Pashan Devi Temple : पाषाण देवी मंदिर नैनीताल उन पवित्र मंदिरों में से एक है जो देवी दुर्गा को समर्पित है, इस मंदिर में एक विशाल शिला है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह माँ दुर्गा के सभी नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती है जिसे नवदुर्गा भी कहा जाता है. मंदिर बहुत पुराना है और पत्थर से बना हुआ है. मंदिर नैनी झील के पास स्थित है और मां दुर्गा के चरण स्पर्श करने के बाद पानी नैनी झील में चला जाता है. भक्त हर साल अपनी यात्रा करने के लिए आते हैं और देवी की पूजा करते हैं और कपड़े और सिंदूर चढ़ाते हैं, मंदिर का मुख्य आकर्षण यह है कि यहां एक शाश्वत ज्योति ‘अखंड ज्योति’ है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह इस मंदिर के बनने के बाद से जल रही है.
मान्यता है कि माता की पादुकाएं नैनीताल की झील के अंदर हैं इसलिए झील के जल को कैलास मानसरोवर की तरह पवित्र माना जाता है. श्रद्धालु इस नैनी सरोवर के जल को अपने घर लेकर जाते हैं. कहा जाता है कि ये इतना पवित्र जल है कि इससे त्वचा से संबंधित तमाम रोग दूर हो जाते हैं. लोक मान्यता है कि जल को घर में रखने से घर में सुख शांति बनी रहती है. मान्यता है कि एक बार एक अंग्रेज अफसर मां पाषाण देवी मंदिर से गुजर रहा था. उसने पास में बने इस छोटे से मंदिर को देखा तो उपहास करने लगा. तभी अचानक उसका घोड़ा बिदक गया और अंग्रेज अफसर घोड़े सहित झील में गिर गया.
जब अंग्रेज अफसर ने मां से क्षमा-याचना मांगी तब जाकर वो आगे बढ़ सका. इसके बाद उसे गलती का एहसास हुआ और स्थानीय महिलाओं के सहयोग से उसने माता को सिंदूर का चोला पहनाया. जिसके बाद से यहां पर मां का श्रृंगार सिंदूरी के चोले से किया जाता है. प्रत्येक मंगलवार और शनिवार और नवरात्रि पर मां को चोली पहनाने की परंपरा है. माना जाता है कि मां को स्नान कराए गए पानी से समस्त त्वचा रोग दूर होते हैं. जल को लेने के लिए दूर-दूर से लोग नैनीताल के इस मंदिर में आते हैं. नवरात्रि में यहां पूजा- अर्चना करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. वास्तव में देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे ऐसे पवित्र तीर्थ हैं, जिनके बारे में जानकर और पढ़कर उस अद्भुत दैवीय शक्ति का अहसास होता है.
यात्रा करने का सर्वोत्तम समय: वर्ष के किसी भी समय
क्षेत्र: नैनीताल, उत्तराखंड
अधिकतम ऊंचाई: 6836 फीट
प्रवेश शुल्क: मंदिर में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है
समय: सोमवार से रविवार सुबह 6:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक
सड़क द्वारा || || How to reach Pashan Devi By Road
नैनीताल उत्तराखंड के सभी प्रमुख शहरों से सड़क के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, आप आसानी से नैनीताल के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं, मंदिर नैनीताल बस स्टैंड (तल्लीताल) से लगभग 1 किमी दूर है और फिर आप चल सकते हैं या स्थानीय रिक्शा ले सकते हैं.
ट्रेन से || How to reach Pashan Devi By Train
नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो नैनीताल से लगभग 32 किमी दूर है, आप नैनीताल के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं जो आसानी से उपलब्ध है.
हवाईजहाज से || How to reach Pashan Devi By Air
नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है जो लगभग 69 किमी दूर है, वहां से आप आसानी से नैनीताल के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं.
पाषाण देवी मंदिर नैनीताल के पास के स्थान || places near Pashan Devi Temple Nainital
नैना देवी मंदिर
हनुमान गढ़ी मंदिर
मुक्तेश्वर मंदिर
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
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