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Khatu Shyam Mandir, Rajasthan: कौन हैं भगवान खाटू श्याम? जानें राजस्थान के सीकर में स्थित मंदिर के बारे में सबकुछ

Khatu Shyam Mandir, Rajasthan: खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. खाटू श्याम बाबा का फेमस मंदिर राजस्थान राज्य के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित है. इस मंदिर के प्रति भक्तों की बहुत आस्था है. यहां हर साल होली के शुभ अवसर पर खाटू श्याम जी का मेला लगता है. इस महोत्सव में देश-विदेश से कई भक्त बाबा खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आते हैं.  खाटू श्याम बाबा के मंदिर की इन मान्यताओं के पीछे महाभारत काल की एक पौराणिक कहानी है. आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे खाटू श्याम दिर का इतिहास, कैसे पहुंचे, दर्शन का समय, खाटू श्याम मंदिर का महत्व, खाटू श्याम मंदिर में कितना पैदल चलना पड़ता है और खाटू श्याम मंदिर पर होटल कितने दाम में मिल जाता है इसके साथ और भी बहुत कुछ बताएंगे…

Table of Contents

खाटू श्याम बाबा मंदिर, बर्बरीक मंदिर का इतिहास ||  Khatu Shyam baaba mandir, barbareek mandir ka itihaas

जब बर्बरीक युद्ध करने जा रहे थे तब भगवान श्री कृष्ण ने उनसे कहा कि वे उनकी परीक्षा लें कि केवल तीन बाणों से कोई भी युद्ध नहीं जीत सकता.  बर्बरीक ने तीनों बाणों का महत्व बताते हुए कहा कि उनका पहला बाण निश्चित स्थानों को चिन्हित करेगा और दूसरे और तीसरे बाण उन स्थानों को सुरक्षित रूप से सुरक्षित और नष्ट कर सकते हैं.

Khatu Shyam Kaun Hain : खाटू श्याम कौन हैं, राजस्थान में स्थित इस मंदिर का क्या है इतिहास, आइए जानते हैं

बर्बरीक से मिले इस वरदान के कारण कौरव और पांडव दोनों ही उन्हें अपने पक्ष में रखना चाहते थे। तब भगवान कृष्ण ने एक ब्राह्मण का रूप धारण करके उसका सिर बर्बरीक से मांग लिया और उसे दान में दे दिया। इस विचित्र माँग के कारण बर्बरीक ने उनसे अपने वास्तविक रूप में आने को कहा। तब श्री कृष्ण प्रकट हुए और उन्होंने बर्बरीक को उस युद्ध का वीर क्षत्रिय और योद्धा बताया, उन्होंने उनसे कहा कि युद्ध में सबसे वीर और क्षत्रिय योद्धा का बलिदान बहुत महत्वपूर्ण होता है। अत: उनकी ऐसी प्रतिज्ञा सुनकर बर्बरीक ने अपना शीश काटकर श्रीकृष्ण को दान में दे दिया। तब भगवान श्री कृष्ण ने उनके इस अद्भुत उपहार को देखा और उन्हें वरदान दिया कि वे श्री कृष्ण के नाम से पूरे संसार में “श्याम” के नाम से जाने जायेंगे.

खाटू श्याम मंदिर का महत्व || Importance of Khatu Shyam Temple

युद्ध के अंत में भगवान कृष्ण ने बर्बरीक का सिर रूपवती नदी को समर्पित कर दिया. फिर कलियुग में खाटू गांव के राजा के स्वप्न और श्याम कुंड के चमत्कार के बाद फाल्गुन माह में खाटू श्याम मंदिर की स्थापना की गई. शुक्ल मास की 11वीं तिथि को खाटू बाबा को उस मंदिर में स्थापित किया गया. 1720 ई. में दीवान अभयसिंह ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और तब से उस मंदिर की चमक आज भी कायम है. श्याम कुंड की मान्यता देश-विदेश में है.  मान्यता है कि जो भक्त इस कुंड में स्नान करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर की मान्यता बाबा के कई मंदिरों में सबसे ज्यादा रही है।

