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Sutak Kaal : क्या होता है सूतक काल, इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए

Sutak Kaal : भारत में आज भी बहुत से लोग हैं जिनको यह नहीं पता है कि सूतक काल किसे कहते हैं. यदि आप भी सूतक काल के बारे में नहीं जानते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है आज हम आपको बताएंगे  सूतक काल क्या है, सूतक काल में क्या काम करना चाहिए…

यदि आप लंबे समय से यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि सूतक काल क्या है. तो यह एक ऐसा खराब समय होता है जिसके दौरान हमें अनहोनी होने की आशंका रहती है .क्योंकि सूतक काल लगने से प्रकृति संवेदनशील हो जाती है.

सूरज ग्रहण हो या फिर चांद ग्रहण हो इन दोनों पर सूतक काल लगता है. सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह सूतक काल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. यह सूतक काल सूरज पर ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लगता है वहीं यदि हम चंद्रमा की बात करें तो चंद्रमा पर यह 9 घंटे पहले लगता है.

सूतक काल एक ऐसा खराब समय होता है जिसके दौरान प्रकृति संवेदनशील हो जाती है. इस समय पृथ्वी पर बहुत ज्यादा अनहोनी होने की आशंका होने लगती है.  जब सूतक काल लगता है उसे समय हमें अपने कार्यों को करने में बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी की आवश्यकता होती है.

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सनातन धर्म की दृष्टि से सूतक काल काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है.लेकिन आपको यह जान लेना है कि जब कभी सूतक काल पड़ता है तब हमें किन बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

सूतक काल पड़ते समय किन बातों पर ध्यान देना चाहिए || What things should be paid attention to during Sutak period dead time?

गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए . क्योंकि इस ग्रहण के पड़ने से गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि पहुंच सकती है.
यदि आप सिलाई और कढ़ाई या बनाई का कार्य कर रहे हैं तो आपको यह पूरी तरह रोक देना चाहिए.
सूतक काल के समय किसी भी प्रकार की कोई भी पूजा पाठ नहीं करना चाहिए.
सूतक काल के समय किसी भी प्रकार का कोई भी भोजन नहीं पकाना चाहिए . क्योंकि इस सूतक काल ग्रहण की किरणों से पूरी तरह भोजन अशुद्ध हो जाता है.
सूतक काल के समय आपको शौचालय जाने की भी आवश्यकता नहीं है जहां तक हो सके आपको शौचालय जाने से बचाना है.
सूतक काल में किसी भी प्रकार का कोई भी आपको नया कार्य नहीं करना है.
यदि आपको अपना भोजन अशुद्ध होने से बचाना है तो आपको अपने भोजन में तुलसी का एक पत्ता सूतक काल पढ़ने से पहले डालना होगा.
सूतक काल में आपको तुलसी को बिल्कुल भी नहीं छूना है.
ग्रहण पढ़ते समय कभी भी आपका अपनी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह आपकी आंखों को खराब कर सकता है.

सूतक काल का प्रभाव क्या होता है? || What is the effect of Sutak period?

सूतक काल का प्रभाव प्रकृति पर बहुत ज्यादा पड़ता है. जब आप सूतक काल में भोजन को पकाते हैं तो यह पूरी तरह अशुद्ध हो जाता है जो की आपकी सेहत के लिए हानि पहुंचा सकता है.

यदि आपको इसके प्रभाव से बचाना है तो इसके लिए आपको सूतक के बारे में और भी अधिक जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए. जो कि हमने आपके ऊपर की ओर बताया है.

सूतक काल में पूजा कैसे करें? || How to perform puja during Sutak period?

सूतक काल में आपको पूजा करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है.

क्या सूतक काल में पूजा कर सकते हैं? || Can we worship during Sutak period?

यदि सूतक काल पड़ रहा है तो आपको किसी भी देवी देवताओं की पूजा नहीं करनी है.

सूतक काल में क्या भोजन खाना चाहिए  ||What food should be eaten during Sutak period?

सूतक काल में पके हुए भोजन को त्यागने की सलाह दी जाती है. यदि आप भोजन खाना चाहते हैं तो आप ताजा पका हुआ भोजन ही खाएं|

क्या सूतक काल में नहाना चाहिए? || Should one take bath during Sutak period?

इस ग्रहण कल के दौरान आपको खाना, पीना, खाना बनाना, नहाना, सोच के लिए जाना या फिर सोना कुछ भी आपको नहीं करना क्योंकि यह आपके शरीर को हानि पहुंचा सकता है.

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ग्रहण के दौरान जपने योग्य मंत्र

तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥

Tamomaya Mahabhima Somasuryavimardana।
Hematarapradanena Mama Shantiprado Bhava॥1॥

श्लोक अर्थ – अन्धकाररूप महाभीम चन्द्र-सूर्य का मर्दन करने वाले राहु! सुवर्णतारा दान से मुझे शान्ति प्रदान करें।

विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥

Vidhuntuda Namastubhyam Simhikanandanachyuta।
Danenanena Nagasya Raksha Mam Vedhajadbhayat॥2॥

श्लोक अर्थ – सिंहिकानन्दन (पुत्र), अच्युत! हे विधुन्तुद, नाग के इस दान से ग्रहणजनित भय से मेरी रक्षा करो।

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