Who is Babosa Maharaj : कौन है बाबोसा महाराज, भक्त क्यों करते हैं इनकी पूजा
Who is Babosa Maharaj : राजस्थान के चुरू जिले में श्री बालाजी बाबोसा मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है. जहां सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है. बाबोसा मंदिर को चुरू का बाबोसा धाम भी कहा जाता है. आइए जानते हैं बाबोसा महाराज के बारे में और समझने की कोशिश करते हैं कि भक्त क्यों इनकी पूजा करते हैं…
कौन हैं बाबोसा महाराज || Who is Babosa Maharaj
बाबोसा भगवान एक ऐसे देवता हैं जिनको श्रद्धालु अनेक रूपों में देखते हैं, कोई उन्हे कृष्ण के रूप में, कोई उन्हें विष्णु रूप में देखता है, तो कोई उन्हें बजरंगबली का रूप मानता है. भक्तों में सर्वाधिक बाला रूप में ही उनकी पूजा की जाती है. मंदिर में मिंगसर शुक्ला पंचमी को बाबोसा भगवान के राजतिलकोत्सव यानि देव शक्ति धारण रूप में मनाया जाता है, वहीं माघ शुक्ला पंचमी जन्मोत्सव तथा भाद्रव शुक्ला पंचमी बाबोसा के निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाया जाता है.
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मंजू बाई सा के मुख से बोलते हैं बाबोसा || Babosa speaks from the mouth of Manju Bai Sa
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंजू बाई सा बाबोसा की भक्त हैं जिनके मुख से बाबोसा बोलते हैं, मंजू बाई बाबोसा के देशभर में होने वाले कार्यक्रमों में जाती है. भक्तों का ऐसा मानना है कि बाईसा और बाबोसा में कोई फर्क नहीं है. आपको बता दें कि बालाजी बाबोसा का एक मंदिर दिल्ली के रोहिणी में भी बना है, मंजू बाईसा वहीं रहती है.
चॉकलेट का चढ़ता है प्रसाद || chocolate offerings to Babosa Maharaj
मंदिर परिसर में बालाजी की गोद में बाबोसा की मूर्ति विराजमान है जिसको लेकर कहा जाता है कि बाबोसा की बालरूप में पूजा की जाती है और बाबोसा हमेशा से बालाजी की गोद में ही रहे हैं.
वहीं मंदिर के पुजारी ने बताया कि बाबोसा को बालरूप में पूजते हैं इसलिए भक्त चॉकलेट और टॉफी चढ़ाते हैं. इसके अलावा लोकमत एवं प्रचलित मान्यता के अनुसार मंदिर में नारियल बांधने से भी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है.