खाटू श्याम मंदिर का दर्शन नियम ||  Khatu Shyam Mandir ka darshan niyam

winter season: मंदिर प्रातः 5.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक और सायं 5.00 बजे से रात्रि 9.00 बजे तक खुला रहता है.
Summer: मंदिर सुबह 4.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम 4.00 बजे से रात 10.00 बजे तक खुला रहता है
मंदिर में जाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी बुकिंग कन्फर्म हो गई है, अन्यथा ऑनलाइन पंजीकरण के बिना प्रवेश से इनकार कर दिया जाएगा.
एकादशी, द्वादशी जैसे विशेष अवसरों पर मंदिर के द्वार भक्तों के लिए बंद रहते हैं।
ऑनलाइन खाटू श्याम बुकिंग के लिए आधिकारिक वेब पोर्टल www.shrishyamdarshan.in है.

 

खाटू श्याम मंदिर का आरती समय || Khatu Temple Aarti Niyam:

Aarti Summer Winter
Mangala Aarti 4:30 am 5.30 am
Shrngar Aarti 08:00 am 07:00 am
Raj-Bhogh Aarti 12:00 pm 12:30 pm
Evening Aarti 8:30 pm 07:00 pm
Sleeping Aarti 10:00 pm 09:00 pm

खाटू श्याम मंदिर कहां स्थित है ||  Khatu Shyam Temple Kahan Sthit  hai ?

खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के छोटे से गांव खाटू में स्थित है. यह रींगस रेलवे स्टेशन, जयपुर, राजस्थान से लगभग 80 किमी दूर स्थित है. आप रेलवे स्टेशन और जयपुर हवाई अड्डे से कैब या टैक्सी द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं. आप जापी ट्रैवल जैसे विश्वसनीय किराये सेवा प्रदाताओं के कई टूर पैकेजों के माध्यम से किफायती किराये की सवारी भी बुक कर सकते हैं.

खाटू श्याम मंदिर की लोकेशन क्या है || Kya hai Khatu Shyam ki  location

खाटू शहर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है. खाटू श्याम मंदिर हिन्दू भक्तों का बहुत लोकप्रिय तीर्थस्थल है. यह मंदिर एक शहर का नाम खाटू है. रिंगस टाउन से यह सिर्फ 18 किलोमीटर दूर है, जो कि सीकर जयपुर हाईवे के बीच स्थित है। रिंगास निकटतम रेलवे स्टेशन भी है, तो सबसे पहले आपको रिंगस तक पहुंचना है, फिर एक कार, जीप या बस से खाटू श्याम जी मंदिर पहुँचें. मकराना के प्रसिद्ध संगमरमर से निर्मित, शहर के केंद्र में स्थित है. खाटू श्याम जी को कलियुग का भगवान माना जाता है (वर्तमान युग जहां पाप और अधर्म अपने अधिकतम स्तर पर है।)

Khatu Shyam Baba : खाटू श्याम बाबा के बारे में जानें अनोखे फैक्ट और इतिहास

Location and Map स्थान का नक्शा श्री खाटू श्याम जी मंदिर की दिशा
भारत राजस्थान सीकर या जयपुर खाटू पी.ओ.
Address of Khatu Shyam ji- पता:
श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर
खाटू श्याम मंदिर समिति
जिला: सीकर
राज्य: राजस्थान

खाटू श्याम मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन क्या है || Najadeek railway station kya hai Khatu Shyam Mandir ki?

