Rewalsar Lake Fact : हिमाचल प्रदेश के मंडी में एक रिवालसर झील है, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये राख से बनी है. 1360 मीटर ऊंचाई पर हिमालय की तलहटी में मौजूद इस झील का शेप चौकोर है. ये हिंदू, सिख और बुद्धिस्ट के लिए पवित्र है. इस हिल स्टेशन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
मंडी के राजा ने गुरु पद्मसंभव को मारने की कोशिश थी क्योंकि गुरु पद्मसंभव ने उनकी बेटी को शिक्षा दी थी और उन्हें अपने बेटी और गुरु के भाग जाने के इरादों के बारे में पता चल गया था. राजा ने अपनी बेटी और पद्मसंभव को अलग करने के लिए लिए आग में जलाकर मारने की कोशिश की थी लेकिन पद्मसंभव ने अंतिम संस्कार की चिता को तिल के तेल की झील में बदल दिया. यहां पर पद्मसंभव की एक मूर्ति विशाल कमल का फूल विराजमान है.
इस जगह के बारे में यह भी कहा जाता है कि पद्मसंभव यह जगह छोड़ कर तिब्बत के लिए रवाना हो गए थे. पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि पद्मसंभव ने अपनी तांत्रिक शक्तियों का इस्तेमाल करके रेवाल्सर से तिब्बत गई ताकि वो वहां पर बौद्ध धर्म का प्रचार कर सकें.
पद्मसंभव को लोकप्रिय रूप से ‘गुरु रिनपोचे के नाम से जाना जाता है जो तिब्बतियों के गुरु थे. पद्मसंभव के प्रभाव की वजह से ही बौद्ध धर्म तिब्बत में फैला था. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि ऋषि लोमस ने रिवालसर झील में भगवान शिव की तपस्या की थी और सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने भी एक महीने के लिए इस जगह पर निवास किया था. इन ऐतिहासिक संबंधों और कहानियों के कारण रिवालसर झील हिंदू, सिख और बौद्ध के लोगों के लिए धार्मिक जगह है.
रिवालसर में स्थित गुरु रिनपोचे(पद्मसम्भव) की विशाल मूर्ति खुद में ही यहाँ की सबसे खूबसूरत अट्रैक्शन है. गुरु रिनपोचे की यह भव्य मूर्ति रिवालसर की पहचान के तौर पर भी मान्य है.
ऐसी मान्यता है कि रिवालसर झील में एक किनारे से दूसरे किनारे तक समय-समय पर चलने वाले टीलों में गुरु पद्मसंभव की आत्मा का निवास है.
तिब्बत के लोग गुरु रिनपोचे की पूजा-अर्चना करने और उनको श्रद्धांजलि देने रिवालसर ही आते हैं.
रिवालसर के सेंटर में स्थित रिवालसर सरोवर जिसे कमल सरोवर भी कहा जाता है यहां का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है.
सरोवर में पाई जाने वाली मछलियों को भी पवित्र माना जाता है और पर्यटक सरोवर के किनारे आ इन्हें खाना खिलाते हैं.
रिवालसर झील में बैसाखी का त्योहार बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. हर साल यहां सिसु मेले के नाम से जाना जाने वाला एक बड़ा मेला यहां पर फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत में लगता है, इस मेले में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी आते हैं.
रिवालसर झील मंडी शहर के करीब स्थित है. जहां आप लोकल बस की मदद से पहुच सकते हैं। इसके अलावा आप रिवालसर झील पहुंचने के लिए मनाली से बस किराए पर भी ले सकते हैं.
मंडी का नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर (60 किमी) में स्थित है. भुंतर हवाई अड्डे से आप मंडी के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं और अपने पर्यटन स्थल पर पहुंच सकते हैं.
एचआरटीसी की बस सेवा दिल्ली, पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी शहरों और राज्यों से आसानी से उपलब्ध है. दिल्ली शहर से मंडी लगभग 400 किमी दूर है.
मंडी के लिए शहर का नजदीकी ब्रॉड गेज रेलहेड पठानकोट (210 किमी) है जो गेज जोगिंदर नगर रेलहेड से जुड़ा हुआ है और मंडी से 55 किमी दूर है. बस या कैब से आप रेलवे स्टेशन से अपने पर्यटन स्थल तक पहुंच सकते हैं.
अगर आप रिवालसर झील झील की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां आने का सबसे अच्छा समय समय मार्च और अक्टूबर के बीच है, क्योंकि मंडी उत्तर भारत का एक ऐसा शहर है जहाँ पर गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में काफी ठंड होती है. सदियों में यहां पर गर्म पकड़ें पहनने की सलाह दी जाती है.
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