कोलकाता ( Kolkata ) जो अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है. आप जिस तरफ़ कैमरा ले जाएंगे. आपको एक अलग बैकग्राउंड से फ़ोटो कैप्चर करने के लिए मिल जाएगा. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता ( Kolkata ) विशेष रूप से अपने इतिहास, कला और संस्कृति के लिए जाना जाता है.
कोलकाता ( Kolkata ) ये देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. ये एक काल्पनिक शहर की तरह दिखता है. जो अपनी शानदार इमारतों के लिए अलग पहचान बनाता है. हर किसी को एक बार यहां ज़रूर घूमने के लिए आना चाहिए. सिटी ऑफ़ जॉय के नाम से जाना जाने वाला ये शहर आपको एक अलग अनुभव देगा.
पूर्व ब्रिटिश राजधानी में पुरानी औपनिवेशिक युग की इमारतें इस शहर को एक निश्चित आकर्षण से जोड़ती हैं. जो इसे देखने वाले की आंखों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि इस व्यस्त शहर की प्रशंसा देश की बौद्धिक, सांस्कृतिक और कलात्मक राजधानी के रूप में की जाती है.
कोलकाता ( Kolkata ) की यात्रा करके जब थकान महसूस करेंगे तब यहां का जायकेदार खाना और सड़कों के किनारे मिलने वाली चाय सारी थकान को चुस्ती में बदल देगी. जब आप कोलकाता ( Kolkata ) के सुरम्य घाट के पास बैठकर गर्म चाय का मज़ा लेंगे तब आप एक अलग ही दुनिया में ख़ुद को पाएंगे.
क्या आप मोलभाव करने के लिए तैयार हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि न्यू मार्केट के दुकानदार मोलभाव करके कुछ भी खरीदने के लिए मनाने की क्षमता रखते हैं, और वास्तव में ऐसा है. करीब 2,000 से ज़्यादा स्टॉलों के साथ, न्यू मार्केट आपकी सभी जरूरत के सामान के लिए एक स्टॉप डेस्टिनेशन है.
1874 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित, इस बाजार को पहले सर स्टुअर्ट हॉग मार्केट के नाम से जाना जाता था. और यहां उच्च वर्ग के ब्रिटिशों की हलचल रहा करती थी. अब, 21 वीं सदी में, इस बाजार ने क्लासिक इंडियन दिनचर्या को अपना लिया है.
यहां बाजार रात 8 बजे के आसपास बंद हो जाता है. लेकिन आप यहां के उज्ज्वल प्रकाश स्ट्रीट लाइट और स्टॉल की स्वादिष्ट चाय और स्नैक्स का लुत्फ़ यहां के शांत माहौल में उठा सकते हैं. ये सच में आपके लिए एक सुकून भरा अनुभव होगा.
कोलकाता ( Kolkata ) शहर के बीचोबीच खड़ी बड़ी, सफेद संगमरमर की इमारत भारत के वायसराय जॉर्ज कर्ज़न के दिमाग की उपज है. विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
इस शानदार स्मारक का निर्माण 1906 से 1921 के बीच में महारानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था. जिसे अब एक सुंदर संग्रहालय में बदल दिया गया है. इसमें 25 शानदार दीर्घाओं में प्राचीन कलाकृतियों का उल्लेखनीय संग्रह है.
कोलकाता ( Kolkata ) में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक, विक्टोरिया मेमोरियल को देखने दुनिया भर से लोग आते हैं. इसकी बनावट ब्रिटिश-वास्तुकला और दुनिया के विभिन्न हिस्सों जैसे मिस्र, मुगल, वेनिस, इस्लामिक और दक्कनी से उधार ली गई विधियों के साथ इंडो-सारासेनिक रिवाइवलिस्ट शैली में बना कर तैयार किया गया है.
ये स्मारक सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है और इसका प्रवेश शुल्क 20 रुपये से शुरू होता है.
ये दुनिया का चौथा सबसे व्यस्त कैंटिलीवर पुल है. हावड़ा ब्रिज की बात करें तो ये कोलकाता में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में पहला सुझाव होगा. हुगली नदी पर बनाया गया ये बेहतरीन पुल कोलकाता ( Kolkata ) का गेटवे माना जाता है.
ये हावड़ा के पूर्वी किनारे को कोलकाता ( Kolkata ) के पश्चिमी किनारे से जोड़ता है. इस शानदार वास्तुकला वाले पुल का निर्माण 1939 में शुरू किया गया था और 1965 में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर को सम्मानित करने के लिए इस पुल का नाम बदलकर रवीन्द्र सेतु रखा गया था.
