Kunjapuri Mandir – कुंजापुरी मंदिर ( Kunjapuri Mandir ) , देवी सती पर आधारित शक्तिपीठ में से एक है. इस मंदिर में आपको एक अलग तरह की शांति का अहसास होगा. पर्वत की चोटी पर स्थित ये मंदिर, आपको हिमालय के सुंदर नजारे भी दिखाता है. मैंने पहली बार Kunjapuri Mandir का जिक्र, भारतीय विद्या भवन के ऋषिकेश एजुकेशन टूर पर सुना था. मैं बतौर गेस्ट फैकल्टी उस ट्रिप में शामिल था और छात्रों का एक ग्रुप विलेज टूर के दौरान वहां गया था.
असेंबली में, छात्रों के उस ग्रुप ने जब अपने अनुभवों को शेयर किया और बताया कि हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो उठते हैं, तभी से इस मंदिर ( Kunjapuri Mandir ) में जाने की तमन्ना मेरे मन में थी.
मैं इसी ख़्वाहिश को लिए, 2017 में अप्रैल महीने में, वहां गया था. हालांकि इसके बाद 2020 में नवंबर का महीना ऐसा रहा जब मैं दोबारा इस जगह ( Kunjapuri Mandir ) गया. लेकिन इस बार पहले की तरह गाड़ी से नहीं गया बल्कि मैंने फैसला लिया कि पैदल ही मंदिर तक पहुंचूंगा. हालांकि ये रास्ता कोई बहुत लंबा तो नहीं लेकिन पहाड़ों पर चढ़ाई के मामले में हम, समतल जमीन पर रहने वाले थोड़ा हल्का पड़ जाते हैं.
हिंडोलाखाल में नाश्ते के बाद शुरू किया सफर
हिंडोलाखाल गांव में नाश्ते के बाद हमने ट्रेक शुरू किया. ये पूरा मार्ग ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट की वजह से जगमगाने लगा है. मैंने सुबह 11 बजे के आसपास ट्रेक शुरू किया था. ट्रेक के लिए आपको मंदिर ( Kunjapuri Mandir ) के रास्ते पर प्रवेश करने के साथ ही दाहिने हाथ पर एक रास्ता दिखाई देगा. ये रास्ता आप आसानी से पहचान लेंगे.
ये रास्ता, आपको एक के बाद एक, दूसरे रास्तों से जोड़ता हुआ मंदिर ( Kunjapuri Mandir ) तक पहुंचाता है और रास्ते में एक दो बार मुख्य मार्ग से जोड़ देता है.
ट्रेक पर ये रखें सावधानियां
ट्रेकिंग के दौरान, जूते ऐसे पहनें जो जमीन पर पकड़ बनाकर चलें. बेहतर होगा कि कोई ऐसा डंडा ले लें जो जमीन पर पकड़ बनाए रखे. रास्ते में, रोड़ी और पहाड़ियों के टूटे टुकड़े होने की वजह से ऐसी सावधानी ज़रूरी है.
एक घंटे की ट्रेक से ज़्यादा, सड़क पर 5 मिनट की वॉक ने थकाया
ट्रेक करते करते, एक पल ऐसा आया जब हम मंदिर ( Kunjapuri Mandir ) के नजदीक पहुंच गए थे. यहां पर हमने पैदल मार्ग को छोड़कर, सड़क मार्ग का रुख कर लिया. बस क्या था, सड़क पर 5 मिनट के ट्रेक ने ही हमें बेहद थका दिया. हिम्मत जवाब दे गई. लेकिन खुशी तब हुई जब आगे हमें समतल रास्ता दिखाई देने लगा.
स्थानीय लोगों के लिए तो कुछ भी नहीं
पहाड़ों पर किसी भी स्थानीय बाशिंदे से बात कर लीजिए, वो यही कहेंगे कि बस थोड़ी ही दूर. वैसे, वो ऐसा आपके हौसले को बनाए रखने के लिए ही कहते होंगे लेकिन उनका ये ‘बस थोड़ा सा’, मेरे लिए ‘बहुत ज्यादा सा’ होता है. यही हुआ, जब हम सड़क पर उतरे. हमने किसी से पूछा तो उन्होंने कहा कि बस पहुंच ही गए.
हालांकि, हम पास ही थे लेकिन हमारे लिए वो बस पहुंच जाना ही बहुत लंबी दूरी को लिए बैठा था.
In Kunjapuri Mandir
कुंजापुरी मंदिर ( Kunjapuri Mandir ) में, हमारी बात वहां के पुजारियों से हुई. मंदिर की पूजा पाठ का जिम्मा बरसों से एक ही परिवार के पास है. पुजारी ने बताया कि यहां दो और भी पवित्र चोटियां दिखती हैं जिनमें से एक सुरकंडा देवी का मंदिर भी है. सुरकंडा देवी का मंदिर भी एक शक्तिपीठ है.
इस पूरी यात्रा का वीडियो आप हमारे यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.
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