Premanand Ji Maharaj : कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज? क्या है दिनचर्या, कहां है आश्रम?
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज भारत के प्रसिद्ध संतों में हैं. ये वृंदावन में रहते हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर इनके वीडियो खासे चर्चित हो रहे हैं. प्रेमानंद जी महाराज राधारानी के परम भक्त हैं. आइए आज हम जानते हैं कि आखिर प्रेमानंद जी महाराज कौन हैं (Who is Premanand Ji Maharaj), प्रेमानंद जी महाराज की जनमस्थली क्या है, प्रेमानंदजी महाराज का असली नाम क्या है, प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या क्या है और प्रेमानंद जी महाराज का आधिकारिक Youtube Channel क्या है… हम प्रेमानंद जी महाराज के बारे में सब कुछ जानेंगे इस आर्टिकल में. प्रेमानंद जी महाराज के जानने के लिए इस आर्टिकल को विस्तार से पढ़ें…
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कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज || Who is Premanand Ji Maharaj
महाराज जी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था और उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था. उनका जन्म अखरी गांव, सरसौल ब्लॉक, कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था.उनके दादा एक सन्यासी थे और कुल मिलाकर घर का वातावरण भक्तिमय. उनके पिता श्री शंभू पांडे एक भक्त व्यक्ति थे और बाद के वर्षों में उन्होंने संन्यास स्वीकार कर लिया. उनकी माता श्रीमती रमा देवी बहुत पवित्र थीं और सभी संतों का बहुत सम्मान करती थीं. दोनों नियमित रूप से संत-सेवा और विभिन्न भक्ति सेवाओं में लगे रहते थे. उनके बड़े भाई ने श्रीमद्भागवतम् (श्रीमद्भागवतम्) के श्लोक सुनाकर परिवार की आध्यात्मिक आभा को बढ़ाया, जिसे पूरा परिवार सुनता था. पवित्र घरेलू वातावरण ने उनके भीतर छुपी आध्यात्मिक चिंगारी कोतेज कर दिया.
जब वे 9वीं कक्षा में थे, तब तक उन्होंने ईश्वर की ओर जाने वाले मार्ग की खोज में आध्यात्मिक जीवन जीने का दृढ़ निश्चय कर लिया था. इस महान उद्देश्य के लिए वह अपने परिवार को छोड़ने के लिए तैयार थे. उन्होंने अपनी माँ को अपने विचारों और निर्णय के बारे में बताया। 13की छोटी उम्र में, एक दिन सुबह 3 बजे महाराज जी ने मानव जीवन के पीछे की सच्चाई का खुलासा करने के लिए अपना घर छोड़ दिया.
प्रेमानंद जी महाराज का गांव कहा है || where is the village of premanand ji maharaj
महाराज जी के गांव का नाम अखरी गांव है. यह जगह सरसौल ब्लॉक, कानपुर, उत्तर प्रदेश में पड़ता है.
प्रेमानंद जी महाराज का असली नाम क्या है || what is the real name of premanand ji maharaj
महाराज जी असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था.
प्रेमानंद जी महाराज के माता-पिता का नाम क्या है || what is the name of the parents of premanand ji maharaj
प्रेमानंद जी के पिता का नाम श्री शंभू पांडे एक भक्त व्यक्ति थे और बाद के वर्षों में उन्होंने संन्यास स्वीकार कर लिया. उनकी माता श्रीमती रमा देवी बहुत पवित्र थीं और सभी संतों का बहुत सम्मान करती थीं.
ब्रह्मचारी के रूप में जीवन और संन्यास दीक्षा || Life as a celibate and sannyas initiation
महाराज जी को नैष्ठिक ब्रह्मचर्य की दीक्षा दी गयी. उनका नाम रखा गया, आनंदस्वरूप ब्रह्मचारी और बाद में उन्होंने संन्यास स्वीकार कर लिया. महावाक्य को स्वीकार करने पर उनका नाम स्वामी आनंदाश्रम रखा गया.
एक आध्यात्मिक साधक के रूप में उनका अधिकांश जीवन गंगा नदी के तट पर व्यतीत हुआ. क्योंकि महाराज जी ने कभी भी आश्रम के पदानुक्रमित जीवन को स्वीकार नहीं किया. बहुत जल्द गंगा उनकी दूसरी माँ बन गई.
वह भूख कपड़े या मौसम की परवाह किए बिना गंगा के घाटों (हरिद्वार और वाराणसी के बीच) पर घूमता रहे. कड़ाके की सर्दी में भी उन्होंने गंगा में तीन बार स्नान करने की अपनी दिनचर्या को कभी नहीं छोड़ा.
वह कई दिनों तक बिना भोजन के उपवास करते थे और उनका शरीर ठंड से कांपता था. लेकिन वह “परम” के ध्यान में पूरी तरह से लीन रहते। सन्यास के कुछ वर्षों के भीतर उन्हें भगवान शिव का विधिवत आशीर्वाद मिला.
प्रेमानंद जी महाराज की आयु क्या है || what is the age of premanand ji maharaj
प्रेमानंद जी महाराज की आयु लगभग 60 वर्ष के आस-पास है.