इस पुल पर हर रोज लगभग 90,000 वाहन और सैकड़ों पैदल यात्री गुज़रते हैं.
पार्क स्ट्रीट – ” ये वो सड़क है जो कभी नहीं सोती है” 40 के दशक से ये कोलकाता ( Kolkata ) की जागती रात की मुहर है. कई लोकप्रिय संगीतकारों, कलाकारों और लेखकों ने लंबे समय से चली आ रही यहां कि लोकप्रिय नाइट स्पॉट में गाना लिखा और गया है. जो अभी इस पर चलने वाले किसी भी कलाकार में क्रीएटिविटी को जगाने की ताकत रखता है.
बहुत सारे रेस्तरां और पब के साथ, पार्क स्ट्रीट हमेशा कोलकाता का एक पसंदीदा हैंगआउट स्पॉट और कोलकाता पर्यटन का अभिन्न अंग बना हुआ है. इस ऐतिहासिक सड़क पर ब्रिटिश काल के कुछ प्राचीन स्मारक और इमारतें हैं जो इस अनोखी सड़क की कोलकाता ( Kolkata ) की संस्कृति को जोड़ती हैं.
बता दें कि अब इस सड़क आधिकारिक तौर पर मदर टेरेसा सरानी के नाम से बदल दिया गया है. वहीं इसे पहले दफन ग्राउंड रोड कहा जाता था.
कोलकाता ( Kolkata ) में एक अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल, दक्षिण पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान ये शहर के किसी भी अन्य स्थान की तरह ही है. दुनिया में सबसे शुरुआती गैर-चर्च कब्रिस्तानों के रूप में इसे जाना जाता है. यह कोलकाता ( Kolkata ) की लोकप्रिय और वहां कि व्यस्त पार्क स्ट्रीट पर स्थित है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अंतर्गत संरक्षित विरासत स्थल में कई जाने-माने व्यक्तियों का विश्राम स्थल भी माना जाता है.
वास्तुकला की गोथिक और इंडो-सारासेनिक शैली के मिश्रण के साथ निर्मित इस स्मारक का निर्माण एक क्लासिक टेस्ट के साथ किया गया है. भले ही लोग अपनी यात्रा के दौरान किसी कब्रिस्तान में जाना पंसद ना करते हों. लेकिन यह स्मारक उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है, जो मौत में भी काव्यात्मक खूबसूरती देखते हैं.
दक्षिणेश्वर देवी का मंदिर जो माना जाता है कि “अपने भक्तों को अस्तित्व के सागर से मुक्त करने के लिए” ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में देवी काली का प्रकटीकरण, भवतारिणी के रूप में 1855 में रानी रश्मोनी नामक एक परोपकारी व्यक्ति द्वारा किया गया था.
ये सुंदर मंदिर परिसर बंगाली वास्तुकला की नवरत्न शैली से बना है. ये विख्यात मंदिर हिंदू भक्तों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थान है. हुगली नदी के शांत पूर्वी तट पर स्थित ये मंदिर कभी हिंदू फकीर – रामकृष्ण परमहंस का निवास स्थान हुआ करता था. दक्षिणेश्वर मंदिर कोलकाता ( Kolkata ) के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.
हुगली नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित ऐतिहासिक बेलूर मठ दुनिया भर से शांति की खोज करने वाले लोगों का स्वागत करता है. चाहे वे किसी भी धर्म में रुचि रखते हों या नहीं. रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय के रूप में, लोकप्रिय इस तीर्थ स्थान में प्रार्थना कक्ष और श्री रामकृष्ण, श्री शारदा देवी और स्वामी विवेकानंद को समर्पित मंदिर हैं.
श्री रामकृष्ण के विश्राम स्थल के रूप में, मठ के भीतर एक स्मारक स्थित है और स्वामी के कमरे में रखे उनके सामान आगंतुकों को दिखाने के लिए प्रदर्शित किए जाते हैं. उत्कृष्ट वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण से सराबोर बेलूर मठ को कोलकाता ( Kolkata ) में सबसे अच्छी जगहों में से एक बनाते हैं.
ये प्रसिद्ध स्मारक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा शुरू किया गया स्मारक और बंगाल के नवाब सरोज अल-दावला द्वारा पुनर्निर्मित, भारत के ऐतिहासिक अतीत की बात करता है. वर्तमान में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर बना यह किला भारतीय सेना के पूर्वी कमान विंग के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है.
