलोमीटर और चौड़ाई 4 किलोमीटर है, इससे बड़ा ग्लेशियर सियाचिन का है जो कि पहले स्थान पर आता है। इस ट्रेक के दौरान दिखाई देने वाली हिमालय की चोटियां शिवलिंग, सुदर्शन, मेरु, भागीरथी बहनें, खड़कुंड और बहुत कुछ हैं। जो कि आपको ना सिर्फ देखने में अच्छा लगेगा बल्कि दिल में बस जाएगा और आपको कभी नहीं भूलने वाला अहसास देगा। गौमुख तक का मार्ग मई से अक्टूबर तक ट्रेकर्स और तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है। वहीं सर्दियों में यहां पर भारी बर्फबारी होती है जिस वजह से ये बंद रहता है।
इस ट्रेक में गंगोत्री मंदिर (Gangotri Mandir) की यात्रा एक सबसे ज्यादा बड़ा आकर्षण कहा जा सकता है। ये उत्तराखंड के पवित्र चार धामों में से एक है। गंगोत्री वो स्थान है जहां से भागीरथी नदी निकलती है। समुद्र तल से 3,048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री गौमुख ग्लेशियर के ट्रेक के बेस कैंप के रूप में काम करती है।
गंगा भारत की एक सबसे पवित्र नदी है जो कि पूरे उत्तर भारत को पानी पहुंचाती है। इसके साथ ही इसके धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा है। भागीरथी नदी गंगा की सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदी है। गौमुख ग्लेशियर भागीरथी नदी का स्रोत है जिसे देवप्रयाग में अलकनंदा नदी के संगम से पहले गंगा के रूप में भी जाना जाता है।
उत्तराखंड के सबसे पूजनीय स्थानों में से एक, गौमुख ग्लेशियर अपने आप में दर्शनीय स्थल है। भागीरथी चोटियों की विशालता तपोवन बेस कैंप से अनुभव की जा सकती है जो कि गौमुख ग्लेशियर पर या उसके पास स्थित है। इसके अलावा, ग्लेशियर के अलावा इस पूरे ट्रेक में कोई भी और बड़ा दर्शनीय स्थल नहीं है। हालांकि खूबसूरत गौमुख के ट्रेक के पास अपने ही आकर्षक दृश्य और प्राकृतिक सुंदरता भरी पड़ी है। जो कि आपको ट्रेक के दौरान देखने को मिलेगी। और आपको काफी पसंद भी आएगी।
गोमुख की ट्रेकिंग का रास्ता थोड़ा सा मुश्किल है, जो कि सबके बस की बात नहीं होती है। इसलिए ये सलाह दी जाती है कि ट्रेक पर जाने से पहले उसकी तैयारी कर लें और साइकलिंग, रनिंग और स्विमिंग के जरिये अपना कार्डियोवास्कुलर स्टामिना बढ़ा लें। इसके अलावा कोशिश करें कि आप अपने साथ एक अनुभवी ट्रेकिंग गाइड को भी लेकर जाए, ये एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है, क्योंकि एक गाइड को इस ट्रेक के पूरे रास्तों के बारे में काफी अच्छे से पता होता है और वो आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
वहीं आपको हम ये सलाह देंगे कि गोमुख में ट्रेकिंग करने के लिए मौनसून के वक्त ना जाएं, क्योंकि उस वक्त भारी बारिश की वजह से रास्ता काफी ज्यादा फिसलन से भरा हो जाता है, जिस कारण इस इलाके में लैंडस्लाइड का खतरा हो सकता है, साथ ही सड़कों में पानी भर सकता है। इसके अलावा आप कोशिश करें कि आप 2 या उससे ज्यादा लोगों के ग्रुप में ट्रैवल कर रहे हैं, यहां पर अकेले जाना एक सही निर्णय नहीं होगा। इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि ट्रेक पर जाने से पहले आपने अपने घर पर या अपने किसी नजदीकि इंसान को इसके बारे में जरूर बताया हो।
Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More
Christmas : इस लेख में हम बात करेंगे कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और इससे… Read More
Christmas Shopping 2024 : क्रिसमस आने वाला है. ऐसे में कई लोग किसी पार्टी में… Read More
Kumbh Mela 2025 : उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस समय देश के केंद्र में है… Read More
Hot water : सर्दियां न केवल आराम लेकर आती हैं, बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं… Read More
Jaunpur Tour : उत्तर प्रदेश के जौनपुर शहर की यात्रा करना हमेशा एक सुखद अनुभव… Read More