रींगस रेल जंक्शन खाटू श्याम का नजदीकी रेलवे स्टेशन है और लगभग 18.5 किमी की दूरी पर है और इसे कवर करने और मंदिर तक पहुंचने में मुश्किल से 35 से 40 मिनट लगेंगे. रींगस जंक्शन रेलवे स्टेशन भारत के राजस्थान में सीकर जिले में स्थित है.  एक मॉडल रेल जंक्शन होने के नाते, यह रींगस शहर और पड़ोसी पवित्र स्थान श्री खाटू श्याम जी की सेवा कर रहा है, जो चारों ओर से पर्यटकों द्वारा बहुत देखी जाने वाली जगह है, यहां तक ​​कि इसका धार्मिक महत्व और प्रमुखता भी है और यही कारण है कि हर जगह से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. रेलवे स्टेशन पर पानी और साफ-सफाई समेत बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. 2005 तक, रेलवे स्टेशन मुख्य मीटर गेज स्टेशन था, लेकिन ब्रॉड गेज ट्रैक के निर्माण के बाद, यह चालू हो गया है और अब के लिए एक महत्वपूर्ण बीजी जंक्शन बन गया है. खाटू श्याम मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो राजस्थान के खाटू श्याम जी गांव में स्थित है और तीर्थयात्रियों के बीच काफी प्रसिद्ध है. भक्त और लोगों का मानना ​​है कि मंदिर में महाभारत के एक पात्र खाटू श्याम या बर्बरीक का सराहनीय रूप से पुनः खोजा गया सिर है.

खाटू श्याम मंदिर पर धर्मशाला कितने में मिलती है || Khatu Shyam mandir par dharmashaala kitane mein milatee hai?

भक्त दर्शन के बाद कहां रूके या कहां पेट भरें इसके लिए कुछ धर्मशालाएं भी हैं. जो आपकी जेब के भार को जानते हुए आप ट्राई कर सकते हैं. इस धर्मशालाओं में आपको एसी रूम के साथ ही स्वाद से भरी थाली भी महज 600 रुपए में मिल सकती है.

श्री खाटू श्‍याम सरकार चैरिटेबल ट्रस्‍ट || Shri Khatu Shyam Sarkar Charitable Trust

मंदिर से महज 500 मीटर दूर इस धर्मशाला में तो आप पैदल भी जा सकते हैं. यहां 3 बेड वाला एक एसी रूम 700 रुपए में मिल जाएगा. आप चाहे तो नॉन एसी रूम भी ले सकते हैं.

​हरियाणा धर्मशाला​ || Haryana Dharamshala

यहां भी आप पैदल भी पहुंच सकते हैं. मंदिर से 0.1 किमी दूर ये धर्मशाला सस्ती और साफ सुथरी है. यहां नॉन एसी रूम आपको 400-700 रुपए में मिलेगा. सुबह की चाय के लिए आपसे 10 रुपए लिए जाएंगे. तो वहीं भोजनालय में भोजन की व्यवस्था भी है.

यादव धर्मशाला || Yadav Dharamshala

ये धर्मशाला भी बिल्कुल मंदिर के पास है. जहां सिर्फ 500 रुपए में एसी रूम आपको मिल जाएगा. ज्यादा लोग हों तो आप एक्स्ट्रा बेड भी लगवा सकते हैं. हर बेड का चार्ज 100 रुपए के करीब पड़ेगा.

सांवरिया धर्मशाला

खाटूश्याम जी से सिर्फ 500 मीटर दूर ये धर्मशाला है. जहां पर परिवार के साथ पहुंचे लोग रह सकते हैं. यहां पर 3 बेड रूम आपको 1100 रुपए में ही मिल जाएगा. आप आने से पहले भी अपनी बुकिंग करा सकते हैं.

हैदराबाद धर्मशाला खाटू श्याम जी ​

खाटू श्‍याम जी के मंदिर के पास श्री श्‍याम प्रचार मंडल हैदराबाद की ये धर्मशाला भी अच्छा ऑप्शन हो सकती है. यहां पर 2 बेड वाले रूम के लिए कुल 600 रुपए खर्च करने पड़ेंगे.

खाटू श्याम मंदिर पर होटल कितने दाम में मिल जाता है ||Khatu Shyam Mandir mandir par hotal kitane daam mein mil jaata hai?

