प्रकृति की सुंदरता से भरा हुआ चकराता (Chakrata) एक छावनी क्षेत्र है। यहां की खूबसूरती आपके मन में बस जाएगी। ये क्षेत्र 24 घंटे सेना की देखरेख में रहता है। टौंस नदी (Tons River) और यमुना नदी (Yamuna River) के बीच बसा हुआ ये क्षेत्र ब्रिटिश इंडियन आर्मी (British Indian Army) का छावनी क्षेत्र हुआ करता था। चकराता (Chakrata) की खासियत ये है कि ये शहर अभी तक आधुनिक सुख सुविधाओं से दूर है। यहां कि जनसंख्या काफी कम है। उत्तराखंड (Uttarakhand) और हिमाचल (Himachal) की सीमा पर बसे होने के कारण चकराता की संस्कृति में हिमाचली संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। जौनसार-बावर क्षेत्र में बंटे चकराता के लोग बाहर से आने वाले की आव-भगत में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। यहां पर कुछ ही होटल है, वहीं यहां पर कोई गैस स्टेशन या पेट्रोल पंप नहीं है तो जब भी आप यहां जाएं, तो गाड़ी की टंकी पूरी करवा कर ही जाएं।
भारी बर्फबारी
समुद्रतल से 2270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चकराता देहरादून जिले की सबसे खूबसूरत जगह के रूप में जाना जाता है। यहां पर भारी बर्फबारी होती है। जिसके चलते यहां पर सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है। चकराता जाने के लिए अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस वक्त सबसे सुहावना मौसम होता है।
ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए बेस्ट
चकराता अपने शांत वातावरण और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के लिए जाना जाता है। ये देहरादून से 98 किलोमीटर की दूरी पर है। चकराता प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग में रुचि लेने वालों के लिए एकदम सही जगह है। यहां के सदाबहार शंकुवनों में दूर तक पैदल चलने का अपना ही मजा है।
चकराता में क्या क्या करें (What to do in Chakrata)
यहां पर अलग अलग तरह की साहसिक गतिविधियां जैसे कि रिवर राफ्टिंग, कोर्स्सिंग, कयाकिंग, पैरासेलिंग, पुल बनाना, राप्पेल्लिंग और रॉक क्लाइम्बिंग का आनंद लिया जा सकता है। इन सब गतिविधियों को यहां पर स्थित विभिन्न रिसोर्ट के विशेषज्ञों की देखरेख में आयोजित कराया जाता है। इसके अलावा यहां पर पर्यटक वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, गोल्फ और माउंटेन बाइकिंग का भी आनंद ले सकते हैं। इस जगह पर पैरासेलिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग और तीरंदाजी के लिए भी कई सुविधाएं है।
क्या क्या देखें चकराता में (Where to visit in Chakrata)
टाइगर फॉल (Tiger Fall, Chakrata)
घूमने के लिहाज से चकराता से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टाइगर फॉल बेहद सुंदर जगह है। ये फॉल इतना सुंदर है कि यहां से वापस आने का ही मन नहीं करेगा। टाइगर फॉल तक पहुंचने के लिए आपको सड़क से करीब डेढ़ किलोमीटर की पैदल खड़ी ढलान पर उतरना होगा। सड़क पर ही आपको यहां के आसपास के गांवों के बच्चे मिल जाएंगे जो आपका सामान ढोने के लिए तत्पर रहते हैं। 100-200 रुपये में वो आपको वापस सड़क तक पहुंचा देते हैं।
बूढ़ेर (Budher, Chakrata)
चकराता के पास ही बूढ़ेर है ये एक बड़ा सा घास का मैदान है। ये जगह ठंड के समय बर्फ से ढक जाती है यहां पर आप ठंड के खेलों का भी आनंद उठा सकते है। ये मैदान देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ है जो कि एशिया के सबसे घने जंगलों में से एक है।
चिरमिरी (Chirmiri, Chakrata)
चिरमिरी चकराता से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर है। ये क्षेत्र सूर्यास्त के नजारे का सबसे उत्तम नजारे का अनुभव कराता है।
कोटी-कनासर (Koti Kanasar, Chakrata)
