Navratri 2nd Day : शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी संसार में ऊर्जा लाती हैं और उनकी पूजा से सुख और शांति मिलती है. पहला दिन जहां शैलपुत्री को समर्पित है, वहीं दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा कैसे करनी चाहिए, उनका मंत्र क्या है और उन्हें भोग में क्या चढ़ाना चाहिए.
नवरात्रि दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी: पूजा विधि || Navratri 2nd Day: Maa Brahmacharini: Puja Vidhi
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद मंदिर के पास आसन लगाकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें. अगर आपके पास माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की तस्वीर है तो उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं और प्रसाद में सबसे पहले पंचामृत अर्पित करें। पंचामृत चढ़ाते समय ॐ ऐं नमः का जाप 108 बार करना चाहिए। इसके साथ ही मां ब्रह्मचारिणी को पान, सुपारी और लौंग भी चढ़ाया जाता है. पूजा के बाद मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें.
माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्र || Mantras of Maa Brahmacharini
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा..ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै:
(अपने कर कमलों में मोतियों की माला और जलपात्र धारण किए हुए हैं। परम ब्रह्मचारिणी देवी मुझ पर प्रसन्न हों)
नवरात्रि दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी: विशेष भोग || Navratri 2nd Day: Maa Brahmacharini: Special Bhog
मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का भोग लगाएं और इस विधि का पालन करें:
आवश्यक सामग्री- || Material required-
दूध – 1/2 कप
दही (दही) – 1/4 कप
शहद – 2 बड़े चम्मच
घी (स्पष्ट मक्खन) – 1 बड़ा चम्मच
चीनी – 2 बड़े चम्मच
केसर धागे- 8-10
कटे हुए सूखे मेवे (काजू, बादाम, किशमिश) – 2 बड़े चम्मच
खाना पकाने की प्रक्रिया || Cooking Process
पंचामृत बनाने से पहले एक चम्मच दूध गर्म कर लें और उसमें केसर के धागे भिगो दें. इसे कुछ मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें जब तक कि दूध में केसर का रंग और खुशबू न आ जाए.
– अब बचे हुए दूध और दही को एक बाउल में डालकर अच्छे से एकसार होने तक मिक्स कर लीजिए.
दूध-दही के मिश्रण में शहद और चीनी मिलाएं और इसे तब तक हिलाएं जब तक शहद और चीनी पूरी तरह से घुल न जाए.
– घी को पिघलाकर मिश्रण में डालें और अच्छी तरह मिला लें. – इसमें केसर वाला दूध डालें और धीरे-धीरे चलाते हुए मिलाएं.
पंचामृत के मिश्रण में कटे हुए सूखे मेवे मिलाएं, इसमें गंगा जल और तुलसी के पत्ते मिलाएं और इसे मां ब्रह्मचारिणी को अर्पित करें.
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More
Kishtwar Tourist Places : किश्तवाड़ एक फेमस हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध… Read More