किंग विलियम III के नाम से जाना जाने वाला ये किला शहर के सबसे बड़े पार्क – मैदान के सामने स्थित है. यहां फोर्ट विलियम की यात्रा करने के लिए कमांडिंग ऑफिसर से विशेष अनुमति लेना ज़रूरी है. यह किला सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है.
1841 में हुगली नदी के किनारे पर ब्रिटिश द्वारा बनाये गए प्रिंसेप घाट आरामदायक शाम बिताने के लिए एक शानदार जगह है. अपने पिकनिक बास्केट खोलें या विद्यासागर सेतु के शांत जल के सामने बैठकर स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड और चाय का आनंद ले सकते हैं.
इस घाट पर नौका विहार सेवाएं भी उपलब्ध हैं और यह रोमांटिक डेट्स के लिए एक बेहतर स्थान है. यहां स्थित सुरम्य स्थान सुरुचिपूर्ण ग्रीक और गोथिक शैलियों से निर्मित स्मारकों का दावा करता है.
भारत में एकमात्र ऐसा चाइनाटाउन जो कोलकाता ( Kolkata ) के प्राचीन बाजार का घर है. जैसे-जैसे सूरज डूबने लगता है ये जीवंत हो उठता है. टायरेटा बाजार में भूखे भारतीयों को भोजन की तलाश में देखा जाता है.
चीनी व्यापारी आधुनिक दुनिया के अनुकूल होने के संघर्ष के साथ पुरानी बाज़ार की मौलिकता खो रहे हैं. जो लोग कम बजट में शानदार नाश्ता करना चाहते हैं. उनके लिए ये ऐतिहासिक स्ट्रीट फूड डेस्टिनेशन सुबह जल्दी खुलता है.
यदि आप कोलकाता ( Kolkata ) के अंतिम सांस्कृतिक दौरे की तलाश में हैं. तो कुमर्तुली की कलात्मक गलियों की ओर अपना रुख एक बार जरूर से करें. पारंपरिक कुम्हारों का गढ़ माना जाता है. जहाँ विश्व स्तर पर प्रशंसित दुर्गा की अधिकांश मूर्तियाँ प्रसिद्ध दुर्गा पूजा के लिए श्रद्धा और भावना के साथ गढ़ी जाती हैं.
यहाँ के कुशल कुम्हार अपनी आजीविका और गृहस्थी चलाने के लिए मिट्टी की मूर्ति बनाने की अपनी पैतृक कला पर निर्भर हैं. 150 से ज़्यादा परिवार और हजारों कारीगर भीड़भाड़ वाली जगह में कड़ी मेहनत करते हैं. जिससे इतिहास में देखे गए कुछ सबसे जटिल काम को बारीकी से तराशा जा सके.
अगर आपको कला के लिए सहज जुनून और प्रेम है और इसी के साथ कलाकारों के लिए सहानुभूति है. तो ये वो स्थान है जहां आपको एक बार जरूर आना चाहिए.
कोलकाता ( Kolkata ) की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भूमि की कहानी मानवीय और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता- मदर टेरेसा के जीवन से आगे बढ़ने वाले किस्सों के बिना अधूरी है. मदर टेरेसा हाउस को दुनिया भर से सैकड़ों आगंतुक देखने के लिए आते हैं. जो एक महान मानव के बलिदान को श्रद्धांजलि देने और उसके अनुयायियों की मान्यताओं की शांति के बीच विश्राम करने के लिए यहां आते हैं.
इस स्थान पर कई स्वयंसेवक भी आते हैं. जो मदर टेरेसा द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं. और उन लोगों की सेवा करते हैं, जिन्हें अन्य की सहायता की ज़रूरत होती है. ये मिशनरी गुरुवार को छोड़कर सभी दिनों में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है.
राष्ट्रीय पुस्तकालय वह जगह है. जहाँ आपको भारत के सभी हिस्सों से पुस्तकों का विशाल और आश्चर्यजनक संग्रह देखने को मिलेगा. ये देश का सबसे बड़ा पुस्तकालय है. यह पुस्तक प्रेमियों और इतिहास प्रेमियों के लिए एकदम सही जगह है. 2.2 मिलियन से अधिक पुस्तकों के संग्रह के साथ, इस पुस्तकालय में घूमने के लिए एक खुशी की बात यह है कि आप यहां पुरानी पुस्तकों के स्पर्श और ख़ुशबू को महसूस कर सकते हैं. एक प्राचीन इमारत के रूप में इसे 1836 में बनाया गया था. साहित्य प्रेमियों के लिए ये एक आदर्श स्थान है.