होटल राधे की हवेली

अगर खाटूश्याम जी की कृपा आपकी जेब पर हैं और आप यहां राजस्थान के ठाठ बाट का मजा लेना चाहें तो होटल राधे की हवेली को ट्राई कर सकते हैं. यहां रूकना आपको थोडा सा महंगा लग सकता है. लेकिन सर्विस इतनी अच्छी है की आपको यहां से प्यार हो जाएगा. कोशिश करे की पहली ही बुकिंग कर लें, क्योंकि आमतौर पर पीक टाइम पर यहां जगह नहीं मिलती है.

खाटू श्याम बाबा का प्रिय भोग || Khatu Shyam Baba ka priy bhog

बाबा श्याम का सबसे प्रिय भोग गौ माता का कच्चा दूध है. यह पहला भोग है जिसे श्याम बाबा ने खाटू की धरती पर सबसे पहले स्वीकार किया था. बता दें की बाबा श्याम का शीश श्याम कुंड से प्रकट हुआ. कहा जाता है कि शीश प्रकट होने से पहले इस जगह पर एक गौ के थनों से स्वत: ही दूध जाने लगा, जब यह बात गौ पालक को पता चली तो उसने उस जगह पर खुदाई शुरू कर दी तब वहां पर शीश प्रकट हुआ। इसलिए माना जाता है कि गौ दूध पहला प्रसाद है जो बाबा श्याम को सबसे ज्यादा पसंद है। ऐसे में हो सके तो आप भी गौ माता का दूध प्रसाद के रूप में खाटू मंदिर में जरूर चढ़ाएं और परम कृपा के पात्र बने.

खाटू श्याम मंदिर किसने बनवाया था || Kisne Khatu Shyam Mandir Banwaya

माना जाता है सीकर जिले में प्रसिद्ध खाटू श्याम जी का मंदिर खाटू गांव के शासक राजा रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर द्वारा सन् 1027 में बनवाया गया था। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा रूपसिंह को सपना आया, जिसमें उन्हें खाटू के कुंड में श्याम का सिर मिलने के बाद उनका मंदिर बनवाने के लिए कहा गया था। तब राजा रूपसिंह ने खाटू गांव में खाटू श्याम जी के नाम से मंदिर का निर्माण करवाया। लेकिन 1720 में एक मशहूर दीवान अभयसिंह ने इसका पुर्ननिर्माण कराया।

खाटू श्याम मंदिर की कहानी क्या है || What is the story of Khatu Shyam Temple

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले, बर्बरीक की वीरता बेजोड़ बताई जाती थी. उसने कमजोर पक्ष का पक्ष लेने का फैसला किया था ताकि वह निष्पक्ष रह सके, एक ऐसा निर्णय जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों का पूर्ण विनाश हो जाता, केवल बर्बरीक ही एकमात्र जीवित बचा रह जाता.  ऐसा कहा जाता है कि श्री कृष्ण ने ऐसे विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए, बर्बरीक से उसका सिर (शीश दान) मांगा, जिसके लिए वह तुरंत सहमत हो गए. श्री कृष्ण बर्बरीक की भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुए और बर्बरीक के महान बलिदान से उन्होंने उसे वरदान दिया, जिसके अनुसार बर्बरीक को कलियुग (वर्तमान समय) में कृष्ण के ही नाम श्याम जी के नाम से जाना जाएगा. उन्हीं के स्वरूप में पूजे जाते हैं.

खाटू श्याम मंदिर में किस भगवान की मूर्ति है ||  Khatu Shyam mandir mein kis bhagavaan kee moorti hai

खाटू श्याम बर्बरीक के रूप है. श्रीकृष्ण ने ही बर्बरीक को खाटूश्यामजी नाम दिया था। भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी खाटू में विराजित हैं.

