Karpaka Vinayak Temple Tamilnadu – गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेशजी के दर्शन के लिए लोग विभिन्न मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं। ऐसा ही एक जाना माना मंदिर है करपका विनायक मंदिर ( Karpaka Vinayak Temple) जहां स्थित है दो भुजाओं वाले गणपति भगवान की प्रतिमा। करपका विनायक मंदिर के मुख्य देवता भगवान श्री गणेशजी हैं जिनका एक नाम विनायक भी है।
देशभर में भगवान गणेश के कई प्राचीन और बेहद खूबसूरत मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर स्थित है तमिलनाडु के तिरुपथुर तालुक में पिल्लरेपट्टी में। यह मंदिर करपका विनायक मंदिर ( Karpaka Vinayak Temple ) के नाम से भी जाना जाता है। करपका विनायक मंदिर ( Karpaka Vinayak Temple ) भगवान श्री गणेश को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर में पाए गए शिलालेखों से जानने को मिलता है कि ये तीर्थ स्थल करीब 800 साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि यहां गणेश भगवान की मूर्ति पर की गई नक्काशी चौथी शताब्दी के आसपास की गई थी। इस प्रसिद्ध मंदिर का ध्यान चेट्टियार समुदाय द्वारा रखा जाता है और यह इस समुदाय के नौ सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है।
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यहां पर स्थित है गणेशजी की 6 फीट लंबी चट्टान की मूर्ति। वैसे आमतौर पर गणेशजी की चार भुजाओं वाली मूर्ति देखने को मिलती है लेकिन इस मंदिर में स्थापित मूर्ति में गणेशजी की सिर्फ दो ही भुजाएं हैं। ये मुख्य प्रतिमा सोने से मढ़ी हुई है। यहां गणेशजी की सूंड दाईं ओर है जिसकी वजह से उन्हें वैलपूरी पिल्लईर भी कहा जाता है। यहां पर सभी देवताओं की मूर्तियों का मुख उत्तरी दिशा की ओर है। गणेशजी का उत्तर की ओर मुख करना और दाईं तरफ सूंड का होना काफी शुभ माना जाता है। यह समृद्धि, धन और ज्ञान का कारक होता है।
ऐसा माना जाता है कि पांड्या राजाओं द्वारा पिल्लरेपट्टी पहाड़ी पर कारपका विनायक मंदिर ( Karpaka Vinayak Temple ) का निर्माण किया गया था। यहां पर स्थित विनायकार और शिवजी की मूर्तियां एक शिल्पकार एकट्टूर कून पेरुपरानन द्वारा तैयार की गईं हैं। इस मंदिर की मूर्तियां तैयार करने वाले मूर्तिकार ने एक पत्थर के शिलालेख पर तमिल भाषा में अपने हस्ताक्षर भी कर रखे हैं।
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करपका विनायक मंदिर ( Karpaka Vinayak Temple ) में एक गुफा है जिसे एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है। ये गुफा भी भगवान गणेशजी को समर्पित है। इस गुफा में भगवान शिव और अन्य देवताओं के पत्थर से बनाई गई मूर्तियां भी स्थित हैं। यहां की सबसे खास बात है कि करपका विनयक मंदिर ( Karpaka Vinayak Temple ) की गुफा को एक ही पत्थर से काटकर बनाया गया है। मंदिर के गर्भगृह में अंदर पर्याप्त रोशनी रहे इसलिए यहाँ तेल के बड़े-बड़े दीपकों का प्रयोग किया जाता है। यहां पाए गए शिलालेखों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 1091 और 1238 ई. के बीच बनाया गया था।
करपका विनायक मंदिर ( Krapaka Vinayak Temple ) के पट सुबह 6 बजे से दोपहर के 12 बजे तक खुलते हैं। इसके बाद शाम 4 से रात के
8 :30 बजे तक मंदिर के पट दोबारा खुलते हैं। करपका विनायक मंदिर ( Karpaka Vinayak Temple )में दर्शन करने के लिए किसी प्रकार की एंट्री फीस नहीं लगती।
बस से ( By Bus ): बस से यहां जाने के लिए चेन्नई, मदुरई, कराईकुडी, देवकोट्टई, तिरुचिरापाली, शिवगंगई, रामेश्वरम, शिवकाशी, परमकुडी, थेनी, कोडाइकलाल, कोयंबटूर, डिंडीगुल, पलानी, पुधुकोट्टई, अरन्थंगी, सेलम, नागोर, नागापट्टिनम, बंगलुरू जैसे प्रमुख शहरों से लगातार बस सेवा उपलब्ध है।
ट्रेन से ( By Train ): कराइकुडी – 13 किलोमीटर, मदुरै – 70 कि.मी., तिरुचि – 100 किलोमीटर यहां पर स्थित निकटतम रेलवे स्टेशन है।
हवाईजहाज से ( By Plane ): हवाईजहाज से यात्रा करने के लिए यहाँ पर स्थित निकटतम एयर पोर्ट: मदुरै – 70 किलोमीटर त्रिची – 100 किलोमीटर कोयंबटूर – 260 किलोमीटर
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