कोलकाता ( Kolkata ) की यात्रा की योजना बना रहे हैं? तो आपको पियाली द्वीप निश्चित रूप देखना चाहिए. पियाली नदी सुंदरबन का प्रवेश द्वार है और नदी पर एक पुल आपको इस सुदूर हरे-भरे द्वीप तक ले जाएगा. यह शांति का एक स्रोत है, और शहर से दूर अच्छा समय होने के लिए एकदम सही है. ये द्वीप मैंग्रोव जंगलों से कवर किया गया है, और इसका वातावरण प्रदूषण रहित है.
यहां कई प्रवासी पक्षी द्वीप पर उड़ान भरते हैं, इसलिए कई प्रकार के पक्षी प्रजातियां देख सकते हैं. यहां एक पर्यटक लॉज है, जो रात भर ठहरने और अच्छे भोजन की सुविधा के साथ पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था करता है. यहां की यात्रा के दौरान जंगल में टहलें, नाव की सवारी का आनंद लें और द्वीप के आसपास ग्रामीण रहन-सहन के जीवन का आनंद लें. यात्रा के दौरान ये आपको बेहद सुखद अनुभव देगा.
शान्तिनिकेतन इसे सीखने का निवास स्थान के नाम से जाता है. शान्तिनिकेतन भारत के प्रसिद्ध कवियों में से एक रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा प्रकाश में लाया गया था. ये उनके बचपन की कई यादों को ताजा करता है. उनके गीतों से लेकर उनकी कविताओं तक, यह स्थान हमें एक शांत वातावरण देता है. विश्व भारती परिसर, इस शहर का सबसे प्रसिद्ध स्थान है.
विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध पूर्व छात्रों में हमारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, फिल्म निर्माता सत्यजीत रे और अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन भी शामिल हैं. शांतिनिकेतन दुकानदारों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है. यहां पर आपको कई सुंदर हाँथो से बने सामान जैसे चमड़े के बैग, आभूषण, टेराकोटा आदि पॉकेट-फ्रेंडली कीमतों पर मिल जाएंगे. यह स्थान बेहद शांत है और इसमें कई मंदिर, बगीचे और संस्थान हैं. जो ऐतिहासिक समय की छाप छोड़ता है. शान्तिनिकेतन कोलकाता में छोटी यात्रा के लिए एकदम सही जगह है.
कोलकाता ( Kolkata ) की पर्यटन की लिस्ट में एक नंबर पर आता है. कोलकाता ( Kolkata ) का बॉटनिकल गार्डन. भारत में सबसे पुराने उद्यानों में से एक है और कोलकाता ( Kolkata ) में घूमने के लिहाज से सबसे अच्छी जगहों में से एक है. इस गार्डन की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1787 में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पौधों की खेती के लिए की थी.
ये मुख्य शहर से लगभग 8 किमी दूर हुगली नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है. इस उद्यान में लगभग 273 एकड़ का क्षेत्र शामिल है, जिसमें दुनिया भर से लगभग 12000 वनस्पति प्रजातियाँ देखने को मिल जाएंगी. इस बगीचे का मुख्य आकर्षण यहां स्थित एक बरगद का पेड़ है. जो लगभग 3 एकड़ के क्षेत्र को कवर करता है और ये लगभग 250 साल पुराना है.
यहां आप सुंदर ताड़ के पेड़, बांस, ऑर्किड और अन्य रंगीन फूलों की प्रजाति पा सकते हैं. यहां उगने वाली वनस्पतियों से यहां का की हरियाली से ताज़ा करें। यदि आप कोलकाता ( Kolkata ) की यात्रा कर रहे हैं तो बगीचे की यात्रा अवश्य करें।
विक्टोरिया मेमोरियल और सेंट पॉल कैथेड्रल के करीब चौरंगी रोड पर स्थित बिड़ला प्लैनीटेरेनियम है. जो एशिया में सबसे बड़ा और दुनिया में ये दूसरा सबसे बड़ा तारामंडल है. सिटी ऑफ जॉय के नाम से मशहूर कोलकाता ( Kolkata ) शहर अपने खानपान के लिए जाना जाता है.
बिरला प्लैनीटेरेनियम एक उत्कृष्ट संरचना है. जो 2 जुलाई 1963 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित की गई थी. यह स्थानीय रूप से तारामंडल के रूप में प्रसिद्ध है. और कोलकाता ( Kolkata ) में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता है.
