मंसा देवी मंदिर (Mansa Devi Mandir), देवी मंसा को समर्पित एक मंदिर है. यह मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित है. यह मंदिर शिवालिक पर्वतमाला के Bilwa Parvat के शिखरबिंदु पर है. यह पर्वत श्रृंखला, हिमालय पर्वतमाला का सुदूर दक्षिणी हिस्सा है. Bilwa Parvat पर स्थित होने की वजह से इस मंदिर को बिल्वा तीर्थ भी कहा जाता है. यह हरिद्वार में स्थित पंच तीर्थों (Panch Teerth in Haridwar) में से एक है.
मंसा देवी (Mansa Devi Temple) को शक्ति का स्वरूप कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति भगवान शिव के मस्तिष्क से हुई थी. मंसा को नाग वासुकी की बहन भी कहा जाता है. मंसा शब्द का सीधा अर्थ किसी भी इच्छा से है और ऐसा कहा जाता है कि सच्चे भक्त की हर मनोकामना देवी के मंदिर में आकर पूरी हो जाती है.
इस मंदिर से जुड़ी एक कथा भी है. एक बार मंसा नाम की एक साधारण कन्या थी. कन्या को अपनी सच्चाई का पता नहीं था. वह भगवान शिव से मिलने का ठान लेती है और उनकी साधना में जुट जाती है. वर्षों की तपस्या के बाद उसे शिव के दर्शन होते हैं. यहां उसे अपने सत्य का पता चलता है. अपना सत्य जानने के बाद, इस कन्या को देवी की शक्ति मिलती है और वह लोक के कल्याण का कार्य करने लगती है. मंदिर में आने वाले भक्त परिसर में स्थित वृक्ष से पावन धागा बांधते हैं. एक बार मनोकामना पूरी होने के बाद लोग दोबारा यहां आते हैं और यह धागा छोड़ते हैं. मंसा देवी के मंदिर में नारियल, फल, माला और अगरबत्ती भी चढ़ाई जाती है.
मंसा देवी मंदिर एक सिद्धपीठ (Mansa Devi Siddhpeeth) है. हरिद्वार में कुल तीन सिद्धपीठ हैं. बाकी दो सिद्धपीठ में Chandi Devi Temple और Maya Devi Temple है.
हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की पूरी कोशिश रहती है कि वे इस मंदिर जरूर जाएं. मंदिर से गंगा नदी और हरिद्वार के मैदानी इलाके का नजारा दिखाई देता है. मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को या तो ट्रेकिंग करके चढ़ाई करनी होती है या रोपवे की सेवा लेनी होती है. रोपवे सर्विस का नाम “Mansa Devi Udankhatola” है. इसका टिकट 145 रुपये प्रति व्यक्ति है. अगर आप इस पैकेज में चंडी देवी की Yatra को भी जोड़ना चाहते हैं तो उड़नखटोले का किराया 475 रुपये हो जाता है. चंडी देवी जाने के लिए मंसा देवी की Yatra के बाद आपको वाहन से चंडी देवी के लिए बने उड़न खटोले तक ले जाया जाता है.
मंसा देवी के लिए बने उड़नखटोले के लिए एक केबिन में एक बार में चार लोगों को बिठाया जाता है. रोपवे की कुल लंबाई 540 मीटर (1,770 ft) है और इसकी ऊंचाई 178 मीटर (584 ft) है. आम दिनों में, मंदिर सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है.
ऐसा कहा जाता है कि मंसा देवी और चंडी देवी, पार्वती मां का ही स्वरूप हैं और ये दोनों हमेशा साथ रहती हैं. यह विश्वास आपको यहां सजीव रूप में दिखाई देता है. सिर्फ हरिद्वार में ही नहीं बल्कि हरियाणा के पंचकूला में भी मंसा देवी और चंडी देवी का मंदिर आसपास ही है.
मंसा देवी मंदिर, हरिद्वार से नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार ही है. स्टेशन की दूरी यहां से 3 किलोमीटर की है. देहरादून के Jolly Grant Airport की दूरी 37 किलोमीटर की है.
हरिद्वार जाते ही मैंने सबसे पहले मां गंगा में डुबकी लगाई. मां गंगा का पावन स्नान करके मैं पैदल ही मंसा देवी मंदिर (Mansa Devi Mandir) के लिए हर की पौड़ी से इस तरफ आने वाले रास्ते पर बढ़ चला था. कुछ दूर आगे आकर हमने लंच किया. लंच के बाद पता किया तो मालूम हुआ कि पहले पैदल मार्ग के लिए रास्ता आएगा और फिर उड़नखटोला के लिए.
मंसा देवी मंदिर जाने के लिए उड़नखटोला की टिकट (Udan Khatola Ticket at Mansa Devi Mandir) लेनी होती है. इसके लिए काफी लंबी लाइन थी. करीब 20 से 25 मिनट में मेरा नंबर आ गया. टिकट लेकर जब हमने उड़न खटोला स्टेशन के अंदर जाने के लिए एंट्री ली, तो वहां हमें एक कूपन नंबर दिया गया.
इस कूपन नंबर का वेटिंग टाइम 1 घंटे तक का होता है. बैठने के लगभग 20 मिनट बाद हमारा नंबर आया. हमारा नंबर 56 था. कूपन नंबर आने के बाद हम केबिन की तरफ बढ़ चले. केबिन में बैठने के कुछ ही मिनटों बाद हम मंसा देवी मंदिर पहुंच चुके थे.
मंसा देवी मंदिर के पास बने उड़न खटोला के स्टेशन पर उतरते ही, रास्ता ऐसा बना है कि आप खुद ब खुद मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं.
मंसा देवी मंदिर में हालांकि मैंने अव्यवस्था का हाल देखा. भक्तों का कोई ख्याल नहीं दिखाई दिया. उड़न खटोला स्टेशन (Udan Khatola Station at Mansa Devi Mandir) से लेकर बाहर तक प्रसाद, मिठाई वह खानपान की दुकानें तो थीं लेकिन भक्तों की व्यवस्था के नाम पर व्यवस्था शून्य.
अंदर तो ऐसा लगा कि भगदड़ न मच जाए. खैर, मां सबकी रक्षा करें. मंदिर के दर्शन करके हम उड़नखटोला से वापस भी आए. ये Yatra शानदार रही. अव्यवस्था का अनुभव एक तरफ और मां की महिमा एक तरफ.
मां मंसा देवी हम सबका कल्याण करें. जय मां मंसा देवी की…
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