Karh Dham : भारत एक ऐसा देश है जहां अन्य देशों की तुलना में संस्कृति इतिहास सर्वोपरि है. इसलिए भारत की संस्कृति और इतिहास से आकर्षित होकर पर्यटक हर साल कई जगहों पर घूमने जाते हैं. अगर हमारे भारत का इतिहास लाखों साल पुराना है और लोगों के दिलों में इसे जानने की लालसा पैदा करता है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे धाम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे कराह धाम के नाम से जाना जाता है. कुछ साल पहले कराह धाम मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से करीब 15 किलोमीटर दूर एक जंगल था.
जिसे आज ऋषि-मुनियों की तपोभूमि कहा जाता है. पहले उस जगह पर जाना बहुत खतरनाक था क्योंकि इस जगह पर हिंसक जानवरों का बास और घना जंगल हुआ करता थाय लेकिन कहते हैं भक्ति, भक्ति और प्रेम में इतनी ताकत होती है कि हिंसक जानवर भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते जो हमारे देश के उन महान तपस्वियों द्वारा सही साबित किया गया है जो न केवल विशाल घने जंगल में रहते थे बल्कि शेर सांपों के साथ खेलते थे.
मुरैना से लगभग 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसी जगह है जो 50 साल पहले एक विशाल घना जंगल हुआ करती थी, जहां हिंसक जानवरों का बड़ा प्रकोप हुआ करता था और कोई वहां जाना नहीं चाहता था, लेकिन आज करह तपोभूमि का रूप बदल चुकी है और यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. करह धाम के बारे में कई ऐसी कहानियां हैं जिन्हें सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं और अनायास ही करह धाम के दर्शन करने के लिए उत्साहित हो जाते हैं.
करह आश्रम स्थल पर विराजमान एकादश (ग्यारह) मुखी हनुमानजी की प्रतिमा मेले में पहुंचने वाले दर्शनार्थियों के बीच आकर्षण केन्द्र बनी हुई है. यहां पहुंचने वाले धर्मप्रेमी इस प्रतिमां को देखकर कहते हैं कि हनुमानजी के दर्शन तो बहुत किए लेकिन इस प्रतिमां जो तेज वह और कहीं कम ही देखने को मिलता है.
करह धाम में एक कुंआ है. जिसे लोग सरयू के नाम से पुकारते हैं. कहा जाता है कि अयोध्या के पास बहनेवाली नदी सरयू का ही यहां पानी रहता है. पाटियावाले बाबा की कृपा से इस कुंआ में सरयू नदी का पानी है. आश्रम आनेवाला हर भक्त यहां के पानी का इस्तेमाल करता है. करह धाम के लोगों का मानना है कि इस पानी से चरम रोग से मुक्ति मिलती है.
इसके साथ ही कुत्ता काटने पर भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. कुंआ का पानी इतना स्वच्छ है और शीतल है कि चेहरे पर डालते ही ताजगी महसूस होती है. इस कुंआ को देखकर आपको पुराने जमाने की भी याद आएगी. कुंआ से पानी निकालने का तरीका बिल्कुल पारंपरिक है. जो सालों पहले ग्रामीण इलाकों में देखा जाता था. चक्के के जरिए सरकता हुआ रस्सी कुंआ के अंदर जाता है. फिर आप उसी के सहारे पानी ऊपर की ओर खींचते हैं. अब तो सिर्फ फिल्मों और सिरियलों में ऐसा कुंआ देखने को मिलता है.
पटियावाले बाबा की पुण्यतिथि के मौके पर करह धाम में सिय-पिय मिलन महोत्सव का आयोजन किया जाता है. चंबल के अलावा पूरे देश से श्रद्धालु इस महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं. करह धाम के सेवक रवि गुप्ता बताते हैं कि 8 दिन तक यह महोत्सव चलता है. करीब 10 लाख श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. सभी के लिए भंडारा का आयोजन किया जाता है.
दूर-दूर से संत भी सिय-पिय मिलन समारोह में पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की भी करह धाम में व्यवस्था की जाती है. आस-पास के गांव के लोग मिलकर भंडारा करते हैं. जिसमें खीर और मालपूआ का प्रसाद बनता है. करह धाम के संचालन के लिए श्री विजय राघव सरकार ट्रस्ट बनाया गया है. जो पूरे आश्रम का संचालन करती है. आश्रम की ओर से हॉस्पिटल और गौशाला भी चलाया जाता है. करह धाम के अलावा पटियावाले बाबा का वृंदावन, खेरागढ़, चित्रकुट और ग्वालियर में भी कई आश्रम है.
करह धाम तक पहुंचने के लिए आपके पास तीनों रास्ते उपलब्ध हैं. आप करह धाम तक बस, ट्रेन या हवाई यात्रा से आराम से पहुंच सकते हैं.
अगर आप किसी राज्य से करा धाम आना चाहते हैं तो हवाई मार्ग से आ सकते हैं. कराह धाम मुरैना जिले में स्थित है. और नजदीकी हवाई अड्डा विजयाराजे सिंधिया हवाई अड्डा महाराजपुरा ग्वालियर है, जो मुरैना से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। यहां से आप सभी अंतर्देशीय उड़ानें भर सकते हैं.
मुरैना जिले का हाईवे नंबर 3 उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे शहरों को जोड़ता है। यहां से मथुरा, दिल्ली, आगरा, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रमुख शहरों के लिए नियमित बसें हैं. और आप मुरैना से कराह धाम के लिए टैक्सी या खुद का वाहन ले सकते हैं.
यदि आप करह धाम रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो करह धाम का नजदीकी रेलवे स्टेशन दिल्ली-झांसी रेलवे लाइन पर मुरैना है. इसलिए इस रेलवे स्टेशन से देश के बड़े शहरों के लिए कई ट्रेनें उपलब्ध हैं.
क्या आप भी शाम ढलते ही नर्वस, बेचैन और बेचैन महसूस करते हैं? एक अनजाना… Read More
Amrit Udyan Open : राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रसिद्ध अमृत उद्यान (जिसे पहले मुगल गार्डन… Read More
Pushkar Full Travel Guide - राजस्थान के अजमेर में एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर-पुष्कर… Read More
Artificial Jewellery Vastu Tips : आजकल आर्टिफिशियल ज्वैलरी का चलन काफी बढ़ गया है. यह… Read More
Prayagraj Travel Blog : क्या आप प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े तीर्थयात्रियों के जमावड़े,… Read More
10 Best Hill Stations In India : भारत, विविध लैंडस्कैप का देश, ढेर सारे शानदार… Read More