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Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya : थाईलैंड के अयुत्थाया में कैसे करें बोट की सवारी? पूरी जानकारी लें

Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya : दोस्तों, ये वीडियो थाईलैंड के अयुत्थाया में बोट सफारी (Boat Safari in Ayutthaya) का है. चाओ फ्राया रिवर में नाव की सवारी कैसे करें (How to do Boat Ride in Chao Phraya River) और अगर करें तो नाव आपको कहां कहां घुमाती है और इन सबमे कितना खर्च होता (How much it cost to do Boat Ride in Chao Phraya River) है, ये सब जानकारी आपको इस वीडियो में मिलेगी. ये बोट सफारी मैंने अयुत्थाया पहुंचने के तीसरे दिन की थी. कमाल की बात ये कि इसमें 2 घंटे से कुछ ही ज्यादा का वक्त लगता है और खर्च होते हैं कुल 200 बाथ… यानी कि 500 रुपये इंडियन करेंसी में… आइए चलते हैं अयुत्थाया में बोट सफारी के इस सफरनामे (Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya) पर…

Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya || अयुत्थाया में बोट सफारी की जानकारी

अयुत्थाया हिस्टोरिकल पार्क (Ayutthaya Historical Park) घूमने के बाद मैं लौट आया था पीयू गेस्ट हाउस (PU Guest House Ayutthaya)… यहां आते ही सबसे पहले किया लंच… लंच में खाया फ्राइड राइस… खर्च हुए 60 बाथ… इसके बाद गेस्ट हाउस से ही खरीद डाली बोट सफारी (Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya) की टिकट…. 200 ब्हाथ थाई करेंसी की टिकट थी ये.. ये यात्रा दोपहर साढ़े 3 बजे से शाम के 6 बजे तक होती है. यात्रा के लिए आपको गेस्ट हाउस से पिक अप तो मिलता है लेकिन ड्रॉप नहीं… बोट आपको अयुत्थाया नाइट मार्केट (Ayutthaya Night Market) उतारती है और आपको वहां से पैदल गेस्ट हाउस तक आना होता है.. हां, इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगता है… आप शाम को इंजॉय करते करते यहां पहुंच सकते हैं….

मैने टिकट खरीद ली थी और गेस्ट हाउस के रिसेप्शन एरिया में ही आराम कर रहा था… वहां इन दो प्यारे डॉगीज ने तो मानों दिल ही जीत लिया था… बहुत देर तक इन्हें खेलते कूदते देखता रहा… 3 बजे के थोड़ा बाद आई हमारी टुक टुक की सवारी… इसमें बाकी सभी जर्मनी के नागरिक थे और मैं अकेला इंडियन…

लगभग 10-15 मिनट में ये टुकटुक हमें उस पॉइंट पर ले गई जहां से बोट सफारी (Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya) शुरू होनी थी… यहां हम सब एक एक करके बोट में बैठ गए… यहां जापान की दो लड़कियां हमारे ग्रुप में और सवार हुईं… इसके बाद चल दी हमारी नाव अयुत्थाया की सैर पर…

बात करें चाओ फ्राया रिवर की… तो ये नदी थाईलैंड के लिए उसी तरह अहमियत रखती है जैसे भारत में गंगा नदी… नक्शा देखकर ही आपको Chao Phraya River की अहमियत का अंदाजा हो जाता है. ये नदी भारत में गंगा की तरह ही थाईलैंड के बड़े हिस्से को कवर करती है… यही वजह है कि थाईलैंड को ईस्ट का वेनिस कहा जाता है… अयुत्थाया का ऐतिहासिक आईलैंड, 3 नदियों के बीच बसा हुआ है… ये नदियां चाओ फ्राया, पा सक नदी और लोप बुरी हैं…

चाओ फ्राया रिवर बैंकॉक से होते हुए गल्फ ऑफ थाईलैंड में मिल जाती है… यही वजह है कि गुजरे दौर में भारी भारी जहाज समंदर से होते हुए आसानी से अयुत्थाया पहुंच जाता करते थे… आपको बैंकॉक से अयुत्थाया आना हो तो बोट के जरिए भी पहुंच सकते हैं… यही चाओ फ्राया नदी आपको बैंकॉक से अयुत्थाया पानी के रास्ते पहुंचाती है…

आप यहां न सिर्फ शाम को बोट सफारी (Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya) कर सकते हैं बल्कि नदी किनारे बने किसी रेस्टोरेंट में डिनर करके भी यात्रा को यादगार बना सकते हैं…

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अब बात हमारी बोट यात्रा की…

सबसे पहले मैं मिला हमारी बोट के नन्हें कप्तान से… मुंह पर मास्क लगाए… चुपचाप सबसे आगे बैठे थे… इंजन की कमान पीछे पिता के हाथ में थी… सफर शुरुआत से ही रोमांच से भरा हुआ था…

Jao Mae Soi Dork Mark Shrine और Wat Phanan Choeng

सबसे पहले हमारी नाव रुकी Wat Phanan Choeng पर… घूमकर आने के लिए 20 मिनट का वक्त दिया गया

