Mansa Devi Mandir, Haridwar Near By Har ki Pauri
Mansa Devi Temple : हरिद्वार उत्तराखंड में बसा हुआ एक छोटा सा टाउन है जो हरिद्वार जिले के अंतर्गत आता है. दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले ज्यादातर टूरिस्ट 2 दिनों के वीकेंड में यहां झट से पहुंचकर मां गंगा और आसपास के दर्शनीय स्थलों को घूम लेने की पूरी कोशिश करते हैं. दिल्ली से यहां पहुंचने में 4 घंटे का वक्त लगता है. हरिद्वार की दिल्ली से कुल दूरी 247.9 KM की है. दिल्ली ISBT कश्मीरी गेट से सीधा हरिद्वार की बस आपको मिल जाएगी जिसका किराया लगभग 280 से 300 रुपये तक होता है. उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा चलाई जा रही इन बसों में आप अपनी सुविधा के अनुसार सीट बुक करा सकते हैं. कश्मीरी गेट अंतर्राज्यीय बस अड्डे से चलने वाले वॉल्वो के लिए आपको 700 से 1200 रुपये तक चुकाने होते हैं. आप इसके लिए ऑनलाइन प्री-बुकिंग या ऑन दा स्पॉट बुकिंग भी करवा सकते हैं.
वहीं, देहरादून ISBT बस-स्टॉप से हरिद्धार पहुंचने के लिए आपको मात्र 75 रुपये का बस टिकट लेना होता है जो आपको सीधा हरिद्वार स्थित ISBT तक ले जाती है. हरिद्वार को उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ-स्थलों में से एक माना जाता है. जिसको गंगा की भूमि के नाम से भी जाना जाता है. हर वर्ष हरिद्वार में देश और विदेश से लाखों सैलानी आते हैं. हरिद्धार में बस-स्टॉप से हर की पौड़ी तक पहुंचने के लिए आपको ई-रिक्शा या नॉर्मल रिक्शा मिल जायेगा जिसका किराया मात्र 30 रुपए से 50 रुपया तक आपको देना होता है. यहां आने के बाद आप गंगा-दर्शन कर सकते हैं. यहां का नज़ारा बेहद ही शानदार है. शाम के वक्त 7 बजे से आप गंगा आरती का आनंद भी उठा सकते हैं जो कि बेहद शानदार होती हैं. ज्यादातर लोग यहां शाम के वक़्त आना पसंद करते हैं क्योंकि शाम के वक़्त ये दिन के मुकाबले और भी शानदार और खूबसूरत नज़र आता है.
वहीं, हर की पैड़ी से सीधा रास्ता मंसा देवी मंदिर को जाता है जो कि यहां के पौराणिक धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है. यहां तक पहुंचने के लिए गंगा घाट प्रवेश द्वार से पैदल रास्ता भी है जहां तक पहुंचने में आपको 25 से 40 मिनट लग सकते हैं. वहीं, आपको रिक्शा भी मिल जायेगा जो कि आपको मंसा देवी मंदिर की पहाड़ी के नीचे प्रवेश द्वार तक ले जायेगा जिसके लिए आपको मात्र 30 रुपये से 50 रुपये तक देने होते हैं.
मंसा देवी मंदिर की मान्यता यह है कि आप अपने मन की मंसा यानि इच्छा को मंदिर में स्थित एक वृक्ष पर इच्छा का धागा बांध कर अपनी इच्छा को मंसा देवी तक पहुंचाते हैं. यहां मौजूद लोगों का मानना है कि मां मंसा देवी सभी की मनोकामना ज़रूर पूरी करती है. मंसा देवी का यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है. कहते हैं मां मंसा कश्यप ऋषि की पुत्री थी जो उनके मन से अवतरित हुई थी और मंसा कहलाई.
आप चाहें तो मंदिर तक पैदल यात्रा कर सकते हैं या आप सीधा रोप-वे के माध्यम से मंदिर तक जा सकते हैं. रोप-वे के लिए आपको सबसे पहले 100 रुपये का टिकट लेना होगा जिसमे मंदिर तक जाना और वापस आना दोनों का किराया शामिल होता है. यह रोप-वे लगभग 540 मीटर की दूरी तय करता हैं. प्रवेश द्वार से मंदिर 1,770 फीट ऊंचाई पर है. साधारण दिनों में मंसा देवी मंदिर सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहता है. काफी ऊंचाई पर होने के कारण आप यहां से हरिद्वार का पूरा का पूरा व्यू अपनी आंखों से देख सकते है जो कि बेहद शानदार लगता है.
ज्यादातर लोग यहां इस व्यू पॉइंट को देखने के लिए और उड़न-खटोला (रोप-वे) की सवारी करने के लिए आते हैं. यहां शाम के समय आना सबसे शानदार होता है. जहां से आप पूरे हरिद्वार शहर को जगमगाती हुई रंगीन लाइटों के साथ निहार सकते हैं. जो इस सफ़र का सबसे खूबसूरत पड़ाव माना जा सकता है.
हरिद्वार में रात के समय रुकने के लिए होटल और धर्मशाला मौजूद हैं जहां पर आप आसानी से रात को रह सकते हैं. जिसके लिए आपको गंगा-घाट से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ेगा. इस जगह के अलावा मां मंसा के मंदिर भारत में और भी जगह हैं. जैसे राजस्थान में अलवर और सीकर में, मनसा बारी कोलकाता में, पंचकुला हरियाणा में, बिहार में सीतामढ़ी में और दिल्ली के नरेला में.
खान-पान
अगर खान-पान की बात करें तो हरिद्वार में शराब और मांसाहारी भोजन आपको कही भी नहीं मिलेगा जिसको यहां पर इस्तेमाल करना गैर-क़ानूनी माना जाता है. गंगा-घाटों के आस-पास धूम्रपान करना भी वर्जित है. कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसको 5000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा. हरिद्वार में आपको शुद्ध शकाहारी भोजन ही खाने को मिलेगा.
आस-पास
वहीं हरिद्वार से ऋषिकेश मात्र 38 मिनट की दूरी पर स्थित है जिसकी दूरी 19.9 किलोमीटर है. यहां के लिए भी आपको हरिद्वार बस-स्टॉप से सीधा बस सुविधा मिल जाएगी. जहां पर आप अडवेंटर्स स्पॉट्स का मज़ा ले सकते हैं.
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