मसूरी-चकराता-त्यूणी हाइवे पर चकराता से 31 किलोमीटर की दूरी पर कोटी-कनासर बुग्याल (मखमली घास का मैदान) है। ये समुद्र तल से 8500 फीट की ऊंचाई पर देवदार के जंगलों से घिरा है। इस जगह की खूबसूरती काफी पसंद की जाती है। यहां पर देवदार के 600 साल पुराने पेड़ आज भी मौजूद हैं। आप तकरीबन साढ़े 6 फीट की गोलाई वाले इन पेड़ों को देखकर हैरान रह जाएंगे।
देववन (Deoban, Chakrata)
चकराता के पास देववन की ऊंची चोटी से हिमालय का मनमोहक नजारा दिल में बस जाता है। देववन और कनासर में वन विभाग का ट्रेनिंग कैंप है, जहां पर वन विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। चिरमिरी से सूर्यास्त का नजारा चकराता से 4 किलोमीटर की दूरी पर चिरमिरी नाम की जगह से शाम के वक्त सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। चकराता की सैर पर आए पर्यटक सूर्यास्त के समय चिरमिरी जाकर प्रकृति को करीब से निहारने का सुख पाते हैं।
लाखामंडल (Lakhamandal, Chakrata)
चकराता से 62 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 1372 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है लाखामंडल। लाखामंडल के इस पूरे क्षेत्र में सवा लाख शिवलिंगों का संग्रह है। यमुना नदी के किनारे बसे लाखामंडल के प्राचीन शिव मंदिर की ऊंचाई 18.5 फीट है। छत्र शैली में बने इस शिव मंदिर का निर्माण सिंहपुर के यादव राजवंश की राजकुमारी ईश्वरा ने अपने पति जालंधर के राजा चंद्रगुप्त की स्मृति में करवाया था। मंदिर बड़े शिलाखंडों से निर्मित है। यहां मिले शिलालेख में ब्राह्मी लिपि और संस्कृत भाषा का उल्लेख है। चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी लाखामंडल की यात्रा की थी। मंदिर को 8वीं सदी का बताया जाता है। हालांकि स्थानीय लोग इसे पांडवकालीन बताते हैं।
हनोल (Mahasu Devta Temple, Chakrata)
सिद्धपीठ महासू देवता का मंदिर हनोल में स्थित है। नागर शैली में बना ये मंदिर समुद्र तल से 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। देहरादून से मसूरी-पुरोला, विकासनगर-चकराता या हरिपुर-मीनस होते हुए हनोल तक पहुंचा जा सकता है। महासू स्थानीय लोगों के आराध्य देव हैं।
राम तल गार्डन (Ramtal garden, Chakrata)
राम तल गार्डन एक छोटा सा हॉर्टिकल्चर गार्डन है जो कि चकराता के बेस्ट पिकनिक स्पॉट में से एक है। इस गार्डन में सेब, बुरन के कई पेड़ है।
किमोना फॉल (Kimona Fall, Chakrata)
किमोना फॉल चकराता जिले की एक अनछुई और अनदेखी खूबसूरती है। यहां पर बहुत कम ही पर्यटक पहुंचते हैं, ये ओक पेड़ों से घिरा हुआ है। ये एक सही पिकनिक स्पॉट है, जहां पर शांत और खूबसूरत हिमालय के नजारे देखें जा सकते हैं।
कैसे जाएं चकराता? (How to Visit Chakrata)
देहरादून से चकराता की दूरी सड़क मार्ग से करीब 90 किलोमीटर की है। वहीं देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट चकराता से 113 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सबसे पास का हवाई अड्डा है। इसके अलावा पास का रेलवे स्टेशन भी देहरादून का ही है।
Health Tips : दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण जानलेवा साबित हो रहा है. हवा में फैला… Read More
Bandipore Travel Blog : बांदीपुर जिला (जिसे बांदीपुरा या बांदीपुर भी कहा जाता है) कश्मीर… Read More
Anantnag Travel Blog : अनंतनाग जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के सबसे खूबसूरत… Read More
Chhath Puja 2024 Day 3 : छठ पूजा कोई त्योहार नहीं है लेकिन इस त्योहार… Read More
High Uric Acid Control : लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में हाई… Read More
Kharna puja 2024 : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है.… Read More