बिड़ला प्लैनीटेरेनियम अक्सर हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कई शो और कार्यक्रम आयोजित करता है. इस जगह की एक और उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक्स प्रयोगशाला और एक खगोल विज्ञान गैलरी स्थित है. जिसमें चित्रों और खगोलीय मॉडल का संग्रह आपको देखने को मिल जाएगा.
कोलकाता ( Kolkata ) में स्थित अलीपुर चिड़ियाघर भारत का सबसे पुराना जूलॉजिकल पार्क है. जो 1876 से कोलकाता, पश्चिम बंगाल का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है. इसे कोलकाता ( Kolkata ) चिड़ियाघर या अलीपुर के प्राणी उद्यान के रूप में भी जाना जाता है.
यह रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय हाथी, ग्रेट इंडियन वन-हॉर्न वाले गैंडे, व्हाइट टाइगर, ग्रांट के ज़ेबरा, एंटेलोप, हिरण जैसे विभिन्न जानवरों का घर है. यही नही इस चिड़ियाघर में आपको विभिन्न आकर्षक पक्षियों जैसे मैकॉव और लोरिकेट, स्वाइनहो के तीतर, लेडी एमहर्स्ट के तीतर और गोल्डन तीतर जैसे बड़े पक्षियों, शुतुरमुर्ग, ईमू, हॉर्नबिल्स जैसे बड़े पक्षियों का घर है.
सर्दियों के दौरान, अलीपुर चिड़ियाघर कुछ प्रवासी पक्षियों जैसे सॉर्स क्रेन भी यहां देखने को मिल जाएंगे. कोलकाता का ये चिड़ियाघर दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है. जो यहां शामिल वन्यजीवों को देखने और घूमने आते हैं.
साइंस सिटी जहां बच्चे मस्ती के साथ ही साथ करते हैं पढ़ाई. भारत में अपनी तरह का एक होने के कारण ये साइंस सिटी दुनिया के सबसे बेहतरीन और सबसे बड़े विज्ञान संग्रहालयों में से एक है. और ये लोगों को विज्ञान के बारे में जानकारी देने का एक मजेदार तरीका प्रदान करता है.
यह 1 जुलाई 1997 से चल रहा है. ये कोलकाता के लोगों के साथ-साथ कोलकाता के पर्यटकों के लिए भी प्रमुख आकर्षण के रूप में उभरा है.
कोलकाता ( Kolkata ) यानी कि आंनद के शहर में स्थित भारतीय संग्रहालय दुनिया का नौवां सबसे पुराना म्यूजियम है. वहीं भारत का सबसे बड़ा है. साल 1814 में स्थापित, यह तब से बहुआयामी गतिविधियों का केंद्र है.
इसे समकालीन चित्रकलाओं, बुद्ध के पवित्र अवशेष, इजैपटीएन ममीज़ और प्राचीन मूर्तियों के बेहतरीन संग्रह से युक्त इसे जादूगर भी कहा जाता है. भारतीय संग्रहालय ने आभूषणों, जीवाश्मों, कंकालों, प्राचीन वस्तुओं, बाजूबंद और मुगल चित्रों के सबसे उत्तम संग्रह का स्थान है.
विश्व के अच्छे क्रिकेट स्टेडियम के नाम से जाना जाने वाला ईडन गार्डन. जहां क्रिकेट प्रशंसकों का जमावड़ा देखने को मिलता है. ईडन गार्डन राज्य सचिवालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पास, कोलकाता ( Kolkata ) के B. B. D. बाग क्षेत्र में स्थित एक शानदार सुव्यवस्थित क्रिकेट स्टेडियम है.
यह कोलकाता में क्रिकेट का घरेलू मैदान है. इसकी नींव का नेतृत्व वर्ष 1864 में गवर्नर- जनरल ऑकलैंड ने किया था. जिन्होंने अपनी बहनों का नाम एमिली और फैनी एडेन के नाम पर रखा. 50 एकड़ में फैले इस क्रिकेट स्टेडियम में लगभग 66,349 लोगों के बैठने की क्षमता है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है.
मारबल पैलेस उत्तरी कोलकाता ( Kolkata ) में चोरबागान के पास स्थित है. इसका निर्माण 1835 में एक प्रसिद्ध कलाकार राजेंद्र मल्लिक ने किया था. मार्बल पैलेस रेनॉल्ड्स और वान गाग और रेम्ब्रांट जैसे विभिन्न प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की उत्कृष्ट कृतियों के लिए जाना जाता है. इस पैलेस में कई जानवरों और दुर्लभ पक्षियों के साथ एक चिड़ियाघर भी है.
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