प्रेमानंद महाराज की दिनचर्या || Daily routine of Premanand Ji
श्री प्रेमानंद महाराज जी कुछ ही घंटे सोते हैं और सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं. वहीं संत श्री प्रेमानंद महाराज जी इसके बाद वो 4:20 बजे से 5:20 के बीच भक्तो के साथ सत्संग करते हैं. वहीं महाराज 5:30 से 6:30 के बीच राधा नाम संकीर्तन भक्त नामावली और इसके बाद 9:30 शृंगार आरती का आयोजन करते हैं, इसके बाद दोहपर में संत श्री प्रेमानंद महाराज जी दैनिक वाणी पाठ, संध्या आरती और सत्संग करते हैं. भगवान का स्मरण हर रोज करते हैं.
महाराज जी ने वृंदावन का सफर ऐसे किया तय || This is how Maharaj ji decided to travel to Vrindavan
महाराज जी पर निस्संदेह भगवान शिव की कृपा थी. एक दिन बनारस में एक पेड़ के नीचे ध्यान करते हुए श्री श्यामाश्याम की कृपा से वे वृंदावन की महिमा के प्रति आकर्षित हुए.
सुबह वे श्री चैतन्य महाप्रभु की लीला और रात में श्री श्यामाश्याम की लीला देखते थे. यह एक महीना उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआबा. बाद में स्वामी जी की सलाह पर और श्री नारायण दास भक्तमाली के एक शिष्य की मदद से महाराज जी मथुरा जाने वाली ट्रेन में सवार हो गए. महाराज जी बिना किसी परिचित के वृंदावन पहुंच गए. बांकेबिहारीजी के मंदिर में उन्हें एक संत ने कहा कि उन्हें श्री राधावल्लभ मंदिर भी जाना चाहिए. महाराज जी 10 साल तक अपने सद्गुरु देव की करीबी सेवा में रहे. जल्द ही अपने सद्गुरु देव की कृपा और श्री वृंदावन धाम की कृपा से, वह भक्ति भाव में पूरी तरह से लीन हो गए और श्री राधा के चरण कमलों में असीम भक्ति विकसित की.
सन्यासी से राधावल्लभी संत में परिवर्तन || Transformation from Sanyasi to Radha Vallabhi Saint
श्री हित प्रेमानन्द गोविंद शरण महाराज जी महाराज जी बिना किसी परिचित के वृन्दावन पधारे. महाराजजी की प्रारंभिक दिनचर्या में वृन्दावन परिक्रमा और श्री बांकेबिहारी के दर्शन शामिल थे. बांकेबिहारीजी के मंदिर में उन्हें एक संत ने बताया कि उन्हें श्री राधावल्लभ मंदिर भी अवश्य देखना चाहिए.
महाराज जी राधावल्लभ जी की प्रशंसा करते हुए घंटों खड़े रहते थे. आदरणीय गोस्वामी ने इस पर ध्यान दिया और उनके प्रति स्वाभाविक स्नेह विकसित किया. एक दिन पूज्य श्री हित मोहितमराल गोस्वामी जी ने श्री राधारससुधानिधि का एक श्लोक सुनाया लेकिन महाराज जी संस्कृत में पारंगत होने के बावजूद इसका गहरा अर्थ समझने में असमर्थ थे. तब गोस्वामी जी ने उन्हें श्री हरिवंश का नाम जपने के लिए प्रोत्साहित किया. महाराज जी शुरू में ऐसा करने के लिए अनिच्छुक थे. हालांकि, अगले दिन जैसे ही उन्होंने वृन्दावन परिक्रमा शुरू की, उन्होंने खुद को श्री हित हरिवंश महाप्रभु की कृपा से उसी पवित्र नाम का जप करते हुए पाया. इस प्रकार, वह इस पवित्र नाम (हरिवंश) की शक्ति के प्रति आश्वस्त हो गये.
एक सुबह, परिक्रमा करते समय, महाराज जी एक सखी द्वारा एक श्लोक गाते हुए पूरी तरह से मंत्रमुग्ध हो गए…
“श्रीप्रिया-वदन छबि-चन्द्र मनौं, पुत-नैन-चकोर | प्रेम-सुधा-रस-माधुरी, पान करत निसि-भोर”
प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम पता || Premanand ji Maharaj Vrindavan Ashram
प्रेमानंद जी वैसे तो वृंदावन में पिछले 30 साल से ज्यादा से निवास कर रहे हैं. महाराज श्री टेर कदम्ब पर बने आश्रम में रहते हैं. प्रेमानंद महाराज हर सुबह यमुना दर्शन करने के बाद रात्रि 2:00 से सत्संग करते हैं और फिर भक्तों से बातचीत भी करते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज का आशिर्वाद लेने पहुंचे विराट कोहली और अनुष्का|| Virat Kohli and Anushka reached to seek the blessings of Premanand Ji Maharaj
विराट कोहली हाल ही में श्री प्रेमानंद जी महाराज से आशीर्वाद लेने के लिए अपने परिवार के साथ वृंदावन गए थे. उनका एक अनदेखा वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें विराट अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और बेटी वामिका के साथ प्रेमानंद जी महाराज से आशीर्वाद लेते नजर आ रहे हैं.
प्रेमानंद जी महाराज का आधिकारिक Youtube Channel || Official Youtube Channel of Premanand Ji Maharaj