Tirupati Balaji Tour Guide : प्राकृतिक सुंदरता और पवित्रता से भरपूर, तिरुपति का पवित्र शहर दुनिया के हर कोने से तीर्थयात्रियों को अपनी ओर खीचती है. तीर्थयात्री तिरुपति से 20 किलोमीटर दूर पहाड़ी शहर तिरुमला में पहुंचते हैं, जहां विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर हैं, जो तिरुपति बालाजी के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, यह वेंकट हिल पर स्थित है, जो तिरुमाला हिल्स की सप्तगिरी (सात पहाड़ियों) में से एक है.
आपको बता दें कि तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है. आपको जानकर आश्रर्च होगा कि यह मंदिर विश्व का सबसे अमीर मंदिर है. राज्य के चित्तूर जिले में स्थित यह तिरुपति बालाजी रोजाना बेहिसाब चढ़ावा चढ़ता है. इस मंदिर को श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
भगवान विष्णु को समर्पित इस पवित्र शहर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जो तीर्थयात्रियों द्वारा उच्च माना जाता है, जहां भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने के लिए तीर्थयात्री दूर-दूर से यहां आते हैं. यह मंदिर 2,799 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
शहर का इतिहास लगभग हमेशा भगवान वेंकटेश्वर मंदिर से जुड़ा रहा है. इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि तिरुपति मंदिर का निर्माण किसने किया लेकिन इस पर कई शासकों ने नियंत्रण किया और इसका पुन:निर्माण किया. हालांकि 14 वीं और 15 वीं शताब्दी में इस मंदिर ने मुस्लिम आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया. तिरुपति ब्रिटिश आक्रमण से भी बचा और आज तक यह विश्व के सबसे सुरक्षित धर्म स्थानों में से एक है. मद्रास विधानसभा ने 1933 में एक अधिनियम पारित किया जिसके अनुसार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम समिति को मद्रास सरकार द्वारा नियुक्त आयुक्त के माध्यम से प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार दिया गया. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बनाया गया जो तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की संपत्ति का प्रबंधन करता है. तिरुपति शहर कोट्टुरु के पास स्थित है जिसे वर्तमान में के टी रोड़ कहा जाता है. बाद में इसे गोविंदराजा मंदिर के निकट स्थानांतरित कर दिया गया.
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(Tirupati Tour) मंदिर में कन्नड़, संस्कृत, तमिल, तेलुगु भाषाओं के 640 शिलालेख हैं. लगभग 3000 ताम्रपत्रों का एक अनूठा संग्रह है, जिस पर तल्लपका अन्नामचार्य और उनके वंशजों के तेलुगु संकीर्तन अंकित हैं.
Tirumala Venkateswara Temple – यह प्राचीन मंदिर तिरुपति पहाड़ की सातवीं चोटी (वैंकटचला) पर स्थित है. यह श्री स्वामी पुष्करिणी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है. माना जाता है कि वेंकट पहाड़ी का स्वामी होने के कारण ही इन्हें वैंकटेश्वर कहा जाने लगा. इन्हें सात पहाड़ों का भगवान भी कहा जाता है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री वैंकटेश्चर विष्णु साक्षात विराजमान है. यह मुख्य मंदिर के प्रांगण में है. मंदिर परिसर में अति सुंदरता से बनाए गए अनेक द्वार, मंडपम और छोटे मंदिर हैं.
मंदिर परिसर में मुख्य दर्शनीय स्थल हैं, पड़ी कवली महाद्वार संपंग प्रदक्षिणम, कृष्ण देवर्या मंडपम, रंग मंडपम तिरुमला राय मंडपम, आईना महल, ध्वजस्तंभ मंडपम, नदिमी पडी कविली, विमान प्रदक्षिणम, श्री वरदराजस्वामी श्राइन पोटु आदि.
