Best Tourist Places in Lakshadweep : जानिए भारत के खूबसूरत आईलैंड लक्षद्वीप के बारे में. यहां कौन कौन सी जगहें पर्यटन के लिए खास हैं...?
Best Tourist Places in Lakshadweep : लक्षद्वीप को पहले लक्षद्वीप द्वीप समूह के रूप में जाना जाता था, जिसका मलयालम में ‘एक लाख द्वीपों’ के रूप में अनुवाद किया जाता है. यह कुछ सबसे खूबसूरत और अनोखे द्वीप और समुद्र तट हैं. लक्षद्वीप अरब सागर के दक्षिण-पश्चिम तट से 400 किमी की दूरी पर स्थित है, जहां भारत के कुछ सबसे खूबसूरत और विदेशी द्वीप और समुद्र तट हैं.
इनका कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है. यह 12 एटोल, 3 रीफ और 5 जलमग्न किनारों से बना है, जिनमें से दस द्वीप बसे हुए हैं. पर्यटक यहां तैराकी, विंडसर्फिंग, गोताखोरी, स्नॉर्केलिंग और कयाकिंग सहित जल क्रीड़ाओं का मजा लेते हैं.
लक्षद्वीप आमतौर पर कोच्चि (केरल) से पहुंचा जा सकता है और सभी पर्यटकों (भारतीयों सहित) के लिए लक्षद्वीप जाने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है. परमिट के बाद, भारतीयों को सभी द्वीपों पर जाने की अनुमति है, हालांकि, परमिट के बाद भी, विदेशियों को अगत्ती, बंगाराम और कदमत द्वीपों की यात्रा करने की अनुमति है. परमिट कोच्चि से ही प्राप्त किया जा सकता है.
मिनिकॉय का दूसरा नाम मलिकू है. यह विशाल अरब सागर के बीच में स्थित है. यह कोचीन के तट से 215 समुद्री मील की दूरी पर है. यह छोटा सा द्वीप 4.801 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. यह अपने रंगीन प्रवाल भित्तियों, आकर्षक सफेद रेत वाले समुद्र तटों और अंतहीन महासागर के मीठे पानी के लिए फेमस है.
लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप मिनिकॉय द्वीप है. यह अपने लग्जरी बीच रिसॉर्ट्स के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है, जो उन्हें शांति की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाता है. यह प्यारा स्थान एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है.
इसे ‘महिलाओं का द्वीप’ भी कहा जाता है. अपने प्राचीन लैगून, साफ व गर्म पानी और मूंगा चट्टानों के साथ यह द्विप कुछ अनछुई जगहों में से एक है. मिनिकॉय एक द्वीप है, जहां 11 गांव हैं. यहां इस क्षेत्र का मुख्य आधार टूना मछली पकड़ना है. यह लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है.
मिनिकॉय, लक्षद्वीप का सबसे दक्षिणी द्वीप है. इसी वजह से भारत के किसी भी हिस्से की तुलना में मालदीव के ज्यादा करीब है और यही कारण है कि यहां महल भाषा बोली जाती है, जो मालदीव के दिवेही की एक बोली है. जबकि लक्षद्वीप के बाकी हिस्सों मे मलयालम भाषा बोली जाती है.
अगत्ती द्वीपों को भारत में लक्षद्वीप समूह के द्वीपों का एक और गहना माना जाता है. द्वीप का हर कोना प्राकृतिक वनस्पति और सुंदर भौगोलिक संरचनाओं से समृद्ध है. खूबसूरत अगत्ती द्वीप 8 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, और यह लगभग 8000 निवासियों के साथ बहुत कम आबादी वाला है.
3 वर्ग किलोमीटर से थोड़ा अधिक के कुल क्षेत्रफल के साथ, द्वीप कई अन्य द्वीपों की तुलना में छोटा हो सकता है लेकिन यह समुद्र तट प्रेमियों और लीक से हटकर यात्रियों के लिए एक स्वर्ग के अलावा और कुछ नहीं है.
अगत्ती द्वीप लक्षद्वीप समूह से संबंधित एकमात्र द्वीप है जिसका हवाई अड्डा दुनिया के प्रमुख हिस्सों से इस द्वीप को बेहद सुलभ बनाता है. हवाई अड्डा भारत के कोच्चि के तट से 459 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. स्थानीय लोग ज्यादातर अंग्रेजी और मलयालम बोलते हैं, और इस्लाम निवासियों का मुख्य धर्म है. लोगों का प्राथमिक व्यवसाय मछली पकड़ना है. हालांकि, दुनिया के इस क्षेत्र में पर्यटन काफी अच्छी तरह से बढ़ रहा है.
