राजस्थान के रणकपुर जैन मंदिर की बनावट है अद्भुत, ताजमहल से की जाती है तुलना
ranakpur jain temple – रणकपुर जैन मंदिर विश्व भर में विख्यात है रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान के पाली जिले के सादड़ी में स्थित है. रणकपुर जैन मंदिर जोधपुर और उदयपुर के बीच में अरावली पर्वत की घाटियों में स्थित है. उदयपुर से 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित रणकपुर जैन मंदिर अपनी भव्यता, विशालता और सुंदरता के लिए काफी मशहूर है. जैन धर्म के प्रमुख 5 धार्मिक स्थलों में से एक रणकपुर जैन मंदिर, जैन तीर्थकर आदिनाथ जी को समर्पित है. रणकपुर जैन मंदिर चारों तरफ जंगलों से घिरा है, इस प्राचीन जैन मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है.
Ranakpur jain temple history
अपनी भव्यता और खूबसूरत के लिए मशहूर है, रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण करीब 600 साल पहले हुआ था. रणकपुर जैन मंदिर को बनाने में बहुत लम्बा समय लगा था, और उस समय इसके निर्माण में करीब 99 लाख रुपए की राशि का खर्च आया था. रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण राणा कुम्भा के शासन काल में हुआ था, राणा कुंभा ने इसके बाद रणकपुर जैन मंदिर को बनवाने के लिए धरनशाह को जमीन दे दी, इसके साथ ही एक नगर बसाने के लिए भी कहा. इस भव्य मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी 1953 में एक ट्रस्ट को दे दी गई, जिसके बाद इस मंदिर का पुनरुद्दार कर इसे खूबसूरत और नया रूप दिया गया.
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Ranakpur Jain Temple Architecture
विशाल रणकपुर जैन मंदिर 48, 400 वर्ग फुट ज़मीन पर फैला है. मंदिर चारों दिशाओं में खुलता है. रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण माना जाता है कि 1446 विक्रम संवत में इस मंदिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ था जो 50 वर्षों से अधिक समय तक चला था. सम्पूर्ण मन्दिर में सोनाणा, सेदाड़ी और मकराना के पत्थर का प्रयोग किया गया है. संगमरमर से बने इस खूबसूरत मंदिर में 29 विशाल कमरे हैं वाही इस मंदिर में 1444 खंबे लगे हैं. इन खम्बो की खासियत यह है, कि ये सभी खंबे एक-दूसरे से भिन्न हैं. मंदिर के पास के गलियारे में बने मंडपों में सभी 24 तीर्थंकरों की तस्वारें उकेरी गई हैं. सभी मंडपों में शिखर हैं और शिखर के ऊपर घंटी लगी है. हवा चलने पर इन घंटियों की आवाज पूरे मंदिर में गूंजती है.
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मंदिर की मुख्य देहरी में भगवान नेमिनाथ की भव्य मूर्ति है. यहां अन्य मूर्तियों में सहस्त्रकूट, भैरव, हरिहर, सहस्त्रफणा धरणी शाह और देपा की मूर्तियां उल्लेखनीय है. रणकपुर जैन मंदिर के एक एक स्तंभ में एक 47 पंक्तियों का लेख पत्थर उत्कीर्ण है, जो विक्रम संवत 1496 का है. इसको संस्कृत और नागरी दोनों लिपियों का प्रयोग किया गया है. प्रस्तुत लेख में बप्पा रावल से लेकर कुंभा तक के बहुत से शासकों का वर्णन है.अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध रणकपुर जैन मंदिर पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहा है
Best Places Visit to Ranakpur Jain Temple
जैन धर्म से सम्बंधित रणकपुर तीर्थ स्थल के आसपास पर्यटकों और भी कई आकर्षित और घूमने वाली स्थान मिलेंगे. पर्यटक इन स्थानों पर घूमने जा सकते हैं और दर्शनों का लाभ उठा सकते हैं.
