Khatu Shyam Kaun Hain : खाटू श्याम मंदिर की बहुत महिमा है. भक्त दूर दूर से मंदिर में खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आते हैं. खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है, जहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. इस तीर्थ स्थल में कृष्ण और बर्बरीक पूजे जाने वाले देवता हैं, जिन्हें कुलदेवता के रूप में पूजा जाता है.
दुर्लभ पत्थरों से बनी है मूर्ति भक्तों का मानना है कि मंदिर में एक महान योद्धा बर्बरीक या खाटूश्याम का सिर है, जिन्होंने कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान कृष्ण के अनुरोध पर अपना सिर बलिदान कर दिया था. आज के आर्टिक मे हम आपको बताएंगे खाटू श्याम कौन हैं, राजस्थान के सिकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर का इतिहास क्या है…
शस्त्रों के अनुसार खाटू श्याम की मान्यता महाभारत काल से ही है. कहा जाता है कि यहां पांडुपुत्र अति बलशाली भीम के पौत्र है. पहले इन्हें बर्बरीक के नाम से जाना जाता था. उन्होंने अपनी मां और भगवान श्री कृष्ण से युद्ध कला सीखी. इसके बाद इन्होंने मां नवदुर्गा की घोर तपस्या की. इनकी इस तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने इन्हें तीन अमोघ बाण दिए और साथ ही अग्रदेव जी ने भी इनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें एक धनुष प्रदान किया. इन दोनों दिव्य फल के कारण यह तीनों लोकों में विजयी प्राप्त कर सकते थे.
कथा के अनुसार बाबा खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया. तब से ही बाबा खाटू श्याम को कलियुग का श्री कृष्ण माना जाता है.
सनातन संस्कृति में ध्वज को विजय का प्रतीक माना जाता है. श्याम बाबा द्वारा किए गए बलिदान के लिए उन्हें एक निशान चढ़ाया जाता है. इसे उनकी जीत का प्रतीक माना जाता है क्योंकि उन्होंने धर्म की जीत के लिए अपना सिर भगवान कृष्ण को दान में दिया था. प्रतीक केसरिया, नीला, सफेद, लाल रंग का झंडा है. इन निशानों पर श्याम बाबा और भगवान कृष्ण के फोटो लगे होते हैं. कुछ निशानों पर नारियल और मोरपंख भी सुशोभित होते हैं. आजकल कई भक्त श्याम बाबा को सोने और चांदी के निशान भी चढ़ाते हैं.
खाटू श्याम धाम का फाल्गुन मेला काफी फेमस है. इस अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस मेले का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है. मान्यता है कि खाटू बाबा के दर्शन मात्र से भक्तों के जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं. लोगों का मानना है कि बाबा श्याम सबकी मनोकामना पूरी करते हैं.
खाटू श्याम जी की पौराणिक कथा || Mythology of Khatu Shyam Ji
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत की लड़ाई शुरू होने से पहले, बर्बरीक की शक्ति को बेजोड़ कहा जाता था. उसने कमजोर पक्ष का पक्ष लेने का फैसला किया था ताकि वह न्यायपूर्ण रह सके, एक ऐसा निर्णय जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों का पूर्ण विनाश हो जाएगा, केवल बर्बरीक ही जीवित बचेगा.
ऐसा कहा जाता है कि इस तरह के विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उसका सिर (शीश दान) मांगा, जिसके लिए वह सहर्ष तैयार हो गया. श्री कृष्ण उनके प्रति दिखाई गई भक्ति और बर्बरीक के महान बलिदान से बेहद खुश थे कि उन्होंने उन्हें एक वरदान दिया, जिसके अनुसार कलियुग (वर्तमान समय) में बर्बरीक को कृष्ण के अपने नाम, श्याम जी के नाम से जाना जाएगा और होगा उनके स्वरूप में पूजा की.
सर्दियां: मंदिर सुबह 5.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक और शाम 5.00 बजे से रात 9.00 बजे तक खुला रहता है.
ग्रीष्मकाल: मंदिर सुबह 4.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम 4.00 बजे से रात 10.00 बजे तक खुला रहता है.
खाटू श्याम मंदिर सड़क और ट्रेन के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है. मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन (RGS) है, जो मंदिर से लगभग 17 किमी दूर है. स्टेशन के ठीक बाहर आपको मंदिर ले जाने के लिए कई कैब और जीप (निजी या साझा) मिलती हैं. ऐसी कई ट्रेनें हैं जो दिल्ली से और जयपुर से रींगस की ओर चलती हैं जिनमें आप सवार हो सकते हैं.
नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 80 किमी दूर है, जहां से आप सड़क मार्ग से मंदिर तक जा सकते हैं.सबसे अच्छा मार्ग सवाई जय सिंह राजमार्ग के माध्यम से जयपुर-सीकर रोड से आगरा-बीकानेर रोड तक है, जिसे एनएच 11 के रूप में भी जाना जाता है. जयपुर और खाटू के बीच कई निजी और सरकारी बसें भी चलती हैं. खाटू बस स्टॉप से आप ऑटो रिक्शा लेकर मंदिर जा सकते हैं.
Diwali Shopping Places In Delhi : दिवाली इस साल 1नवंबर को मनाई जाएगी. दिवाली के… Read More
Keratosis Pilaris : बदलती जीवनशैली का हमारी त्वचा पर बहुत बुरा असर पड़ता है, जिसका… Read More
Kullu Travel Blog : ब्यास नदी के किनारे बसा कुल्लू हिमाचल में खूबसूरत घाटियों का… Read More
Sharad Purnima 2024 : हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद… Read More
Kurukshetra Tour Blog Hindi : कुरुक्षेत्र, हरियाणा प्रदेश में स्थित है. इसे धर्मक्षेत्र और भगवद… Read More
इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि डाउकी में क्या क्या किया जा सकता ( what… Read More