खाटू श्याम मंदिर में महिलाओं के लिए क्या नियम है ||  Khatu Shyam mandir mein mahilaon ke lie kya niyam hai

खाटू श्याम मंदिर में यदि आप दर्शन करने जा रहे हैं तो आपको मंदिर परिसर में जाने से पहले नए नियमों को जानना बेहद जरूरी है। नए नियम के तहत मंदिर परिसर में छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, मिनी टॉप, मिनी स्कर्ट, नाईट सूट, कटी-फटी जींस पहनकर आने पर महिलाएं को प्रवेश नहीं मिलेगा.

खाटू श्याम मंदिर में कितना पैदल चलना पड़ता है ||  Khatu Shyam Mandir mein kitana paidal chalana padata hai?

भक्तों को 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. हालांकि, पहले सामान्य दिनों में यात्रा मेन मार्केट से होकर जाने वाले रास्ते से की जाती थी.

खाटू श्याम मंदिर के भजन कौन-कौन से हैं || Khatu Shyam  mandir ke bhajan kaun-kaun se hain

 

खाटू श्याम मंदिर का नजदीकी बस अड्डा कौन सा है ||  Khatu Shyam Mandir najadeekee bas adda kaun sa hai

खाटू श्याम मंदिर का नजदीकी एयरपोर्ट कौन सा है || Khatu Shyam Mandir ke najadeekee airport kaun sa hai

खाटू श्याम मंदिर किस साल बना था ||  Khatu Shyam Mandir kis sal Bana Tha

एक मान्यता यह भी है की करीब 1000 साल पहले एकादशी के दिन बाबा का शीश श्यामकुंड में मिला था. यहां पर कुएं के पास एक पीपल का बड़ा पेड़ था. यहां पर आकर गायों का दूध स्वत ही झरने लगता था. गायों के दूध देने से गांव वाले हैरत में थे. गांव वालों ने जब उस जगह खुदाई की तो बाबा श्याम का शीश मिला था. शीश को चौहान वंश की रानी नर्मदा कंवर को सौंप दिया गया, बाद में विक्रम संवत 1084 में इस शीश की स्थापना मंदिर में की गई उस दिन देवउठनी एकादशी थी.भक्त इस पवित्र तालाब में इस विश्वास के साथ पवित्र स्नान करते हैं कि यह स्नान उन्हें सभी रोगों और संक्रमणों से छुटकारा दिलाएगा.

मंदिर की वर्तमान वास्तुकला दीवान अभयसिंह द्वारा 1720 के आसपास पुनर्निर्मित की गई है. भगवान बर्बरीक,जिन्हें वर्तमान समय (कलियुग) का देवता माना जाता है. यहां भगवान कृष्ण के रूप में उनकी पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में जरूरतमंदों के सहायक के रूप में पूजनीय भगवान खाटू श्याम यहां निवास करते हैं और अपने भक्तों की सभी प्रार्थनाओं का उत्तर देने के लिए प्रसिद्ध हैं.

खाटू श्याम मंदिर की दिल्ली जयपुर भोपाल से दूरी कितनी है || Khatu Shyam mandir kee dillee jayapur bhopaal se dooree kitanee hai

भोपाल सेबाबा खाटूश्याम मन्दिर की बीच की कुल दूरी लगभग 675 किलोमीटर है.

रिंगस स्टेशन (बाबा खाटूश्याम मन्दिर से 18 किलोमीटर की दूरी पर है)

सीकर स्टेशन (बाबा खाटूश्याम मन्दिर से 65 किलोमीटर की दूरी पर है)

जयपुर स्टेशन (बाबा खाटूश्याम मन्दिर से 80 किलोमीटर की दूरी पर है)

खाटू श्याम का मेला कब लगता है || Khatu Shyam Ka Mela Kab Lagta Hai

होली के कुछ दिनों पहले फरवरी -मार्च में यहां खाटू श्याम जी का भव्य मेला आयोजित होता है, जिसमें देश ही नहीं विदेशों से भी बाबा के भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं. फाल्गुन मेला खाटू श्याम जी का मुख्य मेला है यह मेला 5 दिनों के लिए लगाया जाता है जिसमे भक्त श्याम बाबा के साथ होली का त्यौहार मानते हैं।