Kapilateertham – कपिला थीर्थम भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुपति में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है. शिव की मूर्ति यहां कपिला मुनि द्वारा स्थापित की गई थी और इसलिए यहां भगवान शिव को कपिलेश्वर के रूप में जाना जाता है. यह तिरुपति का एकमात्र शिव मंदिर है. यह तिरुपति शहर से तीन किमी.दूर उत्तर में, तिरुमला की पहाड़ियों के नीचे ओर तिरुमाला जाने के मार्ग के बीच में स्थित है.
Govindaraja Swami Temple – श्री गोविंदराजस्वामी भगवान बालाजी के बड़े भाई हैं. यह मंदिर तिरुपति का मुख्य आकर्षण केंद्र है. इसका गोपुरम बहुत ही भव्य है जो दूर से ही दिखाई देता है. इस मंदिर का निर्माण संत रामानुजाचार्य ने 1130 ईसवी में की थी. गोविंदराजस्वामी मंदिर में होने वाले उत्सव और कार्यक्रम वैंकटेश्वर मंदिर के समान ही होते हैं. वार्षिक बह्मोत्सव वैसाख मास में मनाया जाता है.
इस मंदिर के प्रांगण में संग्रहालय और छोटे-छोटे मंदिर हैं जिनमें पार्थसारथी, गोड़ादेवी आंदल और पुंडरिकावल्ली का मंदिर शामिल है. मंदिर की मुख्य प्रतिमा शयनमूर्ति (भगवान की निंद्रालीन अवस्था) है. दर्शन का समय है- सुबह: 9.30 से दोपहर 12.30, दोपहर 1.00 बजे से शाम 6 बजे तक और शाम 7.00 से रात 8.45 बजे तक.
Sri Kodandarama Swami Temple – यह मंदिर तिरुपति के बीच में स्थित है. यहां सीता, राम और लक्ष्मण की पूजा होती है. इस मंदिर का निर्माण चोल राजा ने दसवीं शताब्दी में कराया था. इस मंदिर के ठीक सामने अंजनेयस्वामी का मंदिर है जो श्री कोदादंरमस्वामी मंदिर का ही उपमंदिर है. उगडी और श्री रामनवमी का पर्व यहां बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
Sri Kalyana Venkateswaraswami Temple – यह मंदिर तिरुपति से 40 किमी दूर, नारायणवनम में स्थित है. भगवान श्री वेंकटेश्वर और राजा आकाश की पुत्री देवी पद्मावती यही परिणय सूत्र में बंधे थे. यहां मुख्य रूप से श्री कल्याण वेंकटेश्वरस्वामी की पूजा होती है. यहां पांच उपमंदिर भी हैं. श्री देवी पद्मावती मंदिर, श्री आण्डाल मंदिर, भगवान रामचंद्र जी का मंदिर, श्री रंगानायकुल मंदिर और श्री सीता लक्ष्मण मंदिर. इसके अलवा मुख्य मंदिर से जुड़े पांच अन्य मंदिर भी हैं. श्री पराशरेश्वर स्वामी मंदिर, श्री वीरभद्र स्वामी मंदिर, श्री शक्ति विनायक स्वामी मंदिर, श्री अगस्थिश्वर स्वामी मंदिर और अवनक्षम्मा मंदिर. वार्षिक ब्रह्मोत्सव मुख्य मंदिर श्री वीरभद्रस्वामी मंदिर और अवनक्शम्मा मंदिर में मनाया जाता है.
By Air – रेनिगुटा निकटतम घरेलू हवाई अड्डा ( Tirupati Balaji Nearest Airport ) है, जहां तिरुपति पहुंचने के लिए चेन्नई नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. एयरपोर्ट पर उतरने के बाद 138 किमी दूर पवित्र स्थान तक पहुंचने के लिए टैक्सी सेवा ले सकते हैं.
By train – दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, विशाखापट्टनम और मदुरई जैसे सभी महानगरों से रेल द्वारा जुड़ा, तिरुपति भी 15 किमी दूर रेनिगुटा द्वारा एक प्रमुख रेलवे स्टेशन ( Tirupati Balaji Nearest Railway Station ) तक पहुंचा जाता है.
By road- तिरुपति पहुंचने के लिए विभिन्न मार्गों पर बसों की सेवाएं ली जा सकती हैं.
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