Muchhala Mahavir Temple Ranakpur
मुछाला महावीर मंदिर का स्थान रणकपुर कइ मुख्य दर्शनीय स्थलों में से एक है, मुछाला महावीर मंदिर भगवान महावीर को समर्पित हैं. यह मंदिर बहुत ही खुबसूरत है, मुछाला महावीर मंदिर रणकपुर के कुंभलगढ़ अभयारण्य में स्थित है. मुछाला महावीर मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण यहां स्थित भगवान महावीर की मूछों वाली आकर्षित प्रतिमा हैं. इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थित हाथियों की दो मूर्तिया पर्यटकों को मोहित करती हैं.
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Sun Temple Ranakpur
सूर्य मंदिर रणकपुर में स्थित एक दर्शनीय स्थल में एक हैं, यह मंदिर काफी लोकप्रिय मंदिर है , सूर्य मंदिर का निर्माण 13 वीं शताब्दी के दौरान कराया हैं. हालाकि एक बार नष्ट होने के बाद 15 वीं शताब्दी मंदिर का पुनिर्माण कार्य किया गया. मंदिर की देख रेख का कार्य उदयपुर शाही परिवार के ट्रस्ट की निगरानी में किया जाता हैं. सूर्य नारायण मंदिर की संरचना गोलाकार हैं जोकि अपने सात घोड़ो के रथ सवार भगवान् सूर्य देव की आकर्षित प्रतिमा के लिए पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.
Sadri Ranakpur Rajasthan
सादड़ी राजस्थान राज्य में पाली जिले के रणकपुर में स्थित एक खूबसूरत गांव है जोकि अपने धार्मिक मंदिरो के लिए काफी प्रसिद हैं. यहां के प्रमुख आकर्षण में शामिल परशुराम महादेव मंदिर, वराहवतार मंदिर, रणकपुर जैन मंदिर, श्री महाकाली मंदिर, श्री परशुराम महादेव मंदिर, श्री वोक्कल माता मंदिर और चिंतामणि पारसनाथ मंदिर आदि शामिल हैं. इसके अलावा घनेराव रावला, कुंभलगढ़ राष्ट्रीय वन, नरेंद्र रावला आदि शामिल हैं.
Ranakpur Temple Time
रानाकपुर मंदिर हर रोज खुला है पर्यटकों को मंदिर का दौरा 12:00 बजे से शाम 5 बजे तक करने की अनुमति है. मंदिर 12:00 पीएम से पहले प्रार्थना के लिए खुला रहता है.
Best Time To Visit Ranakpur Jain Temple
भारत में सबसे बड़ा राज्य, राजस्थान की जलवायु को चार मौसमों यानी गर्मियों, मानसून, मानसून और सर्दियों के बाद विभाजित किया जा सकता है. मौसम और क्षेत्र पर निर्भर करता है कि आप रणकपुर जैन मंदिर किस भी समय घूमने की योजना बना सकते हैं, आप साल के किसी भी समय राज्य का दौरा कर सकते हैं और हर मोसम के हिसाब से जाने का अपना अगल अंदाज होता है, लेकिन जुलाई से सितंबर का समय रणकपुर जैन मंदिर की यात्रा के लिए एक अच्छा समय है.
How To Reach Ranakpur Jain Temple
By Air
रणकपुर पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर है. दिल्ली, मुंबई से यहां के लिए नियमित उड़ानें हैं. आसपास के क्षेत्रों में पावापुरी सिरोही, संघवी भेरूतारक तीर्थ धाम, माउंट आबू, दिलवाड़ा का विख्यात जैन मंदिर भी हैं, जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.
By Road
उदयपुर देश के प्रमुख शहरों से सड़कों के जरिए जुड़ा हुआ है. उदयपुर से यहां के लिए प्राइवेट बसें तथा टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं. आप यहां अपने निजी वाहन से भी जा सकते हैं.
By Train
यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन उदयपुर ही है, साथ ही रणकपुर के लिए सभी प्रमुख शहरों से रेलगाड़ियां उपलब्ध हैं.