खाटू श्याम मंदिर का दर्शन कैसे करें || Khatu Shyam mandir ka darshan kaise karen

अगर आप Khatu Shyam Darshan Ticket लिए बिना दर्शन करने जाते हैI तो ज्यादा भीड़ होने के नाते आपको अंदर नहीं जाने दिया जाएगा और आपको बाहर से ही दर्शन करना पड़ेगाI इसलिए जब भी आप खाटू श्याम महाराज जी का दर्शन करने जाएं, तो सबसे पहले खाटू श्याम दर्शन के लिए टिकट ले लेI
इसके अलावा इस कोरोना काल के दौरान अगर आप दर्शन करने जा रहे हैं, तो आप को कोरोना वैक्सीन लगा होना चाहिएI
खाटू श्याम मंदिर में प्रवेश करने से पहले ध्यान से मास्क लगा ले, अगर आप बिना मास्क के खाटू श्याम मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो पकड़े जाने पर 2000 का जुर्माना देना पड़ेगाI
18 साल से कम आयु वाले श्रद्धालुओं का खाटू श्याम दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं होगाI
खाटू श्याम मंदिर में आप कोई भी चीज लेकर प्रवेश नहीं कर सकते हैं, इसलिए आप जहां ठहरे हैं वहीं पर अपना सभी सामान रखकर केवल पूजा सामग्री लेकर खाटू श्याम मंदिर में प्रवेश करेंI
नोट : पूजा के लिए खाटू श्याम मंदिर में प्रवेश करने से पहले आपको श्याम कुंड में स्नान करना होगा, इसके बाद खाटू श्याम महाराज जी का दर्शन करने के लिए लाइन में लग जाना हैI यहां पर मैं आपको बता देना चाहता हूं कि श्याम कुंड से ही खाटू श्याम बाबा जी की मूर्ति प्रकट हुई थीI

खाटू श्याम मंदिर पूजा विधि और पूजा समाग्री || Khatu Shyam mandir pooja vidhi aur pooja samaagree

अगर आप खाटू श्याम बाबा का दर्शन करने आ रहे है, तो आपको खाटू श्याम मंदिर में पूजा विधि के नियम मालूम होने चाहिएI खाटू श्याम मंदिर में पूजा विधि का नियम

खाटू श्याम मंदिर पूजा विधि और खास दिन || Khatu Shyam mandir pooja vidhi aur khaas din

खाटू श्याम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए हमेशा खुला रहता है आप किसी भी मौसम में खाटू श्याम बाबा का दर्शन करने आ सकते हैंI लेकिन खाटू श्याम बाबा का दर्शन करने के लिए हर महीने की आने वाली द्वादश का विशेष दिन होता हैI

इस दिन अगर कोई श्रद्धालु खाटू श्याम जी का पूजा करता है, तो वह साक्षात भगवान श्री कृष्ण का पूजा कर रहा है ऐसा माना जाता हैI अगर कोई श्रद्धालु पांच द्वादश लगातार व्रत रखता है, खाटू श्याम महाराज की सच्चे दिल से पूजा करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैI

खाटू श्याम मंदिर पूजा के लिए सामग्री
अक्षत
रोली
एक मीठा पान
चुरमा का लड्डू
खीर
देशी घी का लड्डू
बिना टूटा हुआ एक मुट्ठी चावल
शाम के वक्त गौ पूजा करते हो समय चौकी बनाकर उस पर रोली और अक्षत मिलाकर ज्योति अर्पण करें, इसके बाद 5 चूरमे के लड्डू का भोग लगाएंI
दीपक जलाने की बात 5 बार देसी घी से आहूति देते हुए खाटू श्यामाये नमः का जाप करना हैI बाबा खाटू श्याम महाराज जी का दर्शन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है

खाटू श्याम मंदिर की पदयात्रा कैसे करें || Khatu Shyam mandir kee padayaatra kaise karen

निशान यात्रा एक तरह की पदयात्रा होती है जिसमे भक्त अपने हाथो में श्री श्याम ध्वज हाथ में उठाकर श्याम बाबा को चढाने खाटू श्याम जी मंदिर तक आते है। इसी श्री श्याम ध्वज को निशान कहा जाता है। मुख्यत यह यात्रा रींगस से खाटू श्याम जी मंदिर तक की जाती है जोकि 18 किमी की यात्रा है.