द्वीप के खूबसूरत समुद्र तट अगत्ती को परफेक्ट बीच वेकेशन स्पॉट बनाते हैं. एंडवेचर पसंद करने वाले लोग पानी के खेल जैसे कयाकिंग, तैराकी, स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग का मजा ले सकते हैं. द्वीप पर, कांच के नीचे की नाव की सवारी बहुत फेमस है.
यह लक्षद्वीप में स्थित एक छोटा सा सुंदर द्वीप है. लक्षद्वीप का खूबसूरत आइलैंड है बंगाराम द्वीप खाड़ी और समुद्र से घिरा हुआ है. यह बेहद खूबसूरत और शांत जगह है. इसके साथ ही टूरिज़म के लिए स्वर्ग सरीखा सुंदर स्थान है.
राजनीतिक वजहों के कारण चर्चा में आया यह आइलैंड केरल राज्य के कोच्चि शहर से करीब 470 किलोमीट की दूरी पर स्थित है. एक समय में राजीव गांधी भी बंगाराम आइलैंड आए थे.
बंगाराम आइलैंड अपने खूबसूरत नजारों के लिए जाना जाता है. यह टूरिस्ट स्पॉट विदेशी सैलानियों के बीच खासा फेमस है. इसका क्रिस्टल क्लीन वॉटर, सोने-सी चमकती रेत, दूर तक फैला समुद्र, प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली. ये सब मिलकर इस द्वीप को बहुत सुंदर बनाते हैं.
अगर आप समुद्र के किनारे किसी स्वर्ग सरीखी जगह पर हनीमून प्लान करना चाहते हैं तो बंगाराम द्वीप इसके लिए खास हो सकता है. आप यहां वॉटर स्पोर्ट्स को भी इंजॉय कर सकते हैं.
कवारत्ती 3.93 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला एक छोटा सा द्वीप है. अरब सागर और सफेद रेत वाले समुद्र तटों के शानदार व्यू शांत वातावरण में यहां देखने को मिलता है. कवारत्ती कोच्चि के तट से 360 किमी दूर स्थित है. इसका अपना हवाई अड्डा नहीं है और अगत्ती द्वीप का नजदीक हवाई अड्डा है.
स्मार्ट शहरों को विकसित करने के मिशन के तहत कवरत्ती को आने वाले वर्षों में स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है. इस द्वीप पर रोमांच चाहने वालों के लिए स्कूबा डाइविंग, जेट स्कीइंग, कयाकिंग और मोटरबोट की सवारी सभी उपलब्ध हैं.
कवारत्ती द्वीप के फेमस फूड हैं तली हुई टूना मछली, सांभर, चावल, व्यंग्य, इडली, पूरी और अवियल.
इस द्वीप का दूसरा नाम कोफेनी है. यह लक्षद्वीप का सबसे भव्य क्षेत्र है. कल्पेनी द्वीपों को बनाने वाले द्वीप चेरियम, पिट्टी और तिलक्कम हैं. कल्पेनी द्वीप के चारों ओर अपने खूबसूरत लैगून के लिए फेमस है और कोरल जीवन में अत्यधिक समृद्ध है. स्वाभाविक रूप से, यह स्थान लक्षद्वीप के दर्शनीय स्थलों में से एक है. यह स्कूबा डाइविंग, स्नोर्कलिंग, रीफ वॉकिंग, कैनोइंग, कयाकिंग और नौकायन नौकाओं सहित जल क्रीड़ाओं का आनंद लेने के लिए भी एक शानदार जगह है.
मरीन म्यूजियम लक्षद्वीप के कावारत्ती द्वीप पर मौजूद है. मरीन म्यूजियम में समुद्र से जुडी कलाकृतियां रखी हुई है. आपको बता दें, इस म्यूजियम में समुद्री मछलियों और पानी के जानवरों की प्रजातियां सबसे अधिक देखी जाती हैं. अगर आप समुद्री जीवन जैसी गतिविधियों में रुचि रखते हैं और इससे जुड़ी अन्य इनफोर्मेशन जानना चाहते हैं, तो आपको मरीन म्यूजियम जरूर जाना चाहिए.
लक्षद्वीप में घूमने के लिए यह एक खूबसूरत द्वीप है. यह 10 किमी के क्षेत्र से भी अधिक में फैला हुआ हैं. कदमत द्वीप पर पर्यटक समुद्री बीच, सन राइस और सन सेट को देखने के लिए आते हैं, जो आइसलैंड पर घूमने के लिए आकर्षित करती हैं.
