World’s largest temples: हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मौजूद हैं. प्राचीन हिंदू मंदिरों को देखकर आश्चर्य होता है जो अपनी विशालता और अद्भुत वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं. इन उल्लेखनीय संरचनाओं का निर्माण कई सौ साल पहले बिना किसी तकनीकी या यांत्रिक प्रावधान के किया गया था.
भले ही दुनिया में सबसे ज्यादा मंदिर भारत में है लेकिन बड़े मंदिर की तुलना में भारत तीसरे स्थान पर आता है. ऐसे में आपके दिमाग में ये सवाल जरूर आया होगा की दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है और दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहां है आपको बता दें दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट मंदिर है. यह मंदिर कबोडिया के अंकोर में स्थित है. यह मंदिर करीब 402 एकड़ में फैला हुआ है. इस मंदिर का निर्माण 12वीं सताब्दी में राजा सूर्यवर्मन द्वितीय जी ने किया था.
400 ईसा पूर्व का और भगवान शिव को समर्पित, पशुपति नाथ नेपाल का सबसे पुराना हिंदू मंदिर है. 600 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ, मंदिर परिसर मंदिरों, शिलालेखों, आश्रमों और देवी-देवताओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियां दिखाई देती हैं. बागमती नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है.
भगवान विष्णु का यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर और सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक भी है. 400 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला अंगकोर वाट. मंदिर परिसर का निर्माण खमेर साम्राज्य के संरक्षण में किया गया था. यह कंबोडिया देश के अंकोर शहर में स्थित है. इस मंदिर का पुराना नाम यशोधपुर था जिसे अब अंगकोर वाट मंदिर के नाम से जाना जाता है. कुछ साल पहले ही टाइम मैगज़ीन ने दुनिया के पांच आश्चर्यजनक चीज़ों में इस मंदिर को शुमार किया था. अंगकोर वाट मंदिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने 12 वीं शताब्दी में कराया था. इस मंदिर का कार्य सूर्यवर्मन द्वितीय ने किया था, लेकिन कहा जाता है कि इसका समापन धरणीन्द्रवर्मन के शासन काल में हुआ था.
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर एक वास्तुशिल्प चमत्कार और भारत का सबसे बड़ा मंदिर है. विशाल मंदिर परिसर 155 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और भगवान विष्णु के महाविष्णु अवतार को समर्पित है. इसमें 81 मंदिर, 21 मीनारें, 39 मंडप और कई जल टैंक हैं. श्रीरंगम मंदिर एक पूजा स्थल से कहीं अधिक है, यह एक धर्मार्थ और आर्थिक केंद्र भी है जो ऐसी अन्य सेवाओं के साथ-साथ मुफ्त रसोई भी चलाता है.
योगीजी महाराज से प्रेरित और प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा निर्मित, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर एक आध्यात्मिक-सांस्कृतिक मंदिर परिसर है. 60 एकड़ के भव्य क्षेत्र में फैले इस परिसर में अभिषेक मंडप, सहज आनंद वॉटर शो, एक विषयगत उद्यान, एक सांस्कृतिक नाव की सवारी और एक आईमैक्स थिएटर शामिल हैं. विभिन्न प्रदर्शनी हॉल टूरिस्टों को निर्माता के बारे में जानकारी देते हैं.
40 एकड़ के क्षेत्र में फैला, बेलूर मठ रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है जिसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी. हुगली नदी के तट पर स्थित, बेलूर मठ मंदिर रामकृष्ण आंदोलन के केंद्र का प्रतिनिधित्व करता है. इसकी विशिष्टता मंदिर वास्तुकला में भी प्रदर्शित होती है क्योंकि इसमें सभी धर्मों के चिन्ह और प्रतीक शामिल हैं. बेलूर मठ, पश्चिम बंगाल का एक अद्भुत आध्यात्मिक स्थान, रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है.
बेलूर में हुगली नदी के तट पर स्थित यह ‘मठ’ या मंदिर हजारों लोगों को आकर्षित करता है. दुनिया भर से विभिन्न धार्मिक मान्यताओं में विश्वास करने वाले लोग शांतिपूर्ण माहौल का अनुभव करने के लिए इस तीर्थ स्थल पर आते हैं. जो लोग धर्म में विश्वास नहीं रखते वे भी इस पवित्र स्थान पर कदम रखते हैं.
40 एकड़ क्षेत्र में फैला, यह प्रतिष्ठित और विशाल हिंदू मंदिर भगवान नटराज या नृत्य करने वाले देवता को समर्पित है, जो शिव का एक रूप है. चिदम्बरम की यह आत्मा पुनर्निर्माण और नवीनीकरण के एक समृद्ध इतिहास से गुज़री है जिसके परिणामस्वरूप यह भारत में सबसे प्रतिष्ठित वास्तुशिल्प रूप से मजबूत स्मारकों में से एक बन गया है. मंदिर का हर इंच, स्तंभ और गोपुरम जटिल नक्काशी से ढका हुआ है.
9वीं शताब्दी के मध्य में निर्मित, प्रम्बानन जावा में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. 240 से अधिक प्रकार की मंदिर संरचनाओं वाले परिसर के साथ, प्रम्बानन यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का भी एक हिस्सा है. एक विशिष्ट हिंदू स्थापत्य शैली में निर्मित, प्रम्बानन ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पवित्र त्रिमूर्ति को समर्पित है.
प्रम्बानन मंदिर एक हिंदू शैली का मंदिर परिसर है जो स्लीमन, योग्यकार्ता में स्थित है. इस मंदिर को रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर परिसर है. मातरम या मेदांग साम्राज्य के दौरान बनाया गया था.
तंजावुर में कावेरी नदी के तट पर 25 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला बृहदेश्वर मंदिर शिव पूजा का एक शानदार स्थान है. मंदिर का निर्माण वास्तुकला की पारंपरिक द्रविड़ शैली का उपयोग करके किया गया है और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है क्योंकि यह ग्रेट लिविंग चोल मंदिर का भी हिस्सा है.
अन्नामलाईयार मंदिर, जिसे अरुणाचलेश्वर के नाम से भी जाना जाता है, 25 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है. यह विशाल मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और पवित्र अरुणाचल हिलटाउन के आधार पर स्थित है। यह मंदिर उत्कृष्ट वास्तुकला को प्रदर्शित करता है और इसके इष्टदेव अग्नि लिंगम हैं.
कोलकाता में दक्षिणेश्वर काली मंदिर एक हिंदू नवरत्न मंदिर है जो 25 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. पवित्र हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित, वर्तमान मंदिर संरचना 1855 में बनाई गई थी. मंदिर में शिव और काली को समर्पित 9 मंदिर हैं. एक स्नान घाट और राधा कृष्ण को समर्पित एक नदी तट मंदिर.
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