Kotwal in Morena – महाभारत से हम सभी परिचित हैं. महाभारत की साज़िशों से, युद्ध की रणनीति से, छल से… हम सभी महाभारत काल से जुड़ी जगहों को देखना समझना भी चाहते हैं. कई लोग अक्सर ही ये सवाल करते हैं कि महाभारत काल की वह जगह आखिर कहां पर है जहां कुंती ने कर्ण को जन्म दिया था. साथ ही, लोग वह जगह भी जान लेना चाहते हैं जहां पर कुंती ने कर्ण को बहाया था. आज इस आर्टिकल में हम आपको वह जगह तो बताएंगे ही जहां पर कुंती ने कर्ण को जन्मा था. इसके साथ ही, आपको वह जगह दिखाएंगे जहां पर कुंती ने कर्ण को पानी में बहाया था.
ये जगह है मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित कुतवार ( Kutwar in Morena ). कुतवार ( Kutwar ) को प्राचीनकाल में कुंतलपुर ( Kuntalpur ) के नाम से भी जाना जाता था. आज इसे कोतवाल ( Kotwal in Morena ) भी कहते हैं. यह जगह पांडवों की ननिहाल है. यहां पर हरसिद्धी माता का मंदिर ( Harsiddhi Mata Mandir ) है. यह मंदिर भी महाभारत काल का है. कुतवार में आसन नदी बहती है और इसी आसन नदी के किनारे पर एक जगह है कुंती मंदिर ( Kunti Mandir in Kotwal ).
कहा जाता है कि द्वापरयुग में एक समय ऋषि दुर्वासा यहां चातुर्मास करने आए थे. दुर्वासा ऋषि के चातुर्मास के दौरान कुंती ने उनकी सेवा की थी. जब ऋषि दुर्वासा यहां से जाने लगे, तब उन्होंने सोचा कि कुंती को क्या वरदान दिया जाए. वह कुंती की सेवाभक्ति से बेहद प्रसन्न थे.
दुर्वासा ऋषि ने अपने ज्ञान के प्रताप से भविष्य की ओर दृष्टि की, तो उन्हें आने वाले समय का बोध हो गया. तत्पश्चात उन्होंने कुंती को एक ऐसा मंत्र बताया था जिसके उच्चारण से वह सूर्य देवता का ध्यान करके पुत्र प्राप्ति कर सकती थी. कुंती ने जब इस मंत्र को जांचने के लिए सूर्य का आह्वान किया तब वह यहीं कुतवार में आसन नदी ( Asan River in Kotwal ) के किनारे प्रकट हो गए थे. आसन नदी के किनारे शिला पर आज भी सूर्य भगवान के घोड़ों की पदचाप को देखा जा सकता है.
आसन नदी ( Asan River in Kotwal ) के इसी किनारे पर जब सूर्य देवता प्रकट हुए तो कुंती की गोद में उन्होंने कर्ण को दे दिया था. कुंती ने हालांकि मंत्र को जांचने के लिए उसका उच्चारण किया था, लेकिन कर्ण के जन्म लेने के बाद वह सामाजिक निंदा के डर से भयभीत हो उठी थीं. तब कुंती ने इसी नदी में कर्ण को बहा दिया था.
जिस आसन नदी ( Asan River in Kotwal ) में कर्ण को बहाया गया था, उसे कर्णखाक भी कहते हैं. सदियां गुज़र जाने के बाद भी आज यहां आकर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे द्वापरयुग के एक किस्से का द्वार आपके समक्ष खुल गया हो.
कुतवार में आसन नदी के इस किनारे पर कुंती का मंदिर ( Kunti Mandir ) भी है. इस मंदिर में एक अति प्राचीन शिवलिंग है. कहते हैं कि शिवलिंग अपना आकार बदलता रहता है. इसकी स्थापना श्री लक्ष्मण के हाथ की बताते हैं. आप मुरैना में इस कुंती मंदिर ( Kunti Mandir ) कैसे पहुंच सकते हैं, आइए ये भी जान लेते हैं.
मुरैना रेलवे स्टेशन से कुतवार के कुंती मंदिर की दूरी 15 किलोमीटर से ज़्यादा की है. इसमें वाहन से 45 मिनट तक लग सकते हैं. आप देश के किसी भी हिस्से से मुरैना रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं. ग्वालियर रेलवे स्टेशन भी यहां से पास ही है लेकिन सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन मुरैना का ही है.
मुरैना रेलवे स्टेशन के बाहर से आपको ऑटो की सेवा मिल जाएगी. ध्यान रखें कि आप इस जगह निजी वाहन से या टैक्सी/ऑटो बुक करके ही पहुंच सकते हैं. सार्वजनिक परिवहन की सुविधा यहां न के बराबर है.
कुतवार के नज़दीक ही आपको हरसिद्धी माता का मंदिर दिखेगा. आप इस प्राचीन मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं. साथ ही, कुतवार डैम भी खासा प्रसिद्ध है, आप इस डैम पर कुछ पल गुज़ार सकते हैं. यहां की शांति और मौसम के आप दीवाने हो जाएंगे.
कोतवाल एक छोटा सा गांव ही है. वहां ठहरने की कोई व्यवस्था है नहीं. अगर आप यहां आते हैं, तो बेहतर रहेगा कि मुरैना स्टेशन के नज़दीक या शहर में होटल/धर्मशाला में ही ठहरें. दिन में यात्रा करके सांझ होने तक अपने होटल में पहुंच जाएं. यही उचित है.
अगर आपको कुतवार के बारे में किसी भी तरह की जानकारी चाहिए हो, तो बेझिझक हमारी ईमेल आईडी gotraveljunoon@gmail.com पर संपर्क करें.
Kupwara Travel Blog : कुपवाड़ा जिला, जो 1979 में तत्कालीन जिला बारामुल्ला से अलग होकर… Read More
Maha Kumbh Mela in 2025 : कुंभ मेला हर 3 साल, अर्ध कुंभ मेला हर… Read More
Ujjain Mahakal Bhasma Aarti Darshan : उज्जैन महाकाल भस्म आरती दर्शन के साथ दिव्य आनंद… Read More
Kulgam Travel Blog : कुलगाम शब्द का अर्थ है "कुल" जिसका अर्थ है "संपूर्ण" और… Read More
Vastu Tips For Glass Items : बहुत से लोग अपने रहने की जगह को सजाने… Read More
Travel Tips For Women : महिलाओं के लिए यात्रा करना मज़ेदार और सशक्त बनाने वाला… Read More