कई समुद्री कछुए हैं जो सुंदर द्वीप पर रहते हैं और प्रजनन करते हैं. द्वीप पर कदमत नामक केवल एक बस्ती है, और कदमत बस्ती के लिए मछली पकड़ना आय का मुख्य स्रोत है. द्वीप पर, कांच के नीचे की नाव की सवारी बहुत प्रसिद्ध है. एंडवेचर व्यक्ति गहरे समुद्र में गोताखोरी, स्कूबा डाइविंग और स्नोर्केलिंग जैसे जल क्रीड़ाओं का आनंद ले सकते हैं.
लक्षद्वीप के सबसे आकर्षित जगहो में से एक है अमिन्दिवी द्वीप. उत्तरी लक्षद्वीप में स्थित यह द्वीप प्रयटकों को अपनी और आकर्षित करता है. सरकार के नियम अनुसार इस द्वीप पर विदेशी पर्यटकों आने की अनुमति नहीं है.
लक्षद्वीप घूमने जाने पर यॉट कूज का आनंद जरूर ले. इस कूज के द्वारा आप समुद्र के नीले पानी और बोटिंग का लुफ्त ले सकते हैं. आप नजदीक से समुद्र के जीव को छू सकते हैं, जो पर्यटक कूज की सवारी को कर लेता हैं.
यह प्रकाश स्तंभ लक्षद्वीप के मिनकाय आइसलैंड पर हैं. यह लाइट हाउस करीब 300 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ हैं. जिसका निर्माण वर्ष 1985 में किया गया था. लक्षद्वीप घूमने आने पर आप इस लाइट हाउस को देखने के लिए जरूर जाए.
लक्षद्वीप घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई के बीच है. बता दें कि मई से सितंबर के दौरान यहां बारिश होती है. वैसे रिजॉर्ट यहां हमेशा खुले रहते हैं, लेकिन जहाज से लक्षद्वीप जाना इस समय थोड़ा मुश्किल हो सकता है.
खाने के मामले में लक्षद्वीप में आपको यहां की कई प्रकार की डिश मिल जायेगी. यहां की फेमस डिश के आप दीवाने हो जायेंगे. लक्षद्वीप में आपको इंडियन फूट के अलावा, चाइनिस फूड और कोरियाई फूड खाने को मिलते हैं.
अगत्ती एयरपोर्ट लक्षद्वीप में एकमात्र डोमेस्टिक हवाई अड्डा है और कोचीन इंटरनेटरनेशल हवाई अड्डे से लगातार उड़ानों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो इस समय लक्षद्वीप से जुड़ा एकमात्र हवाई अड्डा है.
इंडियन एयरलाइंस रविवार को छोड़कर, अगत्ती हवाई अड्डे के लिए दैनिक उड़ान संचालित करती है. दूसरे देशों के पर्यटकों को पहले कोचीन की यात्रा करनी चाहिए और फिर लक्षद्वीप के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़नी चाहिए.
नजदीकी हवाई अड्डा: अगत्ती हवाई अड्डा लक्षद्वीप में अगत्ती द्वीप के दक्षिणी छोर पर स्थित है.
लक्षद्वीप के लिए कोई बस कनेक्टिविटी नहीं है, क्योंकि यह केरल के तट से 300 किमी दूर एक द्वीप है. हालांकि, कोचीन और लक्षद्वीप के बीच चलने वाले सात यात्री जहाजों के साथ जहाज कनेक्टिविटी है. सात यात्री एमवी अमीनदीवी, एमवी अरब सागर, एमवी भारत सीमा, एमवी कवारत्ती, एमवी लक्षद्वीप सागर, एमवी मिनीकॉय और एमवी द्वीप सेतु हैं. जहाज में जाने के लिए के कई क्लास में टिकट ले सकते हैं, जैसे दो बर्थ केबिन के साथ ए / सी डीलक्स क्लास, ए / सी सीटिंग के साथ टूरिस्ट क्लास और चार बर्थ केबिन के साथ ए / सी फर्स्ट क्लास.
यात्रा सुझाव: लक्षद्वीप के लिए केवल जहाज और उड़ान संपर्क है. खराब मौसम की स्थिति और भारी मानसून के कारण पानी के रास्ते बंद रहते हैं. 15 मई से 15 सितंबर तक जहाजों का संचालन नहीं होता है.
लक्षद्वीप के लिए कोई रेल संपर्क नहीं है, क्योंकि यह केरल के तट से 300 किलोमीटर दूर एक द्वीप है.
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