Mahakumbh 2025 Prayagraj : प्रयागराज के महाकुंभ में आए दिलचस्प बाबा… किसी ने उगाया अनाज, कोई चाबी से मशहूर!
Mahakumbh 2025 Prayagraj : महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज में साधु-संतों की भीड़ एकत्रित हो चुकी है. संतों की विशेष साधनाएं लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं. चारों ओर साधना, भक्ति, और तपस्या का अद्वितीय संगम देखने को मिल रहा है. छोटू और चाभी वाले बाबा से लेकर बवंडर और स्प्लेंडर बाबा तक, संगम की पवित्र धरती पर बाबाओं का अनूठा अंदाज भी लोगों का ध्यान खींच रहा है. आइए जानते हैं महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज की धरती पर देश और दुनिया से आए अनूठे बाबाओं पर…
अनाज वाले बाबा || Grain Baba
अनाज वाले बाबा के नाम से मशहूर अमरजीत उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले हैं. पिछले पांच सालों से वे पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए अपने सिर पर गेहूं, बाजरा, चना और मटर जैसी फसलें उगा रहे हैं. हठ योग के अभ्यासी, वे इस अनूठी पद्धति को शांति को बढ़ावा देने और चल रहे वनों की कटाई के बीच हरियाली के महत्व को फैलाने का एक तरीका मानते हैं.
श्रवण पुरी बाबा: सबसे कम उम्र के तपस्वी || Shravan Puri Baba
महज तीन साल की उम्र में श्रवण पुरी जूना अखाड़ा शिविर (Juna Akhara Shivir) में एक केंद्रीय व्यक्ति बन गए हैं. जब वे तीन महीने के थे, तब उनके माता-पिता ने उन्हें आश्रम को दान कर दिया था, तब से वे संतों के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में हैं. भक्तों का मानना है कि उनकी उपस्थिति से कल्याण होता है, कुछ लोग बच्चे को चमत्कारी शक्तियों का श्रेय देते हैं, उनकी तुलना अनुभवी साधुओं से करते हैं. सबसे कम उम्र के बाबा होने के कारण खूब ध्यान आकर्षित किया है.
बवंडर बाबा | Bavandar Baba
बवंडर बाबा एक लाख किलोमीटर की यात्रा करके पवित्र भूमि प्रयागराज पहुंचे हैं. बवंडर बाबा मध्य प्रदेश रांची के रहने वाले विनोद सनातनी हैं. इन्होंने 14 साल की उम्र में ही संन्यास ले लिया था. अपने गुरु से दीक्षा लेने के बाद बाबा ने सनातन धर्म के प्रचार के लिए यात्रा शुरू की. वे 25 राज्यों में घूम चुके हैं.
स्प्लेंडर बाबा || Splendor Baba
तीन साल की उम्र से ही पोलियो के कारण दिव्यांग होने के बावजूद, स्प्लेंडर बाबा ने गुजरात से प्रयागराज तक तीन पहियों वाली मोटरसाइकिल से यात्रा की, इस यात्रा में 14 दिन लगे. उन्होंने ANI से बातचीत के दौरान कहा “मेरा आश्रम राजकोट और अहमदाबाद के बीच है. मैं यहाँ के साधुओं और सनातन धर्म के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए गुजरात से कुंभ मेले के लिए आया हूँ. मैं पोलियो के कारण दिव्यांग हूं. जब यह बीमारी हुई, तब मैं तीन साल का था. मुझे 14 दिन लगे. बारिश के कारण मुझे चार दिन रहने के लिए जगह ढूंढनी पड़ी. मैं 2013 के कुंभ में भी आया था, लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है कि कुछ अनोखा हो रहा है.”
चाबी वाले बाबा || Chabi Wale Baba
20 किलोग्राम की बड़ी चाबी रखने के लिए जाने जाने वाले, चाभी वाले बाबा आध्यात्मिक ज्ञान के द्वार खोलने का प्रतीक हैं. उनकी उपस्थिति ने श्रद्धालुओं को आकर्षित कर दिया है.
छोटू बाबा || Chotu Baba
3 फीट 8 इंच लंबे छोटू बाबा ने एक अधूरी प्रतिज्ञा के कारण 32 वर्षों से स्नान नहीं किया है. उनकी विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने अनगिनत भक्तों को उनकी अनोखी आध्यात्मिक यात्रा को समझने के लिए उत्सुक किया है.
ई-रिक्शा बाबा || E-Rikshaw Baba
ई-रिक्शा बाबा ने दिल्ली से प्रयागराज तक की यात्रा इलेक्ट्रिक रिक्शा में की है. परिवहन का उनका मामूली तरीका दृढ़ संकल्प का प्रतीक बन गया है, जिससे वे लोगों के पसंदीदा बन गए हैं.
रुद्राक्ष बाबा || Rudraksh Baba
रुद्राक्ष बाबा के नाम से मशहूर महंत वशिष्ठ गिरि महाराज अपने शरीर से लेकर कंधों तक 1.25 लाख ‘रुद्राक्षों’ से खुद को सजाए हुए हैं. वे बताते हैं कि उनकी पोशाक भगवान शिव के प्रति उनके अटूट समर्पण का प्रतीक है, उन्होंने रुद्राक्षों को “भगवान शिव के आंसू” के रूप में वर्णित किया है.
रबड़ी बाबा || Rabdi Baba
मेले में भक्तों को मलाईदार रबड़ी परोसने के लिए रबड़ी बाबा ने लोकप्रियता हासिल की है. सुबह 8:00 बजे से लेकर देर रात तक, वह एक बड़ी कढ़ाई में मीठा पकवान तैयार करते हैं और इसे अपने पास आने वाले लोगों को ‘मीठे आशीर्वाद’ के रूप में वितरित करते हैं.
चाय वाले बाबा || Tea Baba
दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी को महाकुंभ में “चाय वाले बाबा” के नाम से जाना जा रहा है. वो 40 वर्षों से चाय पर जी रहे हैं. शिक्षा के प्रति उनके समर्पण और अनूठी जीवनशैली ने उन्हें मेले में एक उल्लेखनीय व्यक्ति बना दिया है.
दोस्तों, हमने इस आर्टिकल में सिर्फ चुनिंदा बाबाओं के बारे में जानकारी दी है. महाकुंभ में ऐसे अनगिनत दिव्य पुरुष आए हुए हैं, जो अपनी विद्या, ख्याति और अनूठे तरीकों से चर्चा के केंद्र में हैं. हम महाकुंभ और यात्रा से जुड़ी नई नई जानकारी आप तक पहुंचाते रहेंगे. आप हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और Facebook, Instagram और Youtube पर हमारे साथ जुड़ें.