Wat Phanan Choeng चाओ फ्राया और पा साक नदियों के संगम पर स्थित एक बौद्ध मंदिर है. यह दक्षिण-पूर्वी हिस्से में है. इसे 1324 में बनाया गया था यानी तब जब अयुत्थाया भी नहीं बनी थी… अयुत्थाया के बनने से 27 साल पहले यह सेटलमेंट बस चुकी थी… यहां चीन की सोंग डाइनैस्टी की 200 रेफ्यूजी कम्युनिटी भी रहती थी…

मंदिर के अंदर एक बड़ा विहान है… इसी में हैं 19 मीटर ऊंचे बुद्ध… ये मूर्ति 1334 में बनाई गई थी…

वाट फेनन चोइंग से लगा हुआ है जाओ माए सोई डोर्क मार्क श्राइन (Jao Mae Soi Dork Mark Shrine)…. आइए इसके बारे में भी कुछ बातें जान लेते हैं

चीनियों में यह मंदिर अनिया देवी श्राइन (Aniya Goddess Shrine Ayutthaya) के नाम से मशहूर है. यह Phra Nakhon Sri Ayutthaya प्रांत की पुरानी जगहों में से एक है. Jao Mae Soi Dork Mark की कहानी अयुत्थाया के लोगों के बीच सदियों से कही सुनी जाती है… ऐसी कहानी है कि चीनी राजा ने अपनी बेटी, राजकुमारी सोई डॉर्क मार्क की शादी सियाम के राजकुमार Phra Jao Sai Nam Pheung के साथ की…

राजा ने राजकुमारी को खूबसूरती से सजाए गए जहाज में बिठाकर Krung Sri Ayutthaya भेजा.. वहां पहुंचकर सोई डोर्क मार्क ने देखा कि उनके स्वागत के लिए कोई आया ही नहीं है… वह उदास हो गई… इसके बाद राजकुमार ने उन्हें और परेशान करने के लिए एक संदेसा भिजवाया… उऩ्होंने कहलवाया कि “अगर तुम जहाज से बाहर नहीं निकलना चाहती हो, तो वहीं रहो” राजकुमारी ने ये सुनकर वहीं अपनी जान दे दी… राजकुमार Phra Jao Sai Nam Pheung फिर गहरे शोक में चला गया… उसने उसी जगह Jao Mae Soi Dork Mark का मंदिर बनवाया जहां उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे……

20 मिनट में इस पूरे कॉम्प्लैक्स को घूमना बहुत बड़ा चैलेंज है… ये जगह बेहद खूबसूरत है… आप यहां आएंगे तो आपको घंटो यूं ही बैठने का मन करेगा… बेहद शांत कॉम्प्लैक्स में कारीगरी भी कमाल की है… आप बाहर नदी में मछलियों को भी देख सकते हैं…

वाट फुत्थाईसावन || Wat Phutthaisawan

यहां से हमारी नाव चली तो अगला स्टॉप आया Wat Phutthaisawan का…

Wat Phutthaisawan, मध्य थाईलैंड के Phra Nakhon Si Ayutthaya प्रांत में एक ऐतिहासिक थाई बौद्ध मंदिर है, और Ayutthaya ऐतिहासिक पार्क का हिस्सा है. यह 666 वर्ष से अधिक पुराना है.

यह मंदिर चाओ फ्राया नदी के पश्चिमी किनारे पर अयुत्थाया शहर (Ayutthaya City) की विपरीत दिशा में है… मंदिर का निर्माण 1353 में राजा उथोंग – King U-thong (रामाथिबोधी I – Ramathibodi I) ने गया था. किंग उथोंग ही अयुत्थाया साम्राज्य के संस्थापक (Founder of Ayutthaya Kingdom) भी थे…

इस मंदिर का सबसे शानदार पहलू एक सफेद प्रांग (खमेर-शैली का पगोडा) है, जो इस कॉम्प्लैक्स के मध्य में है. कॉम्प्लैक्स में सबसे आकर्षक नजारा होता है कतार में बनी बुद्ध भगवान की मूर्तियों को देखना… ये ऐसा लगता है कि मानों आप किसी शीशे में देख रहे हों…

मंदिर के दक्षिण क्षेत्र में Wihan Phutthaisawan है. इस बिल्डिंग में सिर्फ दीवारें हैं… अंदर बुद्ध की रिक्लाइनिंग यानी लेटी हुई मूर्ति है… Phra Ubosot, Buddhaghosa Residence, Three Kings Monument, और the murals भी यहां काफी इंटरेस्टिंग हैं.

Wat Phutthaisawan उन मंदिरों में से एक था जो 1767 में अयुत्थाया साम्राज्य (Ayutthaya Kingdom) के दूसरे पतन के दौरान हुए विनाश में बच गया था… यही वजह है कि ये मंदिर कुछ सही हालत में दिखाई देता है…

यहां भी एक मंदिर के बाहर रूस्टर या मुर्गे मुर्गियों की मूर्तियां रखी दिखाई दीं… इस परंपरा के पीछे की वजह तलाशी तो पता चला कि पहले लोग ईश्वर के प्रति समर्पण दिखाने के लिए असली मुर्गे या कोई दूसरे जानवर लेकर आते थे लेकिन छोटे से मंदिर में हर किसी की भेंट को ले पाना सुविधाजनक नहीं हो पाता था… बाद में कोशिश की गई और आगे चलकर श्रद्धालु मूर्तियां लेकर आने लगे… यही वजह है कि आपको थाई मंदिरों के बाहर मुर्गे, सहित दूसरे जीवों की मूर्तियां दिखाई देती हैं…

ये सिर्फ एक ही तस्वीर नहीं थी, थाईलैंड (Thailand) में आप जहां भी जाएंगे आपको ऐसे कई मंदिर मिलेंगे जहां बाहर रूस्टर, हाथी या अलग अलग जानवरों की मूर्तियां रखी दिखाई देंगी…

अब नाव की सवारी बढ़ चली आगे… रास्ते में नदी से सटकर बने घर दिखाई दे रहे थे… नदियों के किनारे एक अलग थाईलैंड और एक अलग अयुत्थाया (Ayutthaya) बसर करती है… कहीं कहीं ऐसा भी लगा…

मंदिर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है…

वाट छाईवत्तनरम || Wat Chaiwatthanaram

आखिरी पड़ाव था Wat Chaiwatthanaram… इसकी टिकट 50 ब्हाथ की है और अगर आप अयुत्थाया हिस्टोरिकल पार्क की टिकट लेंगे तो 220 ब्हाथ में आपको 6 मॉन्युमेंट घूमने के लिए मिलते हैं जिसमें से एक ये भी होता है… सुबह इसे घूम चुका था तो फिर जाने का कोई मतलब नहीं था…

वैसे चाओ फ्राया नदी (Chao Phraya River) के किनारे स्थित Wat Chaiwatthanaram फोटो और वीडियोग्राफी के लिए सबसे शानदार लोकेशन है…

Wat Chaiwatthanaram, Ayutthaya आईलैंड के बाहर चाओ फ्राया नदी के पश्चिमी किनारे पर, थाईलैंड के Ayutthaya ऐतिहासिक पार्क शहर में एक बौद्ध मंदिर है. यह अयुत्थाया के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी है. यहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए कई शानदार मौके मिलते हैं…

यह अयुत्थाया हिस्टोरिकल पार्क (Ayutthaya Historical Park) का हिस्सा तो है लेकिन UNESCO World Heritage Site का हिस्सा नहीं है. यहां सड़क या नाव से पहुंचा जा सकता है.

मंदिर का निर्माण 1630 में राजा, प्रसाद थोंग ने अपने शासनकाल के पहले मंदिर के रूप में किया था… उन्होंने इसे अपनी मां के निवास के स्मारक के रूप में तैयार कराया था…

अब यहां से यात्रा समाप्ति की ओर थी… अयुत्थाया नाइट मार्केट (Ayutthaya Night Market) के बाद बोट ने हमें उतार दिया और वहां से मुझे पैदल ही गेस्ट हाउस जाना था… अयुत्थाया शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी कॉलेज (Ayutthaya Shipbuilding Industry and Technology College) रास्ते में दिखाई दिया……. पुराने वक्त में शिप ही अयुत्थाया की जान हुआ करते थे… आज भी यहां बोट म्युजियम और शिप यार्ड मिलते हैं… जो सदियों पहले की कहानी कहते हैं…

रास्ते में एक मंदिर भी दिखाई दिया… पैदल भी घूमने का अलग ही आनंद है… जब गेस्ट हाउस चंद कदम दूर रह गया तब कुछ नौजवान साथी टकरा गए बॉक्सिंग करते करते…कुछ देर तक इन्हें देखता रहा, और जब पता चला कि ये थाई बॉक्सिंग (Thai Boxing) कर रहे हैं, तो लगे हाथ कर डाली इसपर भी बात…

बाकी बॉक्सिंग स्टाइल में जहां सिर्फ पंच का इस्तेमाल होता है, वहीं थाई बॉक्सिंग (Thai Boxing) में एल्बो, नीज का भी यूज होता है… साउथ कोरिया के इस लड़के ने थाई बॉक्सिंग के बारे में यही जानकारी दी… शाम ढल रही थी… थाईलैंड में शाम ढलती है, तो एक नई दुनिया दिखाई देती है…इसी चमक धमक की तो दुनिया दीवानी है…

खैर, अयुत्थाया (Ayutthaya) में नाव की सवारी (Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya) का सफर यहीं तक… आपसे मिलता हूं अगले वीडियो में, आपको एक ऐसी जगह लेकर जाउंगा जिसे हनुमान का शहर कहते हैं… बने रहें www.TravelJunoon.com के साथ… अपना ध्यान रखिएगा… कीप ट्रैवलिंग दोस्तों…

Boat Ride in Chao Phraya River Ayutthaya

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