खाटू श्याम मंदिर में दर्शन टाइमिंग क्या है || Khatu Shyam Darshan Samay

खाटू श्याम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए हर मौसम में अलग-अलग समय पर खोला जाता हैं.

सर्दियों के मौसम में खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय

सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
शाम 5:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक
गर्मियों के मौसम में खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय

सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
शाम 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक
नोट : प्रत्येक साल फागुन मास में लक्खी मेले के वक्त खाटू श्याम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे के लिए खोला जाता है.

खाटू श्याम मंदिर की जानकारी || Information about Khatu Shyam Temple

जैसा कि हमने आपको बताया कि खाटू श्याम जी का मंदिर महाभारत काल में ही बनकर तैयार हो गया था। यहां पर भगवान कृष्ण खाटू श्याम बाबा के रूप में स्थापित है। मंदिर की स्थापित्य कला समृद्ध है। श्याम बाबा मंदिर में खाटू श्याम की मूर्ति उनके सिर के रूप में है, जो खाटू गांव के कुंड में दबा मिला था। पूरा मंदिर लाइम मोर्टार, मकराना संगमरमर और टाइल्स से निर्मित है.

यहां एक प्रार्थना हॉल है, जिसे जगमोहन के नाम से जाना जाता है.  इस हाल की खास बात यह है कि इसकी दीवारों पर पौराणिक व्यू चित्रित किए गए हैं.  खाटू श्यामजी के मंदिर का प्रवेश द्वार और निकास द्वार संगमरमर से बने हैं. मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने एक खुली जगह है. पास में एक सुंदर बाग भी स्थित है जिसे श्याम बाग कहा जाता है. यह बाग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. ये वही बाग है जहां से भगवान खाटू श्याम को अपर्ण करने के लिए फूल चुने जाते हैं. इस बगीचे के बाहर अलू सिंह की समाधि स्थित है. गोपीनाथ मंदिर भी मुख्य मंदिर के दक्षिण पूर्व में स्थित है. यहां पास में गौरीशंकर मंदिर भी है. गौरीशंकर मंदिर से जुड़ी एक कहानी भी काफी मशहूर है। कहा जाता है कि मुगल सम्राट औरंगजेब के कुछ सैनिक इस मंदिर को नष्ट करना चाहते थे. उन्होंने इस मंदिर के भीतर भालों के साथ शिव लिंगम पर हमला बोला. शिव लिंगम से खून की धारा बहने लगी, तब सैनिक वहां से भाग गए। आज भी कोई भी लिंगम पर भाले का निशान साफ देख सकता है.

खाटू श्याम मंदिर जाने का बेस्ट समय-Best Time To Visit Khatu Shyam Temple

ऐसे तो आप खाटू श्याम मंदिर दर्शन करने के लिए कभी भी आ सकते हैं. लेकिन ठंडी के दिन में यहां पर थोड़ा ज्यादा ठंड हो जाती है। और गर्मी के दिन में नॉर्मल होती है तो आप किसी भी मंथ में आ सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर घूमने में कितना खर्चा आता है|| Khatu Shyam mandir ghoomane mein kitana kharcha aata hai

अगर आप दिल्ली से यात्रा करते हैं. तो और एक रात रुकते हैंऔर अगर आप बस से जाना चाहते हैं. तो एक व्यक्ति का कुल खर्च लगभग ₹1500 ₹1700 होगा.अगर आप ट्रेन से जाते हैं तो और जयपुर से होकर जाते हैं। तो पर व्यक्ति ₹2000 से ₹2500 होगा.

Komal Mishra

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