माँ वैष्णो देवी ( Maa Vaishno Devi ) के भक्तों को ट्रैवल जुनून का नमस्कार! माँ वैष्णो देवी का मंदिर ( Maa Vaishno Devi Mandir ) , भारतवर्ष में देवी माँ के प्रमुख मंदिरों में से एक है. हर साल, लाखों श्रद्धालु, त्रिकुटा पर्वत पर स्थित माँ वैष्णो देवी के मंदिर ( Maa Vaishno Devi Mandir ) में मत्था टेकने आते हैं. ये सभी भक्त, माँ से मनोकामना माँगते हैं और माँ भक्तों की हर दुआ क़बूल करती है. माँ वैष्णों देवी ( Maa Vaishno Devi Mandir ) की यात्रा के दौरान आपको कोई परेशानी न हो इसके लिए, हम आपको इस ब्लॉग में, वैष्णो देवी ( Maa Vaishno Devi Mandir ) की यात्रा से जुड़ी कुछ काम की जानकारी देने जा रहे हैं. अगर आप माँ वैष्णों देवी के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं तो लंबी पदयात्रा में किन साधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं, आइए जानते हैं.
अगर आप, माँ वैष्णो देवी की यात्रा पर जाते हैं तो आपके सामने चढ़ाई करने के लिए दो मार्ग में से कोई एक चुनने का विकल्प होता है. दरअसल, माँ वैष्णो देवी की यात्रा के लिए बने पुराने मार्ग पर दुकानों की भीड़, घोड़े-खच्चरों की चहलक़दमी, घोड़े खच्चरों की लीद गिरी होती है. ये मार्ग कहीं कहीं आपको खड़ी चढ़ाई का अनुभव भी देता है जिसमें थकान ज़्यादा होती है. इसके साथ ही, ये संकरा ज़्यादा ही है. इस वजह से, पैदल सफ़र करने के लिए ये मार्ग हम आपको क़तई नहीं सुझाएँगे. इसकी अपेक्षा माँ वैष्णो देवी की यात्रा के लिए बना ताराकोट मार्ग आपको शांति से चहलक़दमी करते हुए यात्रा पूरी करने का अनुभव देता है. इस मार्ग पर, वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड ने जगह जगह शौचालय, शीतल जल, खाद्य पदार्थों की व्यवस्था की हुई है. जल और शौचालय का इस्तेमाल आप बिना कोई शुल्क दिए कर सकते हैं. इसके साथ ही, यहाँ आपको मुफ़्त लंगर भी मिलता है. श्राइन बोर्ड की तरफ़ से ये लंगर सदैव चलता रहता है. आप यहाँ भोजन करें और अपनी प्लेटें धोएँ इसके बाद माँ की जयकार करते हुए आगे बढ़ जाएँ. दोनों ही मार्ग, अर्धकुंवारी पर जाकर मिल जाते हैं.
दोस्तों, हम तो यही कहेंगे कि माँ के दर्शन के लिए पैदल यात्रा का जो आनंद है वो किसी और तरीक़े में नहीं. हालाँकि, बच्चे, बूढ़े और कई बार तो युवा लोग इस रास्ते से यात्रा पूरी नहीं कर पाते हैं. ऐसे में, उन्हें वो सभी साधन जान लेना बेहद ज़रूरी है जिनके ज़रिए कम समय में हम माँ वैष्णों देवी के दर्शन कर सकते हैं.
मां वैष्णों देवी की यात्रा आप हेलिकॉप्टर से भी कर सकते हैं. बुजुर्गों के लिए ये सबसे अच्छा साधन है. अगर आप, हेलिकॉप्टर से मां वैष्णो देवी की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको यात्रा से 60 दिन पहले अपनी बुकिंग करानी होगी. हेलिकॉप्टर से आप सांझीछत पर उतरते हैं. कटरा की तलहटी से होने वाली ये यात्रा 8 मिनट में हेलीकॉप्टर से पूरी हो जाती है. मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हेलिकॉप्टर से होने वाली इस यात्रा के लिए आपको एक हजार रुपये से कुछ ही ज्यादा रकम खर्च करनी होती है. हेलिकॉप्टर के एक राउंड में 5 से 6 यात्रियों को ही ले जया जाता है. कटरा में बना हेलीपैड, पस स्टैंड से २ किलोमीटर दूर है और सांझीछत जहां ये आपको छोड़ता है, वहां से मां का भवन 2.5 किलोमीटर दूर है. यह साधन बेहद आरामदायक रहता है.
