Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya : उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित जौनपुर जिले में एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है. इस आध्यात्मिक स्थल को चौकियां धाम या शीतला चौकियां देवी ( Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya ) के नाम से जाना जाता है. स्थानीय लोगों में इनका नाम चौकियां देवी के नाम से भी चर्चित है.
आज शीतला माता धाम मंदिर चौकियां ( Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya ) के इस लेख में हम आपको मंदिर के इतिहास, महत्व की जानकारी देंगे. अगर आप भी चौकियां माता के मंदिर जाना चाहते हैं तो कैसे जा सकते हैं, यह जानकारी भी आपको दी जाएगी.
जौनपुर में स्थित शीतला चौकियां देवी के मंदिर ( Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya ) का इतिहास बेहद पुराना है. इतिहास में यह जानकारी मिलती है कि हिंदू शासकों के काल में जौनपुर पर अहीर राजाओं का आधिपत्य था. हीरा चंद्र यादव भी जौनपुर में एक अहीर राजा रहे हैं.
ऐसा कहा जाता है कि चौकियां देवी का मंदिर ( Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya ), इन्हीं अहीर राजाओं की कुल देवी के रूप में बनाया गया था. वे शीतला मां को अपनी कुल देवी मानते थे.
हालांकि, कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि यह भरों के द्वारा भी बनाया गया हो सकता है. भर अनार्य रहे हैं. अनार्य, शिव और शक्ति की उपासना करते थे. जौनपुर में भी भरों का शासन रहा है. महाराजगंज के आस-पास के क्षेत्रों पर भी भरों के अधिकार के प्रमाण मिलते हैं.
मां शीतला चौकियां धाम जौनपुर ( Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya ) के संदर्भ में यह माना जाता है कि सबसे पहले यहां चौकी का निर्माण किया गया होगा. इसी चौकी पर देवी की स्थापनी की गई, संभवतः इसीलिए इन्हें चौकियां देवी भी कहा जाता है.
सबसे पहले यहां मिट्टी का चबूतरा बनाया गया था और फिर मां की मूर्ति की स्थापना की गई थी. कुछ लोग इन्हें चौकियां माता भी कहते हैं.
भरों का तालाब के प्रति झुकाव
इतिहास में उल्लेख मिलता है कि भर तालाब के प्रति अधिक रुचि रखते थे, इसलिए उन्होंने चौकियां धाम ( Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya ) के पास भी तालाब का निर्माण करवाया.
मां शीतला धाम चौकियां मंदिर में सोमवार को और शुक्रवार को बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं. नवरात्रि में यहां खासी भीड़ होती है. नवरात्रि में यहां भजन कीर्तन का भी आयोजन होता है. पूर्णिमा के दिन मां का श्रृंगार किया जाता है.
चौकियां धाम के बाद विंध्यवासिनी मंदिर जाने की परंपरा
इतिहास पर गौर करें तो मालूम होता है कि मंदिर 300 साल से भी ज्यादा प्राचीन है. पूर्वांचल के जिलों आजमगढ़, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, गोरखपुर, छपरा, गाजीपुर, मऊ के लोग चौकियां माता का दर्शन करने के बाद विंध्यवासिनी माता के मंदिर जाते हैं.
एक कथा के अनुसार, देवी दुर्गा ने दुनिया के सभी दंभी राक्षसों का अंत करने के लिए कात्यायन ऋषि की छोटी बेटी कात्यायनी के रूप में अवतार लिया था. फिर दुर्गा के अपने वास्तविक स्वरूप में, उन्होंने कालकेय द्वारा भेजे गए कई राक्षसों का वध किया.
चौकिया धाम ( Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya ) जाने के लिए हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग तीनों ही तरीके सुलभ हैं.
हवाई मार्ग से- जौनपुर में स्थित मां चौकियां धाम से सबसे नज़दीक हवाईअड्डा वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है.
इस एयरपोर्ट से मंदिर की कुल दूरी 46 किलोमीटर से कुछ ज़्यादा की है. आप एयरपोर्ट से बस, टैक्सी के ज़रिए यहां तक आ सकते हैं.
रेल मार्ग से- जौनपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन से यहां की कुल दूरी लगभग 3 किलोमीटर की है. इसमें 11 मिनट लगते हैं. यहां एक हॉल्ट भी है. इसका नाम यादवेंद्र नगर है.
सड़क मार्ग से- आप SH-36 से होकर यहां तक आ सकते हैं. जौनपुर सड़क मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है.
चौकियां धाम में पंडों की समस्या – चौकियां धाम के मंदिर में मैंने अपनी यात्रा में पंडों की समस्या देखी. यह कुछ वैसा ही है, जैसा पुष्कर में मैंने महसूस किया था. दोनों ही जगह मेरा पंडों से सामना हुआ था.
चूंकि जौनपुर के इस मंदिर में आसपास के ग्रामीण बहुत बड़ी संख्या में आते हैं, इसलिए पंडे उन्हें घेरकर जबरन चढ़ावा चढ़वाते हैं. हो सकता है, आपके साथ भी ऐसा हो, लेकिन आप किसी के बहकावे में कतई न आएं.
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