विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी से कई इतिहास जुड़ें हुए हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor ) की खुदाई में कुछ अवशेष मिले हैं. ये अवशेष 16वीं शताब्दी के प्राचीन मंदिरों की स्थापत्य शैली से मिलते-जुलते बताए जा रहे हैं.
ज्ञानव्यापी मैदान में श्रृंगार गौरी मंदिर के पास पश्चिम दिशा में, Kashi Vishwanath Corridor के लिए बुलडोजर से खुदाई के दौरान जमीन से मंदिरों के कुछ कलात्मक अवशेष मिले हैं. मिले हुए अवशेषों पर कमल दल और कलश की आकृतियां पाई गई हैं, जिससे माना जा रहा है कि ये किसी मंदिर के ही टुकड़े है.
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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor ) में कई अनोखे अवशेष देखने को मिले हैं. जिसकी वजह से खुदाई को फिलहाल रोक दिया गया है. बताया जा रहा है कि यहां खुदाई के दौरान एक सुरंग भी मिली है. अब पुरातत्व विभाग काशी विश्वनाथ में मिले पत्थरों की जांच करने में लगा हुआ है.
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित कई प्राचीन मंदिर जो लोगों के घरों में कैद थे. अब सामने देखने को मिल रहे हैं. मंदिर प्रशासन द्वारा विग्रहों को संरक्षित करने की बात कही गई है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के लिए खुदाई के दौरान चंद्रगुप्त काल से लेकर उससे भी प्राचीन मंदिर अभी तक सामने आ चुके हैं. कई ऐसे प्राचीन मंदिर सामने आए है. जिन्हें आज से हजारों साल पहले भुलाया जा चुका है. यहां स्थित कुछ मंदिरों को उतना ही पुराना माना जाता है जितनी पुरानी काशी नगरी के होने का अनुमान इतिहासकार लगाते आये हैं.
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कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor ) के काम करीब दो महीने तक के लिए रोक दिया गया था. जिसे जून में दोबारा से शुरू कर दिया है. खुदाई के दौरान मंदिर प्रशासन पर पर कई आरोप भी लागये गए. ऐसा कहा गया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor ) बनाने में कई प्राचीन मंदिरों को तोड़ा गया और इससे निकलने वाला मलबा गंगा नदी में गिराया गया.
वाराणसी के विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को 2021 तक पूरा किया जाना है. विश्वनाथ धाम कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor ) प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. जिसका काम तेजी से चल रहा है. विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के नवनिर्माण का सभी को बेसब्री से इंतजार है. ये निर्माण कार्य लगभग 5000 स्क्वायर फ़ीट में दिन रात चल रहा है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए 800 करोड़ की लागत अनुमानित की गई है.
इस प्रोजेक्ट में करीब 155 मजूदर दिन रात काम कर रहे हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor ) के काम की जिम्मेदारी पीएसपी कंपनी को सौंपी गई है. इस काम को पूरा करने के लिए 5 इंजीनियर लगाए गए हैं.
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