Corona Virus के कारण रद्द हो गईं ये धार्मिक यात्राएं, ये है पूरी List
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण के कारण हमारे जीवन में कई बदलाव हो चुके हैं। जीवन और मृत्यु की परंपराओं की तरह इस महामारी ने धर्म की परंपराओं को भी बदल दिया है। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप ने भारत में त्यौहारों, आयोजनों और धार्मिक समारोहों को रद्द कर दिया गया है, क्योंकि इस महामारी ने अपने चपेट में 11 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित कर दिया है और 28,000 से अधिक लोग मार गए हैं।
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए, भारत सरकार ने इस तरह के आयोजनों को रद्द करने का फैसला किया है। जहां लोगों की भीड़ ज्यादा लगती है।
लॉकडाउन लगाने के अलावा, केंद्र ने कोविड -19 के फैलने से रोकने के लिए लोगों समाजिक दूरी का पालन करने के लिए बड़ी धार्मिक सभाओं को भी सीमित कर दिया है।
अमरनाथ यात्रा (Amaranth Yatra)
कोरोना वायरस Corona Virus से देश में उपजी स्थितियों के मद्देनजर इस बार भी अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 39 बोर्ड मीटिंग में व्यापक लोकहित को ध्यान में रखते हुए यह यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि परिस्थितियों के आधार पर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने फैसला किया है कि इस साल अमरनाथ यात्रा का आयोजन और संचालन करना उचित नहीं है. बोर्ड ने इस साल अमरनाथ यात्रा रद्द करने को लेकर खेद व्यक्त किया है।
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हज यात्रा (Haj Yatra)
कोरोना वायरस Corona Virus के मद्देनजर इस बार सऊदी अरब हज यात्रा में दुनियाभर के लाखों मुस्लिम हिस्सा नहीं ले सकेंगे। सऊदी अरब सरकार की ओर से घोषणा की गई कि इस साल बहुत ही सीमित संख्या में लोग हज यात्रा कर सकेंगे। इसमें सऊदी अरब में ही रहने वाले लोग प्रमुख रूप से शामिल होंगे पिछले महीने, भारत सरकार ने कहा कि देश हज करने के लिए इस साल लोगों को सऊदी अरब नहीं भेजेगें। यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया कि हज को सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सुरक्षित तरीके से किया जाए। इस आयोजन के लिए हर साल दो मिलियन से अधिक लोग मक्का आते हैं।
गणेश उत्सव (Ganesha Uatsav)
मुंबई के 11-दिवसीय गणेश उत्सव का सबसे बड़ा “लालबागचा राजा” में मनाया जाता है लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण इस साल रद्द कर दिया गया है। लालबाग समारोह के आयोजकों ने इस महीने की शुरुआत में इस कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला किया क्योंकि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोनो वायरस के मरीज मिले हैं। लालबागचा राजा का 87 साल के इतिहास में यह पहली बार ऐसे होगा।
महाराष्ट्र सरकार ने भी 22 अगस्त से शुरू होने वाले 11 दिवसीय गणेशोत्सव उत्सव के लिए गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई और अन्य कड़े नियमों को शामिल करते हुए दिशानिर्देश जारी किए।
प्रसिद्ध बांद्रा मेला (Bandra Fair)
कोविड -19 महामारी के कारण मुंबई का प्रसिद्ध बांद्रा मेला जिसे 125 वर्षों में पहली बार रद्द किया गया है। शहर के 350 साल पुराने माउंट मैरी बेसिलिका में आयोजित होने वाला यह मेला हर साल सितंबर में मदर मैरी के जन्म का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया जाता है।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने माउंट मैरी बेसिलिका को सूचित किया कि उसका एच-वेस्ट वार्ड बांद्रा मेले के लिए अपनी सामान्य व्यवस्था नहीं करेगा, जिसमें धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश दिया है।
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दुर्गा पूजा (Durga Pooja)
भारत के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक दुर्गा पूजा आयोजन पहले की तरह नहीं किया जाएगा। कोलकाता की दुर्गा पूजा दुनियाभर में प्रसिद्ध है। अमूमन यहां पूजा की तैयारियां 6-7 महीने पहले शुरू हो जाती है। सरस्वती पूजा के बाद से ही यहां तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लेकिन, इस बार चौतरफा सन्नाटा पसरा है। पूजा समितियों के लोग बस एक ही बात कहते हैं, अक्टूबर में पूजा तो होगी लेकिन स्वरूप क्या और कैसा होगा हम बता नहीं सकते। बस इतना ही कह सकते हैं कि पहले जैसी भव्यता इस बार नहीं होगी। कारण कोरोना है। शहर में छोटी-बड़ी 400 से अधिक पूजा समितियां हैं। कई तो 85 साल से ज्यादा पुरानी हैं। सबका अपना इतिहास है।