Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ जाएं तो प्रयागराज के ये 5 फेमस मंदिर जरूर घूमें
Maha Kumbh 2025 : 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम तट पर जुटेंगे, कुंभ के मौके पर अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं तो यहां के 5 फेमस मंदिरों के दर्शन करना न भूलें. ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है. तो आइए जानते हैं उन प्रसिद्ध मंदिरों के नाम, जिनके दर्शन महाकुंभ के दौरान एक बार जरूर करने चाहिए.
1.संकटमोचन हनुमान मंदिर || Sankatmochan Hanuman Temple
यह मंदिर प्रयागराज में गंगा के तट पर स्थित है. इसे लथे हुए हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि हर साल मां गंगा सबसे पहले लेटे हुए हनुमान को स्नान कराती हैं. इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. हनुमान जी की यह विचित्र मूर्ति 20 फीट ऊंची है.
2.वेणी माधव मंदिर || Veni Madhav Temple
इस मंदिर में स्थापित वेणी माधव की मूर्ति प्रयागराज की प्रथम देवी मानी जाती है. यह मंदिर दरगंज में स्थित है. मान्यता है कि प्रयागराज की रक्षा के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करने के बाद ब्रह्मा जी ने इसकी स्थापना की थी.
3.पातालपुरी मंदिर || Patalpuri Temple
इस मंदिर में भगवान अपने अर्धनारीश्वर स्वरूप में विराजमान हैं और तीर्थों के राजा प्रयाग की मूर्ति भी यहीं स्थापित है. यहां भगवान शनि को समर्पित एक अखंड ज्योति है, जो 12 महीने जलती रहती है.
4.नागवासुकी मंदिर || Nagavasuki Temple
इस मंदिर में नागों के राजा वासुकी विराजमान हैं. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि प्रयागराज आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक वे नागवासुकी मंदिर के दर्शन नहीं कर लेते.
5.सरस्वती कूप और अक्षय वट || Saraswati Koop and Akshay Vat
आप यहां मौजूद अक्षयवट और सरस्वती कूप के भी दर्शन कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां चार युगों से बरगद का पेड़ मौजूद है. कहा जाता है कि अपने वनवास के दौरान त्रेता युग में भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण यहां आए थे और इसी पेड़ के नीचे विश्राम किया था.
इन मंदिरों के दर्शन करने से महाकुंभ का अनुभव और भी खास हो जाएगा. इन मंदिरों के दर्शन करने से हमें न केवल आध्यात्मिक शांति मिलेगी बल्कि हम यहां की सांस्कृतिक विरासत को भी महसूस कर पाएंगे.