घोड़े और खच्चर का साधन, माँ वैष्णों देवी की यात्रा के सबसे पुराने साधनों में से एक है. इस साधन में, दर्शनार्थी को घोड़े या खच्चर पर बैठाकर माता के भवन तक ले जाया जाता है. इस साधन का विकल्प अगर आप चुनते हैं तो आपको अलग अलग दूरी के लिए अलग अलग शुल्क देना होगा. इसमें, एक यात्री पर लगभग 3 हज़ार का खर्च आता है.
अगर आप बच्चों के साथ मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए हैं और उन्हें लेकर किसी वजह से हेलिकॉप्टर में सफर नहीं कर सकते हैं तो चिंता की बात नहीं. मां वैष्णो देवी मंदिर तक जाने के लिए आपको प्रैम्स की सुविधा भी मिलती है. इसमें एक साथ दो छोटे बच्चों को भी बिठाया जा सकता है. भक्तों को जम्मू-कश्मीर के कटरा पहुंचने पर कटरा से अर्द्धकुंवारी भवन और भैरों बाबा तक के लिए प्रैम की सुविधा मिल रही है. हेलिकॉप्टर से पहुंचने वालों को हेलिपैड से माता वैष्णों के भवन तक यह सुविधा दी जा रही है. प्रैम की सुविधा लेने के लिए कटरा से अर्द्धकुंवारी तक 350 रुपए खर्च करने होंगे जबकि कटरा से मुख्य भवन तक 700 से 800 रुपए का चार्ज देना होगा. जो युवक इन प्रैम्स को चलाते हैं उनके बकायदा आईडी कार्ड होते हैं आप फिर भी एक बार चाहें तो उन आईडी की जांच कर सकते हैं.
मां वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाते जब तक भैरव बाबा के दर्शन न कर लिए जाएँ. दोनों के बीच की दूरी 1.5 किलोमीटर है. भैरव बाबा के मंदिर की चढ़ाई सीधी है और बेहद मुश्किल है. इसी वजह से ढेरों भक्त इसके दर्शन किए बिना ही वापस आ जाते हैं. हालांकि, अब इसके लिए रोपवे की सेवा भी उपलब्ध है. यह रोपवे, आपको मनोकामना भवन से सीधे भैरव घाटी ले जाता है. इसमें 15 मिनट का समय लगता है. रोपवे से भैरव बाबा के मंदिर तक जाने के लिए करीब 100 रुपये का शुल्क प्रति व्यक्ति के हिसाब से चुकाना होता है. एक रोपवे में, एक बार में 40 से 50 लोग सफर कर सकते हैं.
कटरा से मां के भवन तक यात्रा करने के लिए पालकी भी एक बेहतर विकल्प है. इसमें बुजुर्ग और बच्चे आसानी से यात्रा कर सकते हैं. ऐसे लोग जिन्हें घोड़े-खच्चर पर बैठने पर डर लगता है या जो स्वास्थ्य कारणों से उसपर सहजता से सफ़र नहीं कर सकते उनके लिए पालकी सर्वोत्तम है. इसके लिए 100 किलो से कम वजन होने की स्थिति में आपको कटरा से भवन तक आने-जाने के लिए 4,000 रुपये चुकाने होते हैं और 100 किलो से ज़्यादा वजन होने पर 4,500 रुपये शुल्क देना होता है.
पालकी, प्रैम्स और हेलिकॉप्टर के अलावा आप माँ वैष्णों देवी मंदिर तक जाने के लिए बैटरी कार का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. बैटरी कार सेवा खासतौर पर दिव्यांग, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए शुरू की गई थी. मां वैष्णो देवी के दरबार तक 13 किलोमीटर के रूट पर 25 से अधिक बैटरी कारें चलती हैं. अर्द्धकुंवारी से भवन तक जाने के लिए लगभग 350 रुपये तक का चार्ज देना होता है.
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