Teli Ka Mandir – तेली का मंदिर ( Teli Ka Mandir ) ग्वालियर किले में स्थित एक ऐतिहासिक संरचना है. इसे तेल के आदमी का मंदिर कहा जाता है. इस मंदिर ( Teli Ka Mandir ) का निर्माण प्रतापी शासक सम्राट मिहिर भोज के शासन काल में तेल के व्यापार से एकत्रित किए गए धन से हुआ था. यह एक बहुत बड़ी संरचना है जिसकी ऊंचाई 100 फ़ीट है. इसकी छत की वास्तुकला द्राविड़ियन शैली में बनाई गई है जबकि नक्काशियां और मूर्तियां उत्तर भारतीय शैली की हैं. यह उत्तर और दक्षिण भारत की शैली में बना नायाब मंदिर है. यहां आपको दक्षिण भारत के मंदिर और उत्तर भारत के मंदिर की झलक एक साथ दिखाई देती है.
इसकी वास्तुशैली हिंदू और बौद्ध वास्तुकला का सम्मिश्रण है. यह ग्वालियर के किले के परिसर में मौजूद सबसे पुरानी स्मारक है. इसका निर्माण 11वीं या 8वीं शताब्दी का बताया जाता है. तेली का मंदिर पहले भगवान विष्णु का मंदिर था जो बाद में भगवान शिव का मंदिर बन गया. मंदिर के अंदर आपको देवियों की, सर्प, प्रेमी युगल और गरुड़ की मूर्तियां दिखाई देती हैं.
ग्वालियर किले में स्थित समस्त स्मारकों में से यह मंदिर ( Teli Ka Mandir ) सबसे ऊंचा है. इसकी उंचाई करीब 30 मीटर है. मंदिर की एक विशेषता इसकी छत का गजपृष्टाकार आकार है, यह द्रविड़ शैली में बनाया गया है. उत्तर भारत की भवन निर्माण कला में यह विरले ही दिखाई देती है. मंदिर के पूर्वी भाग में दो मंडपकिाएं एवं प्रवेश द्वार भी निर्मित है जिसे वर्ष 1881 में अंग्रेजी हुकूमत के शासनकाल में मेजर कीथ ने बनवाया था.
जब अंग्रेजों ने Gwalior Fort पर कब्जा किया, तो इस मंदिर को कॉफी शॉप में बदल दिया. उन्होंने यहां एक सोडा फैक्ट्री भी बना दी. यही नहीं, ब्रिटिश अफ़सरों के लिए भोजन भी इसी मंदिर परिसर में बनने लगा. अंग्रेज अफसर मेजर कीथ ने एक सोडा फैक्ट्री भी इस तेली की लाट में स्थापित कर दी. ऐसा बताया जाता है कि इस फैक्ट्री में बने सोडा को इंग्लैंड भी भेजा जाता था. कई सालों तक अंग्रेज अफसर इस मंदिर को ऑफिसर मैस के तौर पर इस्तेमाल करते रहे. आगे चलकर, कर्नल हॉकिन्स ने इसे बंद करवाया था.
विदेशी हमलावरों ने मंदिर की कई मूर्तियों को खंडित कर दिया था, लेकिन ब्रिटिश शासनकाल में मेजर जेबी कीथ ने (1881 से 1883) इसे पुनर्निमित करवाया था. तब इस पर 7 हजार 625 रुपए का खर्च आया था. इसके लिए 4 हजार रुपये की धनराशि सिंधिया स्टेट के महाराज ने दी थी. अंग्रेजों ने कॉफी शॉप के तौर पर भी मंदिर के परिसर का इस्तेमाल किया था. इसका उल्लेख मुख्यद्वार पर लगे शिलालेख में मिलता है.
तेली का मंदिर ( Teli Ka Mandir ) , ग्वालियर के किले में स्थित है. आप नज़दीकी हवाई अड्डे, ग्वालियर एयरपोर्ट या नज़दीकी रेलवे स्टेशन, ग्वालियर रेलवे स्टेशन से यहां पहुंच सकते हैं. Gwalior Fort तक पहुंचने के लिए 2 रास्ते है – Urwai गेट और गुजारी महल.
ग्वालियर के किले की टिकट आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं. व्यस्कों, बच्चों और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग टिकट हैं. आप Gwalior Fort की टिकट यहां क्लिक करके ऑनलाइन खरीद सकते हैं.
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More
Kishtwar Tourist Places : किश्तवाड़ एक फेमस हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध… Read More