Binsar Travel: उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित बिनसर (Binsar), एक खूबसूरत पहाड़ी पर्यटन स्थल है, जिसके वन्य जीवन को देखते हुए अब इसे एक वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में ही तब्दील कर दिया गया है। झांडी ढार नाम की पहाड़ी पर स्थित ये पर्वतीय स्थल, अपने रोमांचक दृश्यों के लिए मशहूर है। यहां से हिमालय की बर्फीली चोटियों को आसानी से देखा जा सकता है। तो आज चलिए ट्रैवल जुनून के साथ जानिए उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थल ‘बिनसर‘ के बारे में।
बिनसर अल्मोड़ा से करीब 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये क्षेत्र कभी चंद मध्यकालीन रघुवंशी राजपूतों की राजधानी हुआ करता था, जिन्होंने अंग्रेजों के आने तक कुमाऊं में शासन किया था। बिनसर एक गढ़वाली शब्द है, जिसका मतलब होता है नव प्रभात। देवदार के जंगलों से घिरा हुआ ये पूरा क्षेत्र अब एक वन्यजीव अभयारण्य में बदल चुका है। यहां पर बने जीरो पॉइन्ट से हिमालय की चोटियों जैसे कि केदारनाथ, चौखंबा, नंदा देवी, पंचोली, त्रिशूल, आदि चोटियों को बेहद आसानी से देखा जा सकता है। और इसका लुत्फ लिया जा सकता है।
बिनसर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी लगभग 49.59 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। बिनसर अलग अलग पहाड़ी वनस्पतियों के साथ-साथ जीव-जन्तुओं की कई प्रजातियों को भी संरक्षण प्रदान करता है। यहां पर वन्य जीवों में तेंदुआ, गोरा, जंगली बिल्ली, भालू, लोमड़ी, बार्किंग हिरण, कस्तूरी हिरण आदी पाएं जाते हैं। इसके साथ ही यहां पर पक्षियों की भी 200 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। जिनमें उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल प्रसिद्ध है, जो कि अब बेहद कम ही देखने को मिलता है। इसके अलावा आप यहां पर तोता, ईगल्स, कठफोड़वा आदि पक्षियों को भी देख सकते हैं।
देवदार के घने जंगलों से घिरा यहां एक महादेव का मंदिर भी है, जिसे ‘बिनसर महादेव‘ के नाम से भी जाना जाता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित ये मंदिर हिंदुओं के पवित्र स्थानों में से एक है। यहां पर साल के जून महीने में महायज्ञ का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां तक का सफर तय करते हैं। ये मंदिर रानीखेत से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबकि अल्मोड़ा से बिनसर महादेव पहुंचने के लिए आपको करीब 65 किलोमीटर का सफर तय करना होगा।
अल्मोड़ा के चितई नाम के स्थान पर ‘गोलू देवता का मंदिर‘ बना हुआ है। जिन्हें कुमायूं के एक इतिहास देवता के रूप में पूजा जाता है। गोलू देवता चम्पावत के चंद राजा के पुत्र थे, जिन्हें न्याय का प्रतीक माना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यहां पर अर्जी लगाने से तुरंत न्याय मिलता है। यहां पर भक्त अपनी परेशानी को कागज पर लिखकर गोलू देवता के मंदिर में रख देते हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त भेंट स्वरूप मंदिर में घंटी या अन्य वस्तु लगाते हैं। उत्तराखंड में ही गोलू देवता के और भी कई मंदिर बने हुए हैं।
बिनसर में घूमने के बाद अगर आपका मन करें तो पास में स्थित ‘रानीखेत‘ की मनमोहक आबोहवा का मजा भी आप ले सकते हैं। रानीखेत अल्मोड़ा में स्थित एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। ये पूरा पहाड़ी क्षेत्र देवदार और बलूत के पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां से भी आप हिमालय की कई चोटियों को आसानी से देख सकते हैं। ये पूरा पर्वतीय इलाका प्राकृतिक शांति से भरा हुआ है। यहां पर आकर आप भरपूर मानसिक और आत्मिक शांति का अनुभव करे सकते हैं। रानीखेत गोल्फ खेलने के लिए भी एक अच्छा स्थान माना जाता है।
आप बिनसर तीनों रास्तों से यानी की हवाई, ट्रेन और सड़क से जा सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर का है, जो कि लगभग 152 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं अगर आप रेल मार्ग से जाना चाहते हैं तो इसके लिए आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। जो भारत के कई अहम शहरों से जुड़ा हुआ है। आप चाहें तो बिनसर सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। बिनसर उत्तराखंड के कई प्रसिद्ध पर्यटनों से